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What Is Eye Lash Lift: इस ट्रीटमेंट के बाद बोल उठेंगी आपकी पलकें....जानें इसके बारे में सबकुछ
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्रुति गौड़
Updated Thu, 18 Sep 2025 01:41 PM IST
सार
What Is Eye Lash Lifting: पलकों पर मस्कारे का असर कुछ घंटों में खत्म हो जाता है। ऐसे में स्थायी खूबसूरती के लिए आईलैश लिफ्टिंग ट्रीटमेंट बेहतरीन विकल्प बन गया है।
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इस ट्रीटमेंट के बाद बोल उठेंगी आपकी पलकें....
- फोटो : Adobe stock
What Is Eye Lash Lifting: अगर आपको बड़ी एवं खूबसूरत पलकें पसंद हैं और आप रोजाना मस्कारा तथा आईलैश कर्लर का इस्तेमाल करती हैं, तो यह आपका समय लेने वाला काम कभी-कभी आपको थकाने वाला लगता है। इसी परेशानी का स्थायी समाधान है- आईलैश लिफ्टिंग ट्रीटमेंट। यह एक ऐसा ब्यूटी प्रोसेस है, जिससे आपको बिना मस्कारा लगाए नेचुरल, घनी और ऊपर की ओर उठी हुई आकर्षक पलकें मिलती हैं।


सबसे पहले जानें
- फोटो : Adobe stock
सबसे पहले जानें
आईलैश लिफ्टिंग ट्रीटमेंट एक ब्यूटी प्रोसेस है, जिसमें प्राकृतिक पलकों को ऊपर की ओर कर्ल किया जाता है, जिससे वे लंबी और घनी दिखती हैं। इसमें पलकों को एक डार्क टिंट भी दिया जाता है, जो उन्हें और अधिक आकर्षक बनाता है। यह प्रक्रिया मस्कारा या नकली पलकों का अच्छा और लंबे समय तक टिकने वाला विकल्प है। महिलाएं आजकल इसे खास तौर पर पसंद कर रही हैं, क्योंकि इससे आंखें प्राकृतिक रूप से खूबसूरत नजर आती हैं।
आईलैश लिफ्टिंग ट्रीटमेंट एक ब्यूटी प्रोसेस है, जिसमें प्राकृतिक पलकों को ऊपर की ओर कर्ल किया जाता है, जिससे वे लंबी और घनी दिखती हैं। इसमें पलकों को एक डार्क टिंट भी दिया जाता है, जो उन्हें और अधिक आकर्षक बनाता है। यह प्रक्रिया मस्कारा या नकली पलकों का अच्छा और लंबे समय तक टिकने वाला विकल्प है। महिलाएं आजकल इसे खास तौर पर पसंद कर रही हैं, क्योंकि इससे आंखें प्राकृतिक रूप से खूबसूरत नजर आती हैं।
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अब प्रोसेस को समझें
- फोटो : Adobe stock
अब प्रोसेस को समझें
इस ब्यूटी ट्रीटमेंट में सबसे पहले पलकों को अच्छी तरह साफ किया जाता है, फिर सिलिकॉन पैड को पलकों पर चिपकाया जाता है और उन्हें उस पर सेट किया जाता है। इसके बाद एक लिफ्टिंग लोशन लगाया जाता है, जो बालों को सॉफ्ट बनाता है। कुछ मिनट बाद सेटिंग लोशन लगाया जाता है, ताकि पलकों का शेप फिक्स हो जाए। अंत में सीरम लगाया जाता है। यह ट्रीटमेंट 45-60 मिनट का होता है और इसका असर 6-8 हफ्तों तक रहता है।
इस ब्यूटी ट्रीटमेंट में सबसे पहले पलकों को अच्छी तरह साफ किया जाता है, फिर सिलिकॉन पैड को पलकों पर चिपकाया जाता है और उन्हें उस पर सेट किया जाता है। इसके बाद एक लिफ्टिंग लोशन लगाया जाता है, जो बालों को सॉफ्ट बनाता है। कुछ मिनट बाद सेटिंग लोशन लगाया जाता है, ताकि पलकों का शेप फिक्स हो जाए। अंत में सीरम लगाया जाता है। यह ट्रीटमेंट 45-60 मिनट का होता है और इसका असर 6-8 हफ्तों तक रहता है।

आर्टिफिशियल मगर नेचुरल
- फोटो : freepik.com
आर्टिफिशियल मगर नेचुरल
आईलैश लिफ्टिंग ट्रीटमेंट की बढ़ती लोकप्रियता का एक बड़ा कारण है कि यह आर्टिफिशियल होने के बावजूद आंखों को नेचुरल लुक देता है। यह प्रक्रिया आसान, सुविधाजनक और दर्द रहित होती है, जिसमें बहुत कम समय लगता है। इसका असर करीब एक महीने या उससे अधिक समय तक बना रहता है, जिससे महिलाएं इसे पैसा वसूल मानती हैं। इसकी सबसे खास बात है कि इसे बहुत कम देखभाल की जरूरत होती है। केवल पलकों को साफ रखना होता है, जिससे यह ज्यादा थकाने वाला भी नहीं लगता।
आईलैश लिफ्टिंग ट्रीटमेंट की बढ़ती लोकप्रियता का एक बड़ा कारण है कि यह आर्टिफिशियल होने के बावजूद आंखों को नेचुरल लुक देता है। यह प्रक्रिया आसान, सुविधाजनक और दर्द रहित होती है, जिसमें बहुत कम समय लगता है। इसका असर करीब एक महीने या उससे अधिक समय तक बना रहता है, जिससे महिलाएं इसे पैसा वसूल मानती हैं। इसकी सबसे खास बात है कि इसे बहुत कम देखभाल की जरूरत होती है। केवल पलकों को साफ रखना होता है, जिससे यह ज्यादा थकाने वाला भी नहीं लगता।
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अब प्रोसेस को समझें
- फोटो : instagram
आईलैश कर्लर
आईलैश लिफ्टिंग ट्रीटमेंट आईलैश कर्लर का बेहतर और टिकाऊ विकल्प बनकर उभरा है, क्योंकि जहां कर्लर से पलकों को रोज कर्ल करना पड़ता है और परिणाम कुछ घंटों तक ही रहते हैं, वहीं लिफ्टिंग से पलकें 4 से 6 हफ्तों तक घनी, लंबी तथा खूबसूरत दिखती हैं। साथ ही आईलैश कर्लर का गलत या बार-बार इस्तेमाल पलकों को कमजोर कर देता है, जिससे पलकें टूटती हैं, संक्रमण और एलर्जी की आशंका बढ़ जाती है। वहीं, यह ट्रीटमेंट पूरी तरह दर्द से मुक्त होता है।
आईलैश लिफ्टिंग ट्रीटमेंट आईलैश कर्लर का बेहतर और टिकाऊ विकल्प बनकर उभरा है, क्योंकि जहां कर्लर से पलकों को रोज कर्ल करना पड़ता है और परिणाम कुछ घंटों तक ही रहते हैं, वहीं लिफ्टिंग से पलकें 4 से 6 हफ्तों तक घनी, लंबी तथा खूबसूरत दिखती हैं। साथ ही आईलैश कर्लर का गलत या बार-बार इस्तेमाल पलकों को कमजोर कर देता है, जिससे पलकें टूटती हैं, संक्रमण और एलर्जी की आशंका बढ़ जाती है। वहीं, यह ट्रीटमेंट पूरी तरह दर्द से मुक्त होता है।