उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भीषण ठंड के चलते स्कूलों में छुट्टी के आदेश दिए गए हैं। भीषण कोहरे और शीतलहर के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सर्दी का ये मौसम सेहत के लिए भी कई तरह की दिक्कतें बढ़ाने वाला हो सकता है।
Health Alert: सर्दियों में हीटर के सामने ज्यादा बैठना बढ़ा सकता सेहत की मुश्किलें, डॉक्टरों ने दी चेतावनी
- अगर आप भी हीटर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो इसके दुष्प्रभाव भी जान लीजिए।
- जिन लोगों को पहले से अस्थमा जैसी सांस की समस्या रही है उनके लिए गर्म और सूखी हवा समस्याओं को ट्रिगर करने वाली भी हो सकती है।
रूम हीटर के हो सकते हैं कई नुकसान
डॉक्टर्स कहते हैं, हीटर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल त्वचा से लेकर आंखों और सांस की समस्याओं को बढ़ाने वाला हो सकता है। हीटर की गर्म हवा वातावरण में सूखापन बढ़ा देती है।
हीटर कमरे की नमी को तेजी से कम कर देता है, जिससे हवा शुष्क हो जाती है। सूखी हवा के कारण त्वचा में रूखापन बढ़ने लगता है। इसके अलावा आपको आंखों में जलन, गले में खराश और खांसी हो सकती है। जिन लोगों को पहले से अस्थमा जैसी सांस की समस्या रही है उनके लिए गर्म और सूखी हवा समस्याओं को ट्रिगर करने वाली भी हो सकती है।
हीटर के ज्यादा इस्तेमाल के नुकसान
अगर आप भी हीटर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो इसके दुष्प्रभाव भी जान लीजिए।
- बढ़ जाती है ड्राइनेस और जलन की समस्या
हीटर के सीधे संपर्क में रहने से त्वचा पर नकारात्मक असर पड़ता है। हीटर कमरे की हवा से नमी खींच लेता है, जिससे वातावरण शुष्क हो जाता है। हवा में नमी कम होने के कारण त्वचा की ऊपरी परत से प्राकृतिक तेल तेजी से खत्म होने लगती है। इसके कारण त्वचा में रूखापन बढ़ने लगती है। कई लोगों को इसके कारण खुजली, लाल चकत्ते और जलन की भी दिक्कत हो सकती है।
- अस्थमा अटैक का बढ़ जाता है खतरा
हीटर के ठीक सामने बहुत देर तक बैठने या सोने से सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। गर्म और सूखी हवा सांस की नलियों को शुष्क कर देती है, जिससे गले में खराश, खांसी और सांस लेने में जलन महसूस होती है। शुष्क हवा अस्थमा, एलर्जी या ब्रोंकाइटिस के मरीजों की समस्याओं को भी ट्रिगर करने वाली हो सकती है। यही कारण है कि सांस के मरीजों को हीटर के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- ड्राई आइज का खतरा
हीटर की गर्म हवा आंखों की नमी को भी तेजी से कम कर देती है। सीधे हीटर के सामने रहने से आंखों की सतह पर मौजूद टियर फिल्म जल्दी सूख जाती है, जिससे आंखों में जलन, चुभन और दर्द महसूस होता है। कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों को हीटर के सीधे संपर्क में रहने से ज्यादा परेशानी होती है। आंखों में लगातार सूखापन से संक्रमण और कॉर्निया को नुकसान पहुंचने का खतरा भी रहता है।
ये सावधानियां जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हीटर के कारण होने वाली दिक्कतों से बचे रहने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- हीटर का इस्तेमाल सीमित समय के लिए करें और कमरे में हल्का वेंटिलेशन जरूर रखें।
- इलेक्ट्रिक हीटर को सुरक्षित दूरी पर रखें और सोते समय बंद कर देना बेहतर होता है।
- कमरे में नमी बनाए रखने के लिए पानी से भरा बर्तन या ह्यूमिडिफायर का उपयोग किया जा सकता है।
- गर्म कपड़े पहनना और संतुलित आहार लेना भी ठंड से बचाव का सुरक्षित तरीका है।
- जिन लोगों को सांस की समस्या है या फिर आंखों में लेंस पहनते हैं उन्हें गर्म हवा के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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