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UTI: क्यों कुछ महिलाओं को बार-बार होता है यूरिन इन्फेक्शन? जानें इसके मुख्य कारण और बचाव का तरीका

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Wed, 01 Oct 2025 12:41 PM IST
सार

  • यूटीआई एक ऐसी बीमारी जिससे पुरुष हो महिला अधिकतर लोग कभी न कभी जरूर दो चार होते हैं। खासतौर पर महिलाओं में ये समस्या अक्सर देखने को मिलती है।
  • कुछ महिलाओं को तो यूटीआई की समस्या बार-बार होती है। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं।

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UTI in Women What is Urinary Tract Infect Check symptoms causes and how to Prevent It
यूटीआई - फोटो : Amar Ujala

Why Frequent Urine Infection Cause? यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी मूत्र मार्ग का संक्रमण, महिलाओं में होने वाली एक बेहद आम स्वास्थ्य समस्या है। आंकड़ों की मानें तो लगभग 50-60% महिलाओं को अपने जीवन में कम से कम एक बार यूटीआई का अनुभव जरूर होता है। यह संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर मूत्राशय तक पहुंच जाते हैं। हालांकि सामान्य यूटीआई का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से आसानी से हो जाता है, लेकिन कुछ महिलाओं ऐसी होती हैं जिन्हें यूटीआई की समस्या का बार-बार सामना करना पड़ता है।



जब किसी महिला को साल में तीन या उससे अधिक बार यूटीआई होता है, तो इसे 'रिकरेंट यूटीआई' कहा जाता है। यह न केवल शारीरिक रूप से कष्टदायक होता है, बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान करने वाला होता है। आइए इस लेख में जानते हैं यूटीआई के पीछे का मुख्य कारण क्या है और इससे बचाव के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

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यूटीआई - फोटो : Adobe Stock

महिलाओं में अधिक होने के मुख्य कारण
महिलाओं की शारीरिक बनावट पुरुषों की तुलना में उन्हें यूटीआई के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। महिलाओं का मूत्रमार्ग पुरुषों की तुलना में छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया (आमतौर पर ई. कोलाई) के लिए मूत्राशय तक पहुंचना आसान हो जाता है। इसके अलावा यौन गतिविधि भी एक प्रमुख कारण है, क्योंकि यह बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग के करीब धकेल सकती है। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से भी योनि का पीएच बदल जाता है जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।


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यूटीआई - फोटो : Adobe Stock

जीवनशैली से जुड़ी गलतियां
कई बार हमारी रोजमर्रा की आदतें भी बार-बार होने वाले यूटीआई का कारण बनती हैं। इनमें सबसे प्रमुख कारण है कम पानी पीना, जिससे बैक्टीरिया शरीर से बाहर नहीं निकल पाते। लंबे समय तक पेशाब रोके रखना भी बैक्टीरिया को पनपने का मौका देता है। टॉयलेट के बाद गलत तरीके से सफाई भी संक्रमण के जोखिम को बढ़ा देती है। इसके अलावा कुछ गर्भनिरोधक तरीके जैसे डायाफ्राम का उपयोग भी इसका खतरा बढ़ा सकते हैं।


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यूटीआई - फोटो : Adobe Stock

बचाव का सबसे कारगर तरीका
यूटीआई से बचाव का सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण नियम है भरपूर मात्रा में पानी पीना। दिन में कम से-कम 8-10 गिलास पानी पीने से आपका मूत्राशय नियमित रूप से खाली होता रहता है। यह प्रक्रिया मूत्र मार्ग में मौजूद बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करती है और उन्हें संक्रमण फैलाने का मौका नहीं मिलता। पानी आपके पेशाब को पतला भी करता है, जिससे जलन कम होती है।

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डॉक्टर - फोटो : Freepik
बरतें ये सावधानियां
विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ सावधानियां बरतकर आप यूटीआई के खतरे को काफी हद तक कम कर सकती हैं।
  • हमेशा टॉयलेट का उपयोग करने के बाद आगे से पीछे की ओर साफ करें।
  • यौन संबंध बनाने के तुरंत बाद पेशाब जरूर करें।
  • सूती अंडरवियर पहनें और बहुत तंग कपड़े पहनने से बचें।
  • बाथटब की बजाय शॉवर से नहाएं और सुगंधित फेमिनिन हाइजीन उत्पादों का उपयोग करने से बचें।
  • यदि इन उपायों के बावजूद आपको बार-बार यूटीआई हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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