खराब दिनचर्या और खान-पान में गड़बड़ी के चलते कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम तेजी से बढ़ गया है। इसके विपरीत लोग व्यस्त दिनचर्या के बीच अपनी सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सिर्फ अच्छा खाना ही नहीं, बल्कि नियमित रूप से हेल्थ चेकअप भी कराते रहना जरूरी माना जाता है। समय-समय पर कराई गई जांच क्रॉनिक बीमारियों को शुरुआती चरण में पकड़ सकती है, जिससे इलाज आसान और असरदार हो जाता है।
Uremia: ब्लड टेस्ट में आया है हाई यूरिया लेवल? कहीं ये किसी गंभीर समस्या की तरफ संकेत तो नहीं
- हाई ब्लड यूरिया यानी यूरिमिया की समस्या ज्यादातर क्रोनिक किडनी डिजीज के कारण हुए किडनी फेलियर से होता है।
- अगर यूरिया का स्तर लंबे समय तक सामान्य से अधिक रहता है और इसका सही उपचार न हो पाए तो इसके कारण कोमा और मौत का खतरा भी हो सकता है।
हाई यूरिया लेवल या यूरेमिया
कई बार ब्लड टेस्ट में आपने यूरिया की मात्रा बढ़ी हुई देखी होगी। आखिर ये किस बात का संकेत होता है, कहीं ये कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या की तरफ इशारा तो नहीं है?
डॉक्टर बताते हैं, खून में यूरिया बढ़ने का मतलब है कि शरीर में प्रोटीन के टूटने से बनने वाला अपशिष्ट पदार्थ सही तरीके से बाहर नहीं निकल पा रहा है। सामान्य रूप से यूरिया लिवर में बनता है और किडनी इसे फिल्टर करके पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देती है। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती तो खून में यूरिया का स्तर बढ़ने लगता है। मेडिकल भाषा में इसे यूरेमिया कहा जाता है।
अगर आपके ब्लड टेस्ट में भी यूरिया का स्तर सामान्य से अधिक बना रहता है तो इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। ये किडनी से संबंधित दिक्कतों का संकेत हो सकती है।
क्यों बढ़ जाता है खून में यूरिया का स्तर?
यूरिमिया की समस्या ज्यादातर क्रोनिक किडनी डिजीज के कारण हुए किडनी फेलियर से होती है। अगर यूरिया का स्तर लंबे समय तक सामान्य से अधिक रहता है और इसका सही उपचार न हो पाए तो इसके कारण कोमा और मौत का खतरा भी हो सकता है।
डॉक्टर बताते हैं, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं, इसके कारण भी खून में यूरिया का स्तर बढ़ सकता है। कुछ लोगों में डिहाइड्रेशन, हार्ट फेलियर, लिवर की बीमारी और पेशाब रुकने की समस्या के कारण भी ब्लड में यूरिया का स्तर हाई हो सकता है।
आमतौर पर वयस्कों के लिए ब्लड यूरिया का सामान्य स्तर 7 से 20 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होती है, लेकिन यह उम्र और लिंग के हिसाब से थोड़ी अलग होती है। अगर ये स्तर अक्सर 25 mg/dL से अधिक रहता है तो इसे किडनी या लिवर की समस्याओं का संकेत माना जा सकता है, जिसमें तुरंत डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है।
यूरेमिया के कारण क्या दिक्कतें होती हैं?
जिन लोगों के खून में यूरिया बढ़ जाती है, उनमें मतली, उल्टी और भूख न लगने जैसी दिक्कतें देखी जाती हैं। इसके अलावा बिना किसी वजह के वजन कम होना,सोचने और याद रखने में समस्या, अक्सर थकान महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ (डिस्पनिया), मांसपेशियों में ऐंठन, खुजली की भी दिक्कत हो सकती है।
यूरिया का स्तर अधिक होने पर लंबे समय तक बनी रहने वाली इस दिक्कत के कारण आपकी सांस से पेशाब जैसी गंध आ सकती है, पसीना सूखने के बाद आपकी त्वचा पर पीले-सफेद क्रिस्टल दिखाई दे सकते हैं या सीने में दर्द की समस्या भी होती है।
यूरिया को कंट्रोल कैसे करें?
ब्लड यूरिया को कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले उसकी असली वजह को समझना जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी माना जाता है, इससे किडनी को विषैले पदार्थ बाहर निकालने में मदद मिलती है। डॉक्टर की सलाह से प्रोटीन का संतुलित सेवन करना चाहिए, क्योंकि बहुत ज्यादा प्रोटीन यूरिया बढ़ा सकता है।
नमक और प्रोसेस्ड फूड कम करना, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना भी जरूरी है। सही खान-पान, लाइफस्टाइल में सुधार और समय पर इलाज से यूरिया के स्तर को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है और किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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