राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर चंडीगढ़ से दिल्ली तक का सफर सुरक्षित नहीं। कब गड्ढा आ जाए पता ही नहीं। तेज रफ्तार में ब्रेक लगाने पड़ें तो गाड़ी अनियंत्रित होने का डर रहता है। अवैध कट और टूटी ग्रिल्स से भी हादसों का डर रहता है। सर्विस लेन पर अतिक्रमण भी बड़ी परेशानी। रोजाना गुजरने वाले लाखों वाहन चालकों की जान को खतरा। चंडीगढ़ से निकलते ही और दिल्ली में प्रवेश करने से पहले जाम। हमारे सात संवाददाताओं ने 250 किलोमीटर से अधिक का सफर किया तो ये परेशानियां सामने आईं ...प्रस्तुत है ग्राउंड रिपोर्ट...
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मुश्किलों वाला हाईवे: ये सफर नहीं आसां..., चंडीगढ़ से दिल्ली तक राष्ट्रीय राजमार्ग-44 खस्ताहाल, ये है ग्राउंड रिपोर्ट
अमर उजाला नेटवर्क, हरियाणा
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Thu, 03 Mar 2022 02:01 AM IST
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चंडीगढ़ से दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग-44 की खस्ताहाली की ग्राउंड रिपोर्ट
- फोटो : अमर उजाला

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जीरकपुर : नेशनल हाईवे 44 पर फ्लाईओवर के नीचे लगा जाम।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
51 किमी के सफर में कई जगह टूटी सड़क से भी बढ़ रही परेशानी, जाम से ही होती है सफर की शुरुआत
राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर चंडीगढ़ से अंबाला का सफर आसान नहीं है। 51 किलोमीटर के इस सफर की शुरुआत ही जाम और टूटी सड़क से होती है। चंडीगढ़ से निकलते ही राजमार्ग पर जीरकपुर में भारी जाम का सामना करना पड़ता है। मुख्य सड़क से लेकर सर्विस लेन तक की यहां पर खस्ता हालत है। सुबह से लेकर शाम और रात तक यहां पर जाम की स्थिति रहती है। पिछले काफी समय से ये हालात बने हुए हैं, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सुध नहीं ली है। स्थानीय निवासी भी इसको लेकर विभाग को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन स्थिति नहीं बदली।
जीरकपुर के बाद डेराबस्सी के हालात भी इसी प्रकार हैं। इसके बाद दप्पड़ टोल प्लाजा पर भी दिनभर जाम की स्थिति रहती है। यहां पर रोजाना वीवीआईपी से लेकर वीआईपी लोग जाम में फंसते हैं, लेकिन हालात नहीं बदल रहे हैं। दूसरी ओर, सुरक्षा को लेकर भी हाईवे पर कोई खास बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। हाईवे के दोनों तरफ अवैध कट हैं और ग्रिल टूटी हुई है। इससे राजमार्ग के बीच में बेसहारा पशु आ जाते हैं और हादसों का कारण बनते हैं। रिपोर्ट- अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़
राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर चंडीगढ़ से अंबाला का सफर आसान नहीं है। 51 किलोमीटर के इस सफर की शुरुआत ही जाम और टूटी सड़क से होती है। चंडीगढ़ से निकलते ही राजमार्ग पर जीरकपुर में भारी जाम का सामना करना पड़ता है। मुख्य सड़क से लेकर सर्विस लेन तक की यहां पर खस्ता हालत है। सुबह से लेकर शाम और रात तक यहां पर जाम की स्थिति रहती है। पिछले काफी समय से ये हालात बने हुए हैं, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सुध नहीं ली है। स्थानीय निवासी भी इसको लेकर विभाग को कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन स्थिति नहीं बदली।
