Barot Valley: जब भी लोग हिल स्टेशन की बात करते हैं तो मनाली, शिमला, मसूरी जैसे नाम जहन में आते हैं। लेकिन अगर आप भीड़भाड़ से दूर, शांत और असली प्राकृतिक खूबसूरती की तलाश में हैं तो हिमाचल की एक कम जानी-पहचानी मगर बेमिसाल जगह बरोट घाटी आपके लिए बेस्ट है। बरोट वैली दिल्ली से महज 400 किमी दूर स्थित है। यह जगह इतनी शांत, हरी-भरी और सूरम्य है कि आप यहां पहुंचकर कहेंगे कि , यह तो असली स्वर्ग है।
Barot Valley : भीड़भाड़ से दूर ये ऑफबीट हिल स्टेशन आपको कर देगा मंत्रमुग्ध, दिल्ली से महज कुछ घंटे की है दूरी
Barot Valley: शिमला-मनाली से इतर बरोट घाटी में शांति है। यहां का नजारा सुंदर, प्रकृति के करीब और झरनों की मीठी आवाज से परिपूर्ण है। यहां इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क सीमित है, जिससे आप सचमुच रिलैक्स कर सकते हैं।
बरोट घाटी हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित है और इसे अक्सर "मिनी स्विट्ज़रलैंड" भी कहा जाता है। यह एक ऑफबीट डेस्टिनेशन है जो उहल नदी, घने देवदार के जंगल, झरने और ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए जाना जाता है। बरोट घाटी घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय गर्मियों में मार्च से जून और सर्दियों में अक्तूबर से नवंबर के बीच होता है।
कैसे पहुंचे बरोट घाटी?
राजधानी दिल्ली से बरोट घाटी की दूरी लगभग 400 से 450 किमी है और यहां तक पहुँचना आसान, सस्ता और एडवेंचर से भरा है। बरोट घाटी तक पहुंचने के लिए ट्रेन या बस से पठानकोट या जोगिंदरनगर तक जा सकते हैं। आगे का रास्ता टैक्सी से तय करना होता है।
दिल्ली के कश्मीरी गेट बस अड्डे से एचआरटीसी (HRTC) की बस से जोगिंदर नगर तक की यात्रा करें। बस का किराया 800 से 900 रुपये हो सकता है। रात की बस लें ताकि सुबह जोगिंदर नगरर पहुंच जाएं। जोगिंदर नगर पहुंचकर नाश्ता करें और वहां से बरोट घाटी के लिए स्थानीय बस से यात्रा करें, जो कि सुबह के वक्त आसानी से मिल जाती है और इसका किराया लगभग 80 रुपये होता है। जोगिंदर नगर से बरोट घाटी की दूरी लगभग 30 किमी है।
दो दिन की बरोट घाटी ट्रिप की योजना
पहले दिन दोपहर तक जोगिंदर नगर पहुंचकर होम स्टे बुक करें और फ्रेश होकर घूमने निकल जाएं। सबसे पहले आप ब्रिटिश काल का डैम देखने जा सकते हैं। अंग्रेजों के समय का बना यह डैम आज भी अपनी सुंदरता और इंजीनियरिंग से चौंकाता है।
फिर प्राकृतिक फव्वारा और पास के गांव की सैर करने जा सकते हैं। छोटे-छोटे गांव, पगडंडियां और साफ हवा के बीच घूमना मन को शांति देता है। वापस होम स्टे आकर आराम करें।
दूसरा दिन
अगले दिन सुबह जल्दी उठकर लापास जलप्रपात के लिए निकल जाएं। झरने के पास बैठकर मैगी और चाय का लुत्फ उठाना न भूलें। पास का लापास गांव भी जरूर घूमें, जहां आपको अनोखा देसी हीटर देखने को मिलेगा
अब लापास से लौटते वक्त शॉर्टकट रास्ते से चोकड़ी बारोट वैली जाएं। रास्ते में घने देवदार के जंगल, घाटियां और एक बहती हुई जलधारा आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। ट्राउट फिश फार्म, नेचुरल फ्रीजर