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World Milk Day 2019: कैल्शियम की कमी से हो सकती हैं ये घातक बीमारियां, इन उपायों से करें बचाव
लाइफस्टाइल डेस्क
Published by: पंखुड़ी सिंह
Updated Sat, 01 Jun 2019 11:25 AM IST
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2001 से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्या उद्देश्य दूध पर ध्यान केंद्रित करने और दुग्ध उद्योग से जुड़ी गतिविधियों को प्रचारित करने का अवसर प्रदान करना है। कई देश एक ही दिन दुग्ध दिवस मानते हैं क्योंकि दूध एक वैश्विक भोजन है। स्वास्थ्य के लिए दूध बेहद जरुरी है। दूध विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, नियासिन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
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यह कहां से शुरू हुआ
FAO (संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन)को एक विशेष दिन का प्रस्ताव करने के लिए कहा गया था, जिस पर दूध से संबंधित सभी पहलुओं पर गौर किया जा सके। 2018 में, 586 आयोजनों के द्वारा 70 देशों में विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया। जिसमें किसानों, रसोइया, पोषण विशेषज्ञ, शिक्षाविदों और एथलीटों ने अपने दूध के गिलास उठाए साथ ही, दूध और डेयरी उत्पादों के लाभों के बारे में जानकारी साझा की।
FAO (संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन)को एक विशेष दिन का प्रस्ताव करने के लिए कहा गया था, जिस पर दूध से संबंधित सभी पहलुओं पर गौर किया जा सके। 2018 में, 586 आयोजनों के द्वारा 70 देशों में विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया। जिसमें किसानों, रसोइया, पोषण विशेषज्ञ, शिक्षाविदों और एथलीटों ने अपने दूध के गिलास उठाए साथ ही, दूध और डेयरी उत्पादों के लाभों के बारे में जानकारी साझा की।
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इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आमतौर पर लोग कैल्शियम की उतनी खुराक नहीं लेते हैं, जितनी शरीर की हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए जरुरत होती है। भारत में वयस्कों की खुराक में कैल्शियम की जरूरत की करीब आधी मात्रा होती है। भारत में लोग अपने खाने में रोजाना औसतन महज 429 मिलीग्राम कैल्शियम लेते हैं, जबकि शरीर को इसकी जरूरत 800-1000 मिलीग्राम रोजाना होती है। शरीर में अगर लंबे समय तक कैल्शियम की कमी बनी रहे तो इसका दांतों और दिमाग पर असर पड़ सकता है। मोतियाबिंद और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है। अगर इसका इलाज नहीं कराया गया, तो ये हालत जानलेवा भी हो सकती है।
शरीर में कैल्शियम की कमी का यूं पता लगाएं
कैल्शियम की कमी का सबसे सामान्य लक्षण शरीर और जोड़ों में दर्द है। इसके साथ-साथ कमजोरी और दर्दनाक पीरियड्स जैसे लक्षण नजर आते हैं।
मांसपेशियों में तकलीफ
मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और मरोड़ कैल्शियम की कमी के शुरुआती संकेत हैं। इसकी कमी के कारण हाथ, पैर और मुंह के आसपास सिहरन सी भी महसूस हो सकती है।
कैल्शियम की कमी का सबसे सामान्य लक्षण शरीर और जोड़ों में दर्द है। इसके साथ-साथ कमजोरी और दर्दनाक पीरियड्स जैसे लक्षण नजर आते हैं।
मांसपेशियों में तकलीफ
मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और मरोड़ कैल्शियम की कमी के शुरुआती संकेत हैं। इसकी कमी के कारण हाथ, पैर और मुंह के आसपास सिहरन सी भी महसूस हो सकती है।
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बहुत ज्यादा थकान
अधिकतर लोगों को हमेशा बहुत ज्यादा थकान, सुस्ती, आलस की अक्सर शिकायत रहती है। कैल्शियम की कमी नींद न आने की वजह भी हो सकती है। कैल्शियम की कमी के कारण ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, भूलना और उलझन भी शामिल है।
अधिकतर लोगों को हमेशा बहुत ज्यादा थकान, सुस्ती, आलस की अक्सर शिकायत रहती है। कैल्शियम की कमी नींद न आने की वजह भी हो सकती है। कैल्शियम की कमी के कारण ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, भूलना और उलझन भी शामिल है।