स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए सभी लोगों को शरीर में हो रहे बदलावों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर आपको शरीर में कुछ भी असामान्य सा लगे तो इसे गंभीरता से लें और किसी डॉक्टर से सलाह जरूर लें, ऐसा करके आप किसी गंभीर खतरे से खुद को बचा सकते हैं। जैसे आंखों या पेशाब के रंग में बदलाव आदि।
जानना जरूरी: पेशाब का ऐसा रंग लिवर की बीमारियों का हो सकता है संकेत, जानिए रंग में बदलाव से सेहत का हाल
साफ रंग का पेशाब
पेशाब का रंग सामान्यतौर पर साफ रहता है, यह संकेत है कि आप अधिक पानी पी रहे हैं। हालांकि कुछ स्थितियों में इसे लिवर की कई तरह की समस्याओं जैसे सिरोसिस और वायरल हेपेटाइटिस का संकेत माना जा सकता है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी रहे हैं फिर भी पेशाब का रंग साफ है, तो आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करने आवश्यकता है। हालांकि साफ रंग के पेशाब से खुद बीमारियों का पता लगा पाना कठिन हो सकता है।
पेशाब का रंग गुलाबी होना
यदि आपके पेशाब का रंग लाल या गुलाबी दिखाई दे रहा है तो घबराएं नहीं, कई बार कुछ चीजें खाने के कारण भी पेशाब के रंग में ऐसा बदलाव दिखाई दे सकता है। हालांकि अगर यह बदलाव लंबे समय तक बना रहता है तो इस बारे में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। कुछ स्थितियों में हेमट्यूरिया जैसी समस्याओं के कारण भी इस तरह का बदलाव देखा जा सकता है। हेमट्यूरिया को मूत्र में लाल रक्त कोशिकाओं की उपस्थिति को दर्शाता है।
नारंगी रंग का पेशाब
पेशाब का रंग नारंगी बना रहना साथ में शौच का रंग हल्का होना रक्तप्रवाह में पित्त के प्रवेश की स्थिति को दर्शाता है। इस स्थिति पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता होती है। कुछ लोगों में पीलिया की शुरुआती स्थिति में भी पेशाब में इस तरह की समस्या देखी जा सकती है। यदि आपको भी पेशाब में कुछ समय से इस तरह का बदलाव नजर आ रहा है तो इस बारे में तुंरत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करके इलाज कराएं।
पेशाब के रंग में पीलापन
पीले रंग का पेशाब होना अन्य दूसरे रंगों की तुलना में अधिक आम माना जाता है, इसके कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले अगर आप सामान्य से कम मात्रा में पानी पीते हैं तो पेशाब में इस तरह का बदलाव आ सकता है। वहीं यदि पेशाब गाढ़ा पीला है और आंखों में भी पीलापन है तो इसे पीलिया के संकेत के तौर पर देखा जाता है। इसमें तुरंत किसी डॉक्टर से मिलकर इलाज प्राप्त करना आवश्यक हो जाता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से प्राप्त जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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