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Sushasan Diwas 2025: सुशासन दिवस कब है? जानिए इस दिन का इतिहास और महत्व

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Tue, 23 Dec 2025 03:11 PM IST
सार

Sushasan Diwas: क्या आपको पता है सुशासन दिवस कब और क्यों मनाया जाता है। साथ ही अटल बिहारी वाजपेई का सुशासन दिवस से क्या संबंध है। इस लेख के माध्यम से जानिए सुशासन दिवस का इतिहास और महत्व और सभी रोचक तथ्य।

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Sushasan Diwas Kab Manaya Jata Hai Know History Importance Of Good Governance Day in Hindi
सुशासन दिवस 2025 - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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Sushasan Diwas : सुशासन का अर्थ है पारदर्शी, जवाबदेह या कुशल और समावेशी तरीके से सरकार चलाना। इसमें सिर्फ नियमों का पालन नहीं होता, बल्कि नैतिकता और जन केंद्रित दृष्टिकोण से शासन किया जाता है। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और हर नागरिक को समान अवसर देने के उद्देश्य से हर साल सुशासन दिवस मनाया जाता है।

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हर साल सुशासन दिवस 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसमें सरकार जवाबदेह होती है, निर्णय पारदर्शी होते हैं और आम नागरिक को बिना भटके उसके अधिकार मिलते हैं। इस दिन को मनाने का विचार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से मिला, जिनकी याद और सम्मान में सुशासन दिवस मनाने की शुरुआत हुई। मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि सुशासन दिवस क्यों मनाया जाता है और 25 दिसंबर को ही यह दिन मनाने के लिए क्यों चुना गया। साथ ही अटल बिहारी वाजपेई का सुशासन दिवस से क्या संबंध है। इस लेख के माध्यम से जानिए सुशासन दिवस का इतिहास और महत्व और सभी रोचक तथ्य।
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सुशासन दिवस 2025 कब मनाया जाएगा?

सुशासन दिवस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। साल 2025 में भी यह दिवस 25 दिसंबर को ही मनाया जाएगा। यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के रूप में भी जाना जाता है।


सुशासन दिवस का इतिहास

सुशासन दिवस की शुरुआत वर्ष 2014 में भारत सरकार द्वारा की गई। उस समय केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया कि अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को Good Governance Day (सुशासन दिवस) के रूप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य था, 

  • प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना
  • नीति निर्माण को जन-केंद्रित बनाना
  • सरकारी कामकाज को जवाबदेह बनाना


अटल बिहारी वाजपेयी को इसलिए चुना गया क्योंकि वे केवल नेता नहीं थे, वे सहमति, संवाद और संवैधानिक मर्यादा की राजनीति के प्रतीक थे।

अटल बिहारी वाजपेयी और सुशासन का रिश्ता

अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल (1998–2004) को आज भी स्थिर, संतुलित और दूरदर्शी प्रशासन के रूप में याद किया जाता है। उनके कार्यकाल की कुछ प्रमुख मिसाल ग्राम सड़क योजना, आर्थिक सुधारों को मानवीय चेहरा देना, परमाणु नीति में स्पष्टता और विपक्ष को सम्मान देने की परंपरा है। उनका मानना था कि सरकार का काम सिर्फ शासन करना नहीं, बल्कि सेवा करना है। 

सुशासन दिवस मनाने का उद्देश्य

सुशासन दिवस का मकसद केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रशासनिक सोच में बदलाव है। नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने, सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता सुधार लाने, ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और नीति व ज़मीनी हकीकत के बीच की दूरी कम करने के उद्देश्य से ये दिन मनाया जाता है। 

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