Boost Immunity Naturally: दिल्ली में इन दिनों वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर है। इसका सबसे घातक असर उन लोगों पर पड़ता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। जब हवा में मौजूद PM 2.5 कण और हानिकारक गैसें सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करती हैं, तो वे न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि शरीर के रक्षा तंत्र को भी कमजोर कर देती हैं।
Health Tips: कमजोर इम्युनिटी वालों की परेशानी बढ़ा सकता है ये प्रदूषण, खाना शुरु कर दें ये चीजें
Super Foods For Immunity: इन दिनों दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर है, और इसका असर अब अस्पतालों में भी दिखने लगा है। ऐसे में जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें उनके लिए इस प्रदूषण में रहना और चुनौतीपूर्ण हो गया है। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं।
विटामिन-सी युक्त खट्टे फल
प्रदूषण से लड़ने के लिए विटामिन-सी सबसे शक्तिशाली हथियार है। संतरा, नींबू, आंवला और कीवी जैसे फलों का नियमित सेवन करें। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं और वायु प्रदूषण के कारण होने वाली सूजन को कम करते हैं। विटामिन-सी फेफड़ों की सुरक्षा परत को मजबूत बनाता है, जिससे जहरीली हवा का असर कम होता है।
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अदरक, तुलसी और हल्दी का मिश्रण
भारतीय रसोइयों में मौजूद अदरक, तुलसी और हल्दी नेचुरल एंटी-बायोटिक की तरह काम करते हैं। अदरक और तुलसी का काढ़ा पीने से श्वसन नली साफ होती है जिससे संक्रमण का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। इसके साथ ही रात के समय नियमित रूप से दूध हल्दी पीना भी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। ये चीजें फेफड़ों में जमा होने वाले प्रदूषणकारी तत्वों को बाहर निकालने में शरीर की मदद करती हैं।
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ओमेगा-3 और नट्स का सेवन
अखरोट, बादाम, अलसी के बीज और चिया सीड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होता है। प्रदूषण के कारण हृदय और फेफड़ों पर पड़ने वाले दबाव को कम करने में ओमेगा-3 अत्यंत प्रभावी है। यह शरीर की कोशिकाओं को प्रदूषण से होने वाले डैमेज से बचाता है। मुट्ठी भर मेवे रोज खाने से आपकी इम्युनिटी को वह शक्ति मिलती है जो प्रदूषण से लड़ने के लिए जरूरी है।
गुड़ एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है। पुराने समय से ही माना जाता है कि गुड़ खाने से फेफड़ों और गले में फंसा धुआं व धूल साफ हो जाती है। इसके साथ ही दिन भर पर्याप्त पानी और हर्बल चाय पिएं। शरीर जितना हाइड्रेटेड रहेगा, टॉक्सिन्स उतनी ही आसानी से बाहर निकलेंगे। इन छोटे-छोटे बदलावों को अपनाकर आप प्रदूषण के इस चुनौतीपूर्ण समय में खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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