जीरकपुर के बाद डेराबस्सी के हालात भी इसी प्रकार हैं। इसके बाद दप्पड़ टोल प्लाजा पर भी दिनभर जाम की स्थिति रहती है। यहां पर रोजाना वीवीआईपी से लेकर वीआईपी लोग जाम में फंसते हैं, लेकिन हालात नहीं बदल रहे हैं। दूसरी ओर, सुरक्षा को लेकर भी हाईवे पर कोई खास बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। हाईवे के दोनों तरफ अवैध कट हैं और ग्रिल टूटी हुई है। इससे राजमार्ग के बीच में बेसहारा पशु आ जाते हैं और हादसों का कारण बनते हैं। रिपोर्ट- अमर उजाला ब्यूरो, चंडीगढ़
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समालखा के पास टूटी सड़क।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सुरक्षित नहीं हाईवे, बढ़ रहे हादसे (आंकड़े- वर्ष 2021)
जिला मौत घायल
जिला मौत घायल
- गुरुग्राम 379 695
- करनाल 383 464
- सोनीपत 348 524
- अंबाला 203 316
- पंचकूला 109 161
- यमुनानगर 291 331
- कुरुक्षेत्र 215 450
- कैथल 164 248
- पानीपत 311 356
- रोहतक 201 339
- झज्जर 240 324
- हिसार 161 389
- हांसी 73 149
- फतेहाबाद 90 206
- सिरसा 118 266
- भिवानी 168 383
- चरखीदादरी 66 115
- जींद 232 348
- फरीदाबाद 203 431
- पलवल 242 370
- रेवाड़ी 203 427
- नारनौल 171 324
- मेवात 217 505
- कुल 4706 8121

अंबाला ः एक होटल के सामने बना अवैध कट।
- फोटो : अमर उजाला
टूटे साइन बोर्ड, ग्रिल और अवैध कट बने मुसीबत, मनमाने तरीके से सड़क के दोनों किनारों पर खड़े रहते हैं वाहन
पिपली से अंबाला पंजाब के सद्दोपुर बॉर्डर तक 56 किलोमीटर के बीच नेशनल हाईवे से अगर आप गुजर रहे हैं तो अतिरिक्त सावधानी जरूरी है। हाईवे पर खड़े वाहन और जगह-जगह अवैध कट हादसे का सबब बन सकते हैं। इसके अलावा टूटी ग्रिल, जगह-जगह गड्ढे और निजी फर्मों के बोर्ड भी मुश्किल में डाल रहे हैं। अमर उजाला ने जब कुरुक्षेत्र जिला के पिपली अंबाला मार्ग पर सरस्वती सेतु से अंबाला सद्दोपुर पंजाब बॉर्डर तक का सफर किया तो यहां रास्ते में खामियां ही खामियां नजर आईं। पिपली से सद्दोपुर बॉर्डर के बीच सड़क के दोनों किनारों पर जूस, हेलमेट, छोले-कुलचों, चाय, तंबाकू और सिगरेट इत्यादि के करीब 100 से ज्यादा रेहड़ी और स्टाल लगे हैं। नेशनल हाईवे पर ही गाड़ियों को खड़ा करके लोग खरीदारी करते दिख जाएंगे। रिपोर्ट- राजेश शांडिल्य, अमर उजाला ब्यूरो, अंबाला
अवैध कटों को किया जा रहा बंद
पिछले कुछ दिनों से अवैध कटों को बंद करने का सिलसिला शुरू हुआ है। हालांकि यह काम काफी धीमी गति से चल रहा है। अंबाला में मोहड़ा स्थित हवेली के निकट पत्थरों के सिलों से अवैध कट बंद करने का कार्य जारी है, जबकि कुरुक्षेत्र के त्योड़ा में एक साथ बने करीब दर्जन भर ढाबों के आगे बने अवैध कटों को बंद किया गया है।
ग्रीन बेल्ट और ग्रिल पर निजी फर्मों के साइन बोर्ड
जीटी रोड की पर लगी ग्रिल और इसके बीच बनी ग्रीन बेल्ट में निजी फर्मों के साइन बोर्ड लगे हुए हैं। इनसे खतरा उस समय बढ़ जाता है, जब आंधी या तेज हवा चलती है। कारण कि इनके टूट कर गिरने से हादसों का खतरा बना रहता है।
