Painkillers And Heart Attack Risk: आजकल मामूली सिरदर्द, बदन दर्द या जोड़ों के दर्द के लिए पेनकिलर यानी दर्द निवारक दवाओं का सेवन एक आम बात हो गई है। बहुत से लोग बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोर से 'ओवर-द-काउंटर' दवाएं खरीदकर खा लेते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि ये दवाएं आपके दिल के लिए कितनी घातक साबित हो सकती हैं? खासकर अगर आप पहले से ही हृदय रोग के मरीज हैं, तो इन दवाओं का अनियंत्रित सेवन आपके लिए जानलेवा हो सकता है।
Health Alert: क्या आप भी पेनकिलर दवाएं खाते हैं? हार्ट के मरीज हैं तो जरूर जान लें ये बातें
Impact of Painkillers On Blood Pressure: अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि थोड़ा बहुत दर्द होने पर लोग पेन किलर खाने लगते हैं। यह आदत सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होती है। अगर किसी को पहले से हृदय संबंधी समस्या है तो उनके लिए ये आदत जानलेवा हो सकती है। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन पर असर
पेनकिलर्स का सबसे पहला और सीधा असर शरीर के ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। ये दवाएं किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं, जिससे शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगता है। हृदय रोगियों के लिए बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर एक गंभीर स्थिति है, क्योंकि यह सीधे तौर पर हार्ट फेलियर की आशंका को बढ़ा देता है। अगर आपको सीने में भारीपन या धड़कन तेज महसूस हो, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
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खून पतला करने वाली दवाओं के साथ टकराव
ज्यादातर हार्ट के मरीज खून पतला करने वाली दवाएं लेते हैं। जब इन दवाओं के साथ इबुप्रोफेन या अन्य दर्द निवारक दवा लिए जाते हैं, तो शरीर के अंदरूनी अंगों में रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। यह तालमेल पेट में अल्सर या गंभीर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए किसी भी तरह के दर्द निवारक दवा को लेने से पहले अपने कार्डियोलॉजिस्ट से जरूर सलाह लें।
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किडनी डैमेज का खतरा
पेनकिलर्स का लंबे समय तक सेवन किडनी को नुकसान पहुंचाता है। चूंकि हृदय और गुर्दे एक-दूसरे से जुड़े हैं, इसलिए किडनी की कार्यक्षमता में कमी सीधे हृदय पर दबाव डालती है। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बिगड़ जाता है, जो हृदय की लय को खराब कर सकता है। हार्ट के मरीजों के लिए अंगों की यह परस्पर निर्भरता काफी संवेदनशील होती है।
अगर आप हृदय रोगी हैं और दर्द से परेशान हैं, तो दर्द के लिए वैकल्पिक उपचार जैसे हॉट/कोल्ड कंप्रेस, फिजियोथेरेपी या योग का सहारा लें। अपनी मर्जी से कभी भी किसी भी पेनकिलर का 'कोर्स' शुरू न करें। ध्यान रखें एक छोटी सी गोली आपके दिल की धड़कन को स्थायी रूप से प्रभावित कर सकती है। अगर आप दर्द से अधिक परेशान हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही पेनकिलर खाएं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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