लाइफस्टाइल और खान-पान की गड़बड़ी के कारण हाल के वर्षों में जिन बीमारियों के मामले सबसे तेजी से बढ़े हैं, हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन उनमें से एक है। ब्लड प्रेशर बढ़ने को सेहत के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक माना जाता है। इससे हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थितियों का खतरा तो होता ही है, साथ ही ये ब्रेन स्ट्रोक, किडनी की बीमारी, तंत्रिकाओं और आंखों को भी प्रभावित कर सकती है।
Lancet Study: बच्चे भी इस 'साइलेंट किलर' की चपेट में, 20 साल में दोगुना बढ़ गए मामले
- Hypertension in children: द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक वैश्विक विश्लेषण के अनुसार, पिछले दो दशकों में बच्चों और किशोरों में उच्च रक्तचाप के मामले लगभग दोगुना हो गए है।
- साल 2000 में 3.2 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में ये छह प्रतिशत से अधिक हो गया है।
बच्चों में मोटापा और ब्लड प्रेशर का खतरा
ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय सहित अन्य शोधकर्ता बताते हैं, दुनियाभर में मोटापे से ग्रस्त लगभग हर पांचवा बच्चा और किशोर उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। स्वस्थ वजन वाले बच्चों (2.4 प्रतिशत) की तुलना में ये लगभग आठ गुना अधिक है। मोटापा के साथ हाई ब्लड प्रेशर की ये समस्या और भी घातक हो सकती है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं का जोखिम हो सकता है।
क्यों बढ़ रहे हैं ब्लड प्रेशर के मामले?
बच्चों में बढ़ते हाई ब्लड प्रेशर के मामलों के लिए कौन से कारण जिम्मेदार हैं? इस बारे में किए गए अध्ययन में मोटापे की स्थिति को जिम्मेदार पाया गया है। मोटापे की स्थिति अन्य समस्याओं जैसे इंसुलिन प्रतिरोध और रक्त वाहिकाओं और स्ट्रोक को भी बढ़ाने वाली हो सकती है, जिसके कारण हाल के वर्षों में मेडिकल क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव काफी बढ़ गया है।
इसके अलावा, अध्ययन में पाया गया कि दुनिया भर में आठ प्रतिशत बच्चों और किशोरों में प्री-हाइपरटेंशन हो सकता है, जो उच्च रक्तचाप का एक चेतावनी संकेत है। समय रहते इसपर ध्यान दे दिया जाए तो भविष्य की गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अध्ययन के लेखक और एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इगोर रुडान कहते हैं, पिछले 20 वर्षों में युवा-बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में दोगुनी वृद्धि खतरे की घंटी है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि हम अभी कदम उठा सकते हैं। समय रहते स्क्रीनिंग और रोकथाम के प्रयासों में सुधार से बच्चों में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और भविष्य में इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
कम उम्र से ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के उपाय जरूरी
साल 2000 और 2020 के बीच, बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर के मामले लड़कों में 3.40 प्रतिशत से बढ़कर 6.53 प्रतिशत और लड़कियों में 3.02 प्रतिशत से बढ़कर 5.82 प्रतिशत हो गए हैं। दुनियाभर में नौ प्रतिशत से ज्यादा बच्चों और किशोरों में छिपा हुआ ब्लड प्रेशर हो सकता है। ये आमतौर पर केवल अस्पतालों की जांच में ही दिखाई देता है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराएं, संतुलित आहार लें, रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज करें और तनाव को कम करने की कोशिश करें। आहार में नमक कम करें, ताजे फल-सब्जियां ज्यादा खाएं और अच्छी नींद लें। कम उम्र से ही लाइफस्टाइल और खानपान को ठीक रखना जरूरी है।
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स्रोत
Global prevalence of hypertension among children and adolescents aged 19 years or younger: an updated systematic review and meta-analysis
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