High Blood Pressure During Pregnancy: गर्भावस्था एक महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत लेकिन नाजुक दौर होता है, जिसमें शरीर कई तरह के बदलावों से गुजरता है। इन्हीं बदलावों के बीच ब्लड प्रेशर का बढ़ना एक आम समस्या है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया गया तो ये मां और होने वाले बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
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Health Tips: गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर मां-बच्चे दोनों के लिए बढ़ा सकता है ये दिक्कतें, रहें सावधान
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिखर बरनवाल
Updated Tue, 30 Sep 2025 08:55 PM IST
सार
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज करना मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। यह प्री-एक्लेमप्सिया जैसी गंभीर स्थिति का कारण बन सकता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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प्रेगनेंसी में हाई बीपी
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ब्लड प्रेशर
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मां के लिए क्या हैं खतरे?
गर्भावस्था में अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर मां के लिए कई गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकता है। इससे प्री-एक्लेमप्सिया की स्थिति बन सकती है, जो लिवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। सबसे गंभीर मामलों में यह प्लेसेंटल एबॉर्शन, जिसमें प्लेसेंटा गर्भाशय (मां-बच्चे को जोड़ने वाला अंग) की दीवार से अलग हो जाता है जिसमें मां को दौरे पड़ने लगते हैं जो जानलेवा हो सकता है।
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गर्भावस्था
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शिशु पर क्या पड़ता है असर?
मां का ब्लड प्रेशर बढ़ने का सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। हाई बीपी के कारण प्लेसेंटा में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे बच्चे को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इसके कारण बच्चे का विकास रुक सकता है, उसका जन्म के समय वजन कम हो सकता है, और कई मामलों में मां और बच्चे की सुरक्षा के लिए समय से पहले डिलीवरी करवानी पड़ती है।
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मां का ब्लड प्रेशर बढ़ने का सीधा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। हाई बीपी के कारण प्लेसेंटा में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे बच्चे को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इसके कारण बच्चे का विकास रुक सकता है, उसका जन्म के समय वजन कम हो सकता है, और कई मामलों में मां और बच्चे की सुरक्षा के लिए समय से पहले डिलीवरी करवानी पड़ती है।
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गर्भावस्था
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इन चेतावनी भरे लक्षणों को न करें नजरअंदाज
गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर के साथ इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें-
गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर के साथ इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें-
- लगातार और तेज सिरदर्द।
- दृष्टि में बदलाव, जैसे धुंधला दिखना या आंखों के सामने धब्बे आना।
- पेट के ऊपरी हिस्से में, खासकर पसलियों के ठीक नीचे दर्द होना।
- चेहरे और हाथों में अचानक सूजन आ जाना।
- जी मिचलाना या उल्टी होना।
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pregnant
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कैसे करें बचाव और प्रबंधन?
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है नियमित प्रसव पूर्व जांच, जिसमें डॉक्टर आपके ब्लड प्रेशर की निगरानी करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर नमक का सेवन कम करें, अपनी डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करें, हल्के व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और पर्याप्त आराम करें। समय पर पहचान और सही मेडिकल देखभाल से इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। ध्यान रखें गर्भावस्था में किसी भी तरह के दिनचर्या या डाइट में बदलाव करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
स्रोत और संदर्भ
High blood pressure and pregnancy
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है नियमित प्रसव पूर्व जांच, जिसमें डॉक्टर आपके ब्लड प्रेशर की निगरानी करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर नमक का सेवन कम करें, अपनी डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करें, हल्के व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और पर्याप्त आराम करें। समय पर पहचान और सही मेडिकल देखभाल से इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। ध्यान रखें गर्भावस्था में किसी भी तरह के दिनचर्या या डाइट में बदलाव करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
स्रोत और संदर्भ
High blood pressure and pregnancy
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।