जो बीमारियां कुछ दशकों पहले तक उम्र बढ़ने के साथ हुआ करती थीं, वह अब कम उम्र के लोगों और बच्चों को भी अपना शिकार बना रही हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कम उम्र से ही सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह देते हैं। बच्चों का खानपान, खासकर ज्यादा चीनी और नमक का सेवन धीरे-धीरे कई गंभीर समस्याओं की जड़ बनता जा रहा है।
Alert: डॉक्टरों की कड़ी चेतावनी, 3 साल तक के बच्चों को इस चीज से रखें दूर वरना हो जाएंगे दिल के मरीज
- बीएमजे जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में विशेषज्ञों ने बताया कि है कि वजन बढ़ने और मोटापे से लेकर डायबिटीज और दिल की कई बीमारियों तक, ज्यादा चीनी खाने से बच्चों की सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं।
ज्यादा चीनी बच्चों के लिए हानिकारक
अध्ययनों से पता चलता है कि ज्यादा चीनी बच्चों में मोटापा, बार-बार बीमार पड़ने, एकाग्रता की कमी, हाइपरएक्टिविटी, प्रतिरोधक क्षमता की कमजोरी, दांतों की सड़न और डायबिटीज जैसी बीमारियों के जोखिमों को बढ़ाती है। पैक्ड फूड्स में भी हाई शुगर और हाई कैलोरी होती है, जिसे बच्चे पसंद तो खूब करते हैं पर इस तरह की चीजें लंबे समय में सेहत के लिए दुश्मन साबित हो सकती हैं।
ज्यादा चीनी से सेहत को होने वाले नुकसान से संबंधित बीएमजे जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में विशेषज्ञों ने बताया कि है कि वजन बढ़ने और मोटापे से लेकर डायबिटीज और दिल की कई बीमारियों तक, ज्यादा चीनी खाने से बच्चों की सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं।
3 साल तक के बच्चों को न दें चीनी
क्या जीवन के शुरुआती दौर में चीनी की मात्रा कम करने से बड़े होने पर दिल की बीमारी का खतरा कम किया जा सकता है? इसे समझने के लिए विशेषज्ञों की टीम ने अध्ययन किया।
इसमें पाया गया कि जीवन के पहले 1,000 दिनों (करीब 3 साल) तक अगर बच्चों को चीनी वाली चीजें कम दी जाएं तो इससे बड़े होने पर कार्डियोवैस्कुलर यानी दिल और धमनियों से संबंधित समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
ज्यादा चीनी से होने वाली दिक्कतें
यूके बायोबैंक में 63,433 बच्चों के डेटा अध्ययन के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है। इन बच्चों में कोई आम कार्डियोवैस्कुलर बीमारी नहीं थी। अध्ययन में पाया गया कि जिन बच्चों को जन्म के दो साल तक चीनी वाली चीजें कम दी गईं, उनमें कार्डियोवैस्कुलर बीमारी का खतरा उन लोगों की तुलना में 20% कम था जिन बच्चों ने चीनी से भरपूर चीजों का सेवन किया।
कम चीनी खाने वाले बच्चों में मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (25%), हार्ट फेलियर (26%), स्ट्रोक (31%), एट्रियल फिब्रिलेशन (24 %) और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी से होने वाली मौत (27%) का खतरा भी कम था।
विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चे अक्सर दिनभर में जितनी चीनी लेते हैं, उसका उन्हें पता भी नहीं चलता। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट कहती है कि बच्चों को दिनभर में 25 ग्राम से ज्यादा चीनी नहीं लेनी चाहिए, लेकिन भारत में शहरों के ज्यादातर बच्चे इससे कहीं ज्यादा चीनी रोजाना ले रहे हैं। इसका सीधा असर उनके वजन, दांतों, ऊर्जा स्तर, और यहां तक कि भविष्य में होने वाली बीमारियों पर पड़ता है।
--------------------------
स्रोत
Exposure to sugar rationing in first 1000 days after conception and long term cardiovascular outcomes: natural experiment study
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।