Vitamin B12 Symptom: अक्सर यह देखने को मिलता है कि बैठे-बैठे कुछ लोगों के हाथ या पैर में झुनझुनी पड़ जाती है। आमतौर पर ऐसा किसी एक ही स्थिति में देर तक बैठने से नस दबने के कारण होता है और थोड़ी देर में ठीक भी हो जाता है। लेकिन अगर आपको यह झुनझुनी बिना किसी स्पष्ट कारण के और बार-बार महसूस होती है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
Health Tips: क्या आप भी बार-बार महसूस करते हैं हाथ-पैर में झुनझुनी? हो सकती है इस विटामिन की कमी
हाथों-पैरों में झुनझुनी पड़ना एक सामान्य समस्या है, जो आमतौर पर देर तक एक पोज में बैठने के कारण होता है। लेकिन अगर ये समस्या सामान्य स्थिति में रहने के बावजूद होता है और बार-बार हो रहा है तो ये विटामिन बी12 के कमी का संकेत हो सकता है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।
क्यों जरूरी है विटामिन B12?
विटामिन B12 जिसे कोबालमिन भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। इसका मुख्य काम नसों को स्वस्थ रखना और उनकी सुरक्षा करने वाली माइलिन शीथ का निर्माण करना है। इसके अलावा यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती हैं। इसकी कमी से सीधे तौर पर हमारा नर्वस सिस्टम और खून प्रभावित होता है।
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हाथ-पैर में झुनझुनी या सुन्नपन के अलावा विटामिन B12 की कमी होने पर शरीर कई और संकेत भी देता है।
- अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस होना।
- चलने में लड़खड़ाना या संतुलन बनाने में कठिनाई होना।
- मुंह में बार-बार छाले होना या जीभ का लाल और सूजा हुआ दिखना।
- त्वचा का हल्का पीला पड़ना।
- याददाश्त कमजोर होना, भ्रम या चिड़चिड़ापन महसूस होना।
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किन लोगों में होता है इसका खतरा?
विटामिन B12 की कमी का सबसे अधिक खतरा शाकाहारी और वीगन लोगों में होता है, क्योंकि यह विटामिन प्राकृतिक रूप से केवल मांसाहारी खाद्य पदार्थों (जैसे मांस, मछली, अंडे) और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। इसके अलावा बुजुर्गों में भी पेट के एसिड की कमी के कारण इसका अवशोषण कम हो जाता है। पाचन संबंधी रोग (जैसे क्रोहन रोग) से पीड़ित लोग भी विटामिन B12 के कमी का जोखिम अधिक होता है।
अगर आप मांसाहारी हैं तो अपनी डाइट में अंडा, मछली और मांस शामिल करें। शाकाहारी लोग दूध, दही, पनीर और अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करके इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं। वीगन लोगों के लिए फोर्टिफाइड अनाज, यीस्ट और सप्लीमेंट्स विकल्प हैं। यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। एक साधारण ब्लड टेस्ट से इसकी कमी का पता लगाया जा सकता है और डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन से इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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