क्या आप भी अक्सर थकान-कमजोरी जैसी समस्या महसूस करते रहते हैं? काम करने की इच्छा नहीं होती और थोड़ी से मेहनत के बाद ही थकान हो जाती है। इस तरह के संकेत बताते हैं कि आपमें स्टेमिना की कमी हो सकती है। स्टेमिना को कार्यात्मक क्षमता या सहनशक्ति भी कहा जाता है। स्टेमिना का अर्थ है किसी व्यक्ति की कार्य करने के लिए बनाए रखने की क्षमता। चाहे शारीरिक हो या मानसिक, हमें दोनों प्रकार की सेहत का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
Increase Stamina: अक्सर महसूस करते हैं थकान-सुस्ती? स्टेमिना बढ़ाने के लिए ये चार उपाय हैं बेहद कारगर
स्वस्थ और पौष्टिक आहार जरूरी
ऊर्जा बढ़ाने के लिए सबसे जरूरी है कि आपका आहार संतुलित और पौष्टिक हो। पारंपरिक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से लेकर नियमित रूप से मौसमी फलों-सब्जियों का सेवन करना आपकी शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में मददगार हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भोजन की थाली में हरी सब्जियों, फलों, दाल, बीन्स जैसी पौष्टिक चीजों को जरूर शामिल करें। ये शरीर के लिए आवश्यक तत्वों की पूर्ति करती हैं और कार्यात्मक शक्ति को भी बढ़ावा देती हैं।
नियमित व्यायाम बहुत जरूरी
व्यायाम और वर्कआउट के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। शारीरिक रूप से सक्रिय रहना तनाव को कम करने, वजन बढ़ने से रोकने और कार्य करने की शक्ति को बढ़ाने में आपके लिए सहायक है। दैनिक रूप से कम से कम 30 मिनट के व्यायाम की आदत बनाएं। अगर आप जिम नहीं जा पाते हैं, तो रनिंग-वॉकिंग जैसे अभ्यास करके भी शरीर की शक्ति में सुधार कर सकते हैं।
पर्याप्त नींद बहुत आवश्यक
लाइफस्टाइल में गड़बड़ी के कारण हमारी नींद के चक्र पर सबसे ज्यादा नकारात्मक असर देखा गया है। उचित और पर्याप्त नींद के बिना आप स्वस्थ नहीं रह सकते हैं। ये आपकी शारीरिक शक्ति को भी प्रभावित करने वाली हो सकती है। एक रात ही नींद पूरी न होने की स्थिति में आप अगले दिन थका-थका महसूस करने लग जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप रोजाना रात मे 6-8 घंटे की नींद पूरी करने वाले उपाय करें।
हाइड्रेटेड रहना भी बहुत जरूरी
निर्जलीकरण की स्थिति में आप कमजोर, थके हुए और मानसिक रूप सुस्त महसूस कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप दिनभर में निरंतर पानी पीते रहें। सभी लोगों को रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पीने का लक्ष्य रखना चाहिए। हाइड्रेटेड रहने से शारीरिक प्रदर्शन में सुधार होता है, थकान कम हो सकती है और ये आपको ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से बचाने में भी सहायक है।
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नोट: यह लेख स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।
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