सब्सक्राइब करें

Health Tips: बदलते मौसम के साथ खान-पान में भी कर लें बदलाव, थोड़ी सी लापरवाही कर सकती है आपको बीमार

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Tue, 04 Nov 2025 08:04 PM IST
सार

  • नवंबर से दिसंबर का समय शरीर के लिए अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। इस दौरान तापमान में तेजी से गिरावट आती है, दिन छोटे और रातें लंबी होने लगती हैं। शरीर को इस ठंड के अनुरूप ढलने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा और बेहतर इम्युनिटी की जरूरत होती है।

विज्ञापन
health tips for winter season what to eat and avoid for good health
बदलते मौसम में होने वाली समस्याएं - फोटो : Freepik.com

इन दिनों देशभर में तेजी से मौसम बदल रहा है। सुबह-शाम हल्की ठंड के साथ सर्दियों ने दस्तक दे दी है। भीषण गर्मी के बाद ये मौसम राहत देने वाला तो होता है पर साथ ही सेहत के लिए कई तरह की चुनौतियां भी लेकर आता है। नवंबर से दिसंबर का समय शरीर के लिए अत्यंत संवेदनशील माना जाता है। इस दौरान तापमान में तेजी से गिरावट आने लगती है। शरीर को इस ठंड के अनुरूप ढलने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा और बेहतर इम्युनिटी की जरूरत होती है।


 

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बीमारियों से बचने और शरीर को सेहतमंद रखने का सबसे अच्छा नियम है बदलते मौसम के साथ खान-पान में भी बदलाव कर लिया जाए। इस मौसम में अगर व्यक्ति आहार-विहार का ध्यान न रखे, तो सर्दी-जुकाम, अस्थमा, श्वसन रोग, त्वचा फटने,  ऑस्टियोआर्थराइटिस, खांसी जैसी समस्याएं उभर सकती हैं। 


आइए विशेषज्ञ से समझते हैं कि इस बदलते मौसम में सेहत का कैसे ध्यान रखा जा सकता है?

Trending Videos
health tips for winter season what to eat and avoid for good health
बदलते मौसम की बीमारियां - फोटो : Freepik.com

क्या है विशेषज्ञ की सलाह?

प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. नवदीप जोशी कहते हैं, ‘हेमन्ते बलवृद्धिश्च, शरीरं स्निग्धमिष्यते।’ अर्थात हेमंत ऋतु में शरीर की पाचन-शक्ति बढ़ती है, लेकिन उसे स्निग्ध (घी, तेल, तैलयुक्त) आहार की आवश्यकता होती है। इस ऋतु में वात दोष बढ़ने लगता है। ठंडी और शुष्क हवा शरीर में सूखापन और जकड़न पैदा करती है। इस समय स्निग्ध, पौष्टिक और गरम भोजन करना जरूरी होता है, ताकि शरीर में ऊष्मा बनी रहे और दोष संतुलित रहें।

कुछ लोगों को इस मौसम में सेहत को लेकर अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है।

  • वृद्ध, बच्चे और गर्भवती महिलाओं की इम्युनिटी कमजोर होती है।
  • अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या श्वसन रोगी के फेफड़ों पर ठंडी और नमी वाली हवा प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
  • मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों का ठंड के कारण रक्त संचार धीमा हो जाता है, जिससे शुगर लेवल और रक्तचाप में असंतुलन हो सकता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
health tips for winter season what to eat and avoid for good health
आहार पर दें ध्यान - फोटो : Freepik.com

आहार में करें बदलाव

बदलते मौसम में स्वस्थ रहने के लिए आप घी, मक्खन, तिल के तेल, मूंग दाल, गेहूं, जौ-बाजरा, मक्का, चना, मूंगफली और मेवे का सेवन करें। गुड़, तिल, अदरक, लहसुन, मेथी, सौंठ जैसे गरम तासीर वाले पदार्थ इस मौसम में विशेष रूप से लाभदायक होते हैं।

  • हरी सब्जियों में आप पालक, मेथी, सरसों, बथुआ, मूली, गाजर, शलजम का सेवन कर सकते हैं।
  • इस मौसम में दूध, सूप, दलिया, सत्तू, कढ़ी, हल्की खिचड़ी का सेवन करना चाहिए।
  • इसके अलावा आप सेब, अमरूद, अनार, पपीता, संतरा, मौसमी और आंवले का सेवन भरपूर मात्रा में करें। 

रोज सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीएं। इसके अलावा नींबू-शहद का पानी या तुलसी-अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं। रात के समय हल्दी वाला दूध या गिलोय का काढ़ा पीएं। तिल-गुड़ लड्डू, च्यवनप्राश, खजूर-मावा मिश्रण, मेवा युक्त हलवा का सेवन भी लाभदायक है।

health tips for winter season what to eat and avoid for good health
खान-पान में बरतें सावधानी - फोटो : Freepik.com

कुछ चीजों से परहेज जरूरी

इस मौसम में ठंडे पेय, आइसक्रीम, फ्रिज का पानी, अत्यधिक तले, मसालेदार और खट्टे भोजन के सेवन से बचें। फास्ट फूड, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों और कृत्रिम पेय का सेवन न करें। देर रात तक जागने और भोजन के बाद तुरंत सोने से भी बचना चाहिए। साथ ही धूम्रपान, अल्कोहल और तनाव से दूर रहें।

विज्ञापन
health tips for winter season what to eat and avoid for good health
सेहत का रखें ध्यान - फोटो : Adobe stock

इन बातों का रखें ध्यान

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अगर आप पहले से बीमार हैं तो अपनी दवाएं समय पर लें और चिकित्सक से परामर्श जारी रखें। अस्थमा रोगी के लिए ठंडा और भारी भोजन वर्जित होता है। मधुमेह रोगी को मीठा और मैदा से परहेज करना चाहिए।

सांस के मरीजों को अधिक सावधानियां बरतनी चाहिए। ऐसे लोगों को ठंडी हवा, धूल, धुएं के संपर्क में आने से बचना चाहिए। सुबह-शाम भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम, ब्रह्मरी, उज्जायी प्राणायाम करें। वहीं मधुमेह रोगियों को सुबह खाली पेट करेला-जामुन रस या मेथी का पानी पीना चाहिए।



----------------------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें  लाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health  and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) और यात्रा (travel news in Hindi)  आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।  

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed