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Osteoporosis: छींकने-खांसने से भी टूट जाती हैं हड्डियां, ऐसी स्थितियां बढ़ा सकती हैं ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Mon, 17 Jun 2024 07:32 PM IST
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Osteoporosis Causes and risk factors know its risk factors in hindi
हड्डियों की समस्या - फोटो : istock

हड्डियों की कमजोरी अब सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या नहीं रही है, कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। आहार में पोषक तत्वों की कमी और गड़बड़ लाइफस्टाइल के कारण अब समय से पहले हड्डियां कमजोर और खनिज घनत्व में कमी देखी जा रही है। ऑस्टियोपोरोसिस ऐसी है तेजी से बढ़ती हड्डियों की बीमारी है जिसकी शुरुआत 25 की आयु में हो सकती है।



हड्डियों के खनिज घनत्व और द्रव्यमान की कमी के कारण ये इतनी कमजोर हो जाती हैं कि जरा सी चोट या गिरने से भी फ्रैक्चर का खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं ऑस्टियोपोरोसिस की गंभीर स्थिति में छींकने-खांसने से भी हड्डियों के टूटने का जोखिम हो सकता है।

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। इसके शिकार लोगों में कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी टूटने का खतरा सबसे अधिक देखा जाता रहा है। पुरुष-महिला दोनों में इसका खतरा देखा जाता रहा है। हड्डियों से संबंधित इस समस्या से बचे रहने के लिए कम उम्र से ही निरंतर प्रयास करते रहना जरूरी है। 

आइए जानते हैं किन लोगों में इसका खतरा अधिक होता है और इससे बचाव के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं?

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हड्डियों की बीमारी - फोटो : istock

क्यों होती है ये समस्या?

सामान्यतौर पर हमारी हड्डियां लगातार नवीनीकरण की अवस्था में होती हैं। यानी कि हड्डियों के पुराने ऊतक नष्ट होते रहते हैं और नए ऊतकों का निर्माण होता रहता है। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ ये प्रक्रिया बाधित होने लग जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या में ऊतक तो नष्ट होते जाते हैं पर नए ऊतकों का निर्माण नहीं हो पाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस के लिए कई जोखिम कारक जिम्मेदार हो सकते हैं जिनपर ध्यान देना और बचाव के लिए प्रयास करते रहना आवश्यक माना जाता है।

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महिलाओं में हड्डियों की समस्या - फोटो : istock

किन लोगों में इसका खतरा अधिक?

खान-पान में गड़बड़ी के साथ उम्र, पारिवारिक इतिहास और हार्मोनल समस्याओं के कारण ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम बढ़ जाता है।

अध्ययनों में पाया गया है कि सेक्स हार्मोन की कमी हड्डियों को कमजोर कर देती है। रजोनिवृत्ति के समय महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आ जाती है, इसी तरह से प्रोस्टेट कैंसर के उपचार की स्थिति में पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर प्रभावित हो जाता है। इस तरह की स्थितियां आपमें हड्डियों से संबंधित समस्याओं को बढ़ाने के साथ कई तरह की अन्य विकारों का भी कारण बन सकती हैं।

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कैल्शियम वाली चीजें जरूरी - फोटो : istock

आहार में गड़बड़ी भी खतरनाक

हड्डियों की दिक्कतों के लिए कैल्शियम की कमी को प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस के विकास में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। आहार में कैल्शियम की कमी हड्डियों के घनत्व को कम करने, हड्डियों को जल्दी क्षति पहुंचाने और फ्रैक्चर के जोखिमों को बढ़ाने वाली मानी जाती है।

सेंडेंटरी लाइफस्टाइल (शारीरिक निष्क्रियता) वाले लोगों में भी इसका जोखिम अधिक देखा जाता रहा है।

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हड्डियों के विकार - फोटो : istock

इन रोगों के शिकार हैं तो भी बरतें सावधानी

ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कुछ प्रकार की चिकित्सा समस्या वाले लोगों में भी अधिक देखा जाता रहा है। आप भी अगर इनमें से किसी रोग के शिकार हैं तो सावधान हो जाएं।

  • सीलिएक डिजीज।
  • इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज।
  • किडनी या लिवर रोग और कैंसर।
  • मल्टीपल मायलोमा।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस।


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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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