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अदार पूनावाला: सिर्फ पांच लाख रुपये में हुई थी सीरम इंस्टीट्यूट की शुरुआत, अब कहलाते हैं वैक्सीन उद्योग के बादशाह

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रकाश चंद जोशी Updated Thu, 21 Oct 2021 09:58 AM IST
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Adar Poonawala family once used to trade horses and is now the king of the vaccine industry
अदार पूनावाला - फोटो : Facebook/Bennett University

साल 2019 के आखिरी महीनों में जब चीन से कोरोना वायरस की खबरें सामने आईं, तो इसने लगभग पूरी दुनिया को डरा दिया। लेकिन साल 2020 की शुरुआत में इस वायरस ने ऐसा रूप दिखाया कि लगभग पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया। ऐसे में इस वायरस से लोगों को बचाने के लिए लंबे लॉकडाउन लगाए गए, लेकिन इस कोरोना वायरस को रोकने के लिए इतना सब काफी नहीं था। ऐसे में दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने कोरोना की वैक्सीन बनाने पर काम तेजी से शुरू किया। इसमें भारत भी पीछे नहीं था और सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला की देखरेख में कोविशील्ड नाम की वैक्सीन पर काम शुरु हुआ और आज सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड वैक्सीन का भारत के अलावा दुनिया के दूसरे देशों में सबसे बड़ा वैक्सीन आपूर्तिकर्ता है। वहीं इन सब के बीच भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पार हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर अदार पूनावाला ने इस मुकाम तक का सफर कैसे तय किया? शायद नहीं, तो चलिए आपको अदार पूनावाल की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं।

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Adar Poonawala family once used to trade horses and is now the king of the vaccine industry
Covishield, Vaccine - फोटो : Twitter@AdarPoonawala

ऑक्सफोर्ड एस्ट्रजेनेका के साथ समझौता

  • दरअसल, अदार पूनावाला की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड एस्ट्रजेनेका के साथ कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए समझौता किया हुआ है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है, और इसमें सीरम इंस्टीट्यूट एक बड़ा नाम है। अदार पूनावाला के बारे में विस्तार से जाने उससे पहले आपको ये बता दें कि अदार अपने पिता सायरस और परिवार संग इन दिनों लंदन में हैं। अफवाहों का बाजार इस बात को लेकर भी गर्म है कि उन्हें मिली धमकियों के चलते वो देश से बाहर गए हैं। लेकिन अदार पूनावाला इन आरोपों का खंडन कर चुके हैं।
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Adar Poonawala family once used to trade horses and is now the king of the vaccine industry
अदार पूनावाला - फोटो : social media

19वीं शताब्दी में आए पुणे

  • कहा जाता है कि ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी में पूनावाला का परिवार पुणे आया। इस दौरान कई पारसी परिवार भारत में बसने लगे और प्रशासन से लेकर कारोबार तक में खुद को स्थापित किया। यही नहीं, जिन शहरों में ये परिवार बसे उन शहरों के नाम इन लोगों के नाम में देखने को मिलते हैं। जैसे कि अदार के परिवार का नाम पूनावाला पड़ा।
Adar Poonawala family once used to trade horses and is now the king of the vaccine industry
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay

घोड़ों के व्यापार ने दिलाई बुलंदी

  • भले ही स्वतंत्रता से पहले के दौर में पूनावाला परिवार कंस्ट्रक्शन के कारोबार में था, लेकिन इन्हें जाना घोड़ों के कारोबार की वजह से जाता था। यहां आपको ये जानकारी दे दें कि अदार के दारा सोली पूनावाला ने घोड़ों का कारोबार शुरू किया था और उन्होंने कई घुड़साल बनाए जिसमें बेहद ही अच्छी किस्म के घोड़ों को रेस के लिए तैयार किया जाता था।
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हॉर्स रेस का एक दृश्य (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : अमर उजाला

वहीं, घोड़ों के व्यापार के कारण ही पूनावाला परिवार का रिश्ता बड़े उद्योगपतियों से जुड़ा। वहीं, जब अदार के पिता सायरस ने घोड़ों के कारोबार को बढ़ाने के बारे में सोचा तो उनका ध्यान वैक्सीन उत्पादन की तरफ गया और उन्होंमे इस जोखिम को उठाया, क्योंकि इस क्षेत्र में भविष्य की कोई गारंटी नहीं दे सकता था। यही नहीं, उस दौर में भारत काफी सीमित स्तर पर वैक्सीन का उत्पादन करता था, जिसमें सरकार की भूमिका ज्यादा होती थी।

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