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Rajasthan: 14 से 30 तक लगेंगे मेले...जयपुर में पतंगबाजी, बीकानेर में कैमल फेस्ट और नागौर में लगेगा पशु मेला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: अरविंद कुमार Updated Thu, 12 Jan 2023 09:08 AM IST
सार

राजस्थान आने वाले टूरिस्ट्स की यात्रा यादगार बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने जनवरी महीने में खास तैयारी की है। 14 से 30 जनवरी के बीच तीन मेले लगाए जाएंगे।
 

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Rajasthan Tourism Department will organize three fairs from January 14 to 30
14 से 30 तक लगेंगे मेले - फोटो : सोशल मीडिया

राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से जयपुर में 14 जनवरी को काइट फेस्टिवल लगेगा, जिसमें पर्यटक जमकर पतंगबाजी का आनंद उठा सकेंगे। बीकानेर में 13 से 15 जनवरी को ऊंट महोत्सव लगाया जाएगा। सजे धजे ऊंटों और ऊंट पालने वाले पशुपालकों-रेबारियों की अदाओं के साथ बीकानेर कार्निवल का लुत्फ पर्यटक उठा सकेंगे। 27 से 30 जनवरी तक नागौर पशु मेला लगाया जाएगा, जिसमें 10 हज़ार से ज़्यादा पशुओं को सजा धजाकार पशुपालक बेचने लाएंगे। इस दौरान आर्ट- हैंडीक्राफ्ट और मिर्ची बाजार भी लगेगा।

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नागौर में लगेगा पशु मेला - फोटो : अमर उजाला

टूरिज़्म डिपार्टमेंट पर्यटकों के लिए यह खास मेले लगाने जा रहा है। इनमें पर्यटकों को जयपुर, बीकानेर और नागौर की कला-संस्कृति, ट्रेडिशनल ड्रेस, खान-पान और हैंडीक्राफ्ट के साथ ही इलाके के नजारे को नजदीक से देखने का मौका मिलेगा। पर्यटन विभाग जल महल की पाल पर पतंग उत्सव का आयोजन करेगा। इस दौरान जयपुर का आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से गुलजार रहेगा। खाने के लिए पकौडों, तिल पट्टी, तिल के लड्डू, रेवड़ी और गजक की महक भी उठेगी। पतंग प्रदर्शनी, पतंगबाजी और फैंसी काइट कॉम्पिटिशन सैलानियों को काइट फेस्टीवल की डोर से बांध लेंगे। परम्परागत खान-पान जैसे दाल की पकौडियां, तिल के लड्डू और फीणी-घेवर का स्वाद लेने के साथ सैलानियों की निगाहें सवेरे से शाम तक आसमां पर टिकी रहेंगी। वो पतंगबाजी के दांव-पेंच देखते हुए लोकधुनों पर थिरकते नजर आएंगे। शाम को पतंगों के साथ आतिशबाजी का नजारा पूरे शहर को रंगीन रोशनी से चमका देगा।

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पतंगबाजी - फोटो : अमर उजाला

बीकानेर में आयोजित होने वाले कैमल फेस्टीवल की इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान है। इस फेस्टीवल में प्रदेश के राज्य पशु ऊंट के अलग-अलग अंदाज और पोज देखने को मिलते हैं। राजस्थान पर्यटन विभाग के फेस्टीवल में इस बार 'बीकानेर कॉर्निवाल' आकर्षण का केंद्र रहेगा। उत्सव में ऊंट दौड़, ऊंटों को सजना और संवारने की प्रतियोगिताएं, ऊंटों की कलाबाजी के साथ ऊंट के दूध से बने प्रोडक्ट्स टूरिस्ट्स के लिए खास रहेंगे।

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पशु मेला - फोटो : अमर उजाला

हर साल जनवरी और फरवरी महीने के बीच लगने वाला नागौर का यह पशु मेला अबकी बार 28 से 30 जनवरी को लगेगा। मवेशी मेले के रूप में लोकप्रिय इस मेले में करीब 10 हज़ार बैल, ऊंट और घोड़ों का व्यापार होता है। पशुओं को सुंदर ढंग से सजाया जाता है और पशु मालिक भी रंग-बिरंगी और परम्परागत वेशभूषा में दिखाई देते हैं। घोड़े और मवेशी पशुओं के अलावा यहां मसाले का भी व्यापार किया जाता है। इस मेले में लगने वाला मिर्ची बाजार भारत का सबसे बड़ा लाल मिर्च बाजार होता है।

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बीकानेर में कैमल फेस्ट - फोटो : अमर उजाला

इस उत्सव के दौरान राजस्थानी लोक संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों के बीच राजस्थानी खान-पान की स्टॉल्स सौलानियों को अपनी ओर खींचेंगी। ऊंटों का सबसे बड़ा रिप्रोडक्शन सेंटर (प्रजनन केंद्र) बीकानेर ही है। बीकानेर में ही सेना के लिए ऊंटों को यहां पर तैयार किया जाता है। सेना के लिए तैयार किए जाने वाले ऊंटों को आम भाषा में 'गंगा रिसला' कहकर पुकारा जाता है।

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