पिपली से अंबाला पंजाब के सद्दोपुर बॉर्डर तक 56 किलोमीटर के बीच नेशनल हाईवे से अगर आप गुजर रहे हैं तो अतिरिक्त सावधानी जरूरी है। हाईवे पर खड़े वाहन और जगह-जगह अवैध कट हादसे का सबब बन सकते हैं। इसके अलावा टूटी ग्रिल, जगह-जगह गड्ढे और निजी फर्मों के बोर्ड भी मुश्किल में डाल रहे हैं। अमर उजाला ने जब कुरुक्षेत्र जिला के पिपली अंबाला मार्ग पर सरस्वती सेतु से अंबाला सद्दोपुर पंजाब बॉर्डर तक का सफर किया तो यहां रास्ते में खामियां ही खामियां नजर आईं। पिपली से सद्दोपुर बॉर्डर के बीच सड़क के दोनों किनारों पर जूस, हेलमेट, छोले-कुलचों, चाय, तंबाकू और सिगरेट इत्यादि के करीब 100 से ज्यादा रेहड़ी और स्टाल लगे हैं। नेशनल हाईवे पर ही गाड़ियों को खड़ा करके लोग खरीदारी करते दिख जाएंगे। रिपोर्ट- राजेश शांडिल्य, अमर उजाला ब्यूरो, अंबाला
अवैध कटों को किया जा रहा बंद
पिछले कुछ दिनों से अवैध कटों को बंद करने का सिलसिला शुरू हुआ है। हालांकि यह काम काफी धीमी गति से चल रहा है। अंबाला में मोहड़ा स्थित हवेली के निकट पत्थरों के सिलों से अवैध कट बंद करने का कार्य जारी है, जबकि कुरुक्षेत्र के त्योड़ा में एक साथ बने करीब दर्जन भर ढाबों के आगे बने अवैध कटों को बंद किया गया है।
ग्रीन बेल्ट और ग्रिल पर निजी फर्मों के साइन बोर्ड
जीटी रोड की पर लगी ग्रिल और इसके बीच बनी ग्रीन बेल्ट में निजी फर्मों के साइन बोर्ड लगे हुए हैं। इनसे खतरा उस समय बढ़ जाता है, जब आंधी या तेज हवा चलती है। कारण कि इनके टूट कर गिरने से हादसों का खतरा बना रहता है।
- अंबाला में आम्रपाली होटल के सामने अवैध कट
- कुलदीप नगर से अंबाला कैंट आईओसी तक दोनों ग्रिल और लोहे की नेट टूटी है
- जंडली पुल के सामने जीटी रोड पर फ्लाईओवर पर लगा करीब 10 फुट गार्डर का हिस्सा टूटा हुआ है
- पिपली से शाहाबाद के बीच कुछ जगहों पर ही नेट और ग्रिल दिखाई देती है
- शाहाबाद में एंट्री से लेकर फ्लाईओवर तक कई जगह ग्रिल क्षतिग्रस्त
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कुरुक्षेत्र ः रामपुरा के पास टूटी ग्रिल और सूखते उपले।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मोहड़ी से झिरबड़ी तक अवैध कटों की भरमार, ढाबा संचालकों ने मनमर्जी से बनाए कट, मार्ग पर गड्ढे और टूटी जाली भी हादसे का सबब
कुरुक्षेत्र। नेशनल हाईवे-44 का करीब 35 किलोमीटर का हिस्सा जिला कुरुक्षेत्र में आता है। अंबाला की तरफ जिले की सीमा गांव मोहड़ी है तथा करनाल की तरफ गांव झिरबड़ी तक है। क्षेत्र में इस हाईवे पर कोई भी टोल प्लाजा नहीं है, लेकिन अवैध कटों की भरमार है। हाईवे पर दोनों तरफ गांव समाना बाहु 9.4 किमी (करनाल) तक लोगों ने अपने फायदे के लिए 39 से ज्यादा अवैध कट बना रखे हैं। अधिकतर अवैध कट ढाबा संचालकों द्वारा बनाए गए हैं, ताकि यात्री आसानी से इन कट के जरिए ढाबे तक पहुंच सकें।
अवैध कट के अलावा मार्ग पर गड्ढे और टूटी जाली भी हादसे का सबब बन रहे हैं। पिपली चौक के पास ही पांच बड़े व गहरे गड्ढे हैं तथा यहां सड़क का स्तर ऊंचा-नीचा है। करीब एक किलोमीटर के बाद सर्विस लेन से हाईवे पर जाने वाला रस्ता बेहद ही खराब है। यहां सड़क से रोड़ी और बजरी बाहर निकल चुकी है और दो बड़े गहरे गड्ढे हैं। सड़क पर फैली बजरी पर फिसलने से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। हाईवे पर दोनों ओर 60 जगह जाली टूटी हुई है। कहीं-कहीं तो यह जाली 50 मीटर से भी ज्यादा तोड़कर रास्ते बनाए गए हैं। वहीं हाईवे पर लगी ग्रिल 21 जगह से गायब हैं। कई जगह से ग्रिल एक तरफ झुक गई है और कभी भी गिर सकती है। करनाल की तरफ 9.4 किमी तक हाईवे पर छोटे-बड़े 22 गड्ढे हैं। वहीं समानी के पास पुल पर छोटे वाहनों के लिए गुजरने के लिए प्लास्टिक के पाइप लगाकर बनाए गए रास्ते के 13 पाइप टूटे हुए मिले। रिपोर्ट- सुनील धीमान और भारत भूषण शर्मा
हाईवे अथॉरिटी से की जाएगी बात
अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने बताया कि अवैध कटों को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी से बातचीत की जाएगी। अभी उनके जानकारी में यह मामला आया है। हाईवे अथॉरिटी से संपर्क करके कार्रवाई की जाएगी।
500 मीटर पुल पर 159 जगह पैच वर्क
गांव समानी के पास पुल पर 500 मीटर में ही 159 जगह पर पैच वर्क किया गया है। इससे कुछ दूरी पर 40 जगह पर पैच किए गए हैं। हाईवे पर दोनों ओर पिपली से समाना बाहु तक 211 जगह पर पैच वर्क हुआ है। उमरी के पास भी सर्विस लेन के सेंट्रल वर्ज पर गोबर और उपले पड़े हुए हैं।
कुरुक्षेत्र। नेशनल हाईवे-44 का करीब 35 किलोमीटर का हिस्सा जिला कुरुक्षेत्र में आता है। अंबाला की तरफ जिले की सीमा गांव मोहड़ी है तथा करनाल की तरफ गांव झिरबड़ी तक है। क्षेत्र में इस हाईवे पर कोई भी टोल प्लाजा नहीं है, लेकिन अवैध कटों की भरमार है। हाईवे पर दोनों तरफ गांव समाना बाहु 9.4 किमी (करनाल) तक लोगों ने अपने फायदे के लिए 39 से ज्यादा अवैध कट बना रखे हैं। अधिकतर अवैध कट ढाबा संचालकों द्वारा बनाए गए हैं, ताकि यात्री आसानी से इन कट के जरिए ढाबे तक पहुंच सकें।
अवैध कट के अलावा मार्ग पर गड्ढे और टूटी जाली भी हादसे का सबब बन रहे हैं। पिपली चौक के पास ही पांच बड़े व गहरे गड्ढे हैं तथा यहां सड़क का स्तर ऊंचा-नीचा है। करीब एक किलोमीटर के बाद सर्विस लेन से हाईवे पर जाने वाला रस्ता बेहद ही खराब है। यहां सड़क से रोड़ी और बजरी बाहर निकल चुकी है और दो बड़े गहरे गड्ढे हैं। सड़क पर फैली बजरी पर फिसलने से कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। हाईवे पर दोनों ओर 60 जगह जाली टूटी हुई है। कहीं-कहीं तो यह जाली 50 मीटर से भी ज्यादा तोड़कर रास्ते बनाए गए हैं। वहीं हाईवे पर लगी ग्रिल 21 जगह से गायब हैं। कई जगह से ग्रिल एक तरफ झुक गई है और कभी भी गिर सकती है। करनाल की तरफ 9.4 किमी तक हाईवे पर छोटे-बड़े 22 गड्ढे हैं। वहीं समानी के पास पुल पर छोटे वाहनों के लिए गुजरने के लिए प्लास्टिक के पाइप लगाकर बनाए गए रास्ते के 13 पाइप टूटे हुए मिले। रिपोर्ट- सुनील धीमान और भारत भूषण शर्मा
हाईवे अथॉरिटी से की जाएगी बात
अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी ने बताया कि अवैध कटों को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी से बातचीत की जाएगी। अभी उनके जानकारी में यह मामला आया है। हाईवे अथॉरिटी से संपर्क करके कार्रवाई की जाएगी।
500 मीटर पुल पर 159 जगह पैच वर्क
गांव समानी के पास पुल पर 500 मीटर में ही 159 जगह पर पैच वर्क किया गया है। इससे कुछ दूरी पर 40 जगह पर पैच किए गए हैं। हाईवे पर दोनों ओर पिपली से समाना बाहु तक 211 जगह पर पैच वर्क हुआ है। उमरी के पास भी सर्विस लेन के सेंट्रल वर्ज पर गोबर और उपले पड़े हुए हैं।