सब्सक्राइब करें

Health Alert: सभी महिलाएं ध्यान दें, चुपचाप बढ़ता जा रहा है इस बीमारी का खतरा; अभी से हो जाइए सावधान

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sun, 15 Jun 2025 05:27 PM IST
सार

दुनियाभर में 60-70% प्रभावित महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का निदान नहीं हो पाता है, जबकि प्रजनन-आयु वर्ग की अनुमानित 8-13 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस का शिकार होती हैं। आप भी तो इसका शिकार नहीं हैं?

विज्ञापन
polycystic ovary syndrome pcos risk in women know its symptoms and preventive measures
महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएं - फोटो : Freepik.com

Polycystic Ovary Syndrome: आज की तेज रफ्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में महिलाओं की सेहत से संबंधित कई समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) भी ऐसी ही एक समस्या है। भारत में हर 5 में से 1 महिला इस स्थिति से जूझ रही है, और ये आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं।



पीसीओएस केवल एक हार्मोनल असंतुलन नहीं, बल्कि एक लाइफस्टाइल की भी दिक्कत है जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता, मानसिक स्वास्थ्य, और समग्र जीवनशैली को गहराई से प्रभावित कर सकता है। 

प्रसव उम्र की महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण पीसीओएस और इससे संबंधित अन्य जटिलताओं का खतरा रहता है। इस समस्या में शरीर में एण्ड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, अंडाशय पर कई छोटे सिस्ट हो सकते हैं। पीसीओएस के कारण मासिक धर्म के रुकने या अनियमित होने, बालों के अधिक विकास, मुंहासे, बांझपन और वजन बढ़ने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

Trending Videos
polycystic ovary syndrome pcos risk in women know its symptoms and preventive measures
 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) - फोटो : Freepik.com

दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है इस रोग का खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं अधिकतर लोगों में इस रोग का समय पर पता ही नहीं चल पाता। दुनियाभर में 60-70% प्रभावित महिलाओं में इसका निदान नहीं हो पाता है, जबकि प्रजनन-आयु वर्ग की अनुमानित 8-13 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस का शिकार होती हैं। पीसीओएस में मासिक धर्म से संबंधित दिक्कतों के कारण प्रजनन क्षमता पर भी नकारात्मक असर हो सकता है इसलिए जरूरी है कि समय रहते इसके लक्षणों की पहचान और उपचार किया जाए।

आइए पीसीओएस में होने वाली समस्याओं के बारे में जानते हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन
polycystic ovary syndrome pcos risk in women know its symptoms and preventive measures
पीसीओएस के कारण क्या दिक्कतें होती हैं? - फोटो : Adobe stock

पीसीओएस के कारण होने वाली समस्याएं

पीसीओएस कई प्रकार की जटिलताएं बढ़ाने वाली दिक्कत है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को कई प्रकार के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जो हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। 

अनियमित मासिक धर्म की समस्या से लेकर चेहरे या शरीर पर अत्यधिक बाल आने, मुंहासे की दिक्कत और बालों का झड़ने (एलोपेसिया) की समस्या इसका आम लक्षण हैं। ये प्रजनन क्षमता में कमी, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं (तनाव, चिंता और अवसाद) और वजन बढ़ने का खतरा भी बढ़ा देती है।

polycystic ovary syndrome pcos risk in women know its symptoms and preventive measures
पीसीओएस के कारण मासिक धर्म की समस्या - फोटो : Freepik.com

मासिक धर्म की दिक्कत

मासिक धर्म में होने वाली समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं, पर अगर बार-बार आपको ये दिक्कत बनी रहती है तो इसको लेकर गंभीरता से ध्यान देना और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी हो जाता है। मासिक धर्म अगर बार-बार या सामान्य अवधि से अधिक समय तक बना रहता है तो इसे पीसीओएस की दिक्कत माना जा सकता है। पीसीओएस की समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण गर्भधारण की दिक्कतें भी हो सकती है।

विज्ञापन
polycystic ovary syndrome pcos risk in women know its symptoms and preventive measures
योग व्यायाम की बनाएं आदत - फोटो : Freepik

पीसीओएस हो जाए तो क्या करें?

जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या है, उन्हें डॉक्टरी सलाह के साथ अपने खान-पान और लाइफस्टाइल में भी सुधार करना चाहिए।

  • सबसे जरूरी है संतुलित आहार अपनाएं- फाइबर और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें जिसमें खूब सारी फल-सब्जियां, साबुत अनाज हो।
  • प्रोसेस्ड फूड, मीठा और फास्ट फूड से बचें। इसका सेहत पर नकारात्मक असर होता है।
  • आहार में लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ चुनें। इससे शुगर भी बढ़ता है पीसीओएस की भी दिक्कतें बढ़ती हैं।
  • हफ्ते में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें। शारीरिक रूप से सक्रिय रहना पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में मददगार है।





------------
नोट: 
यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें  लाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health  and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) और यात्रा (travel news in Hindi)  आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।  

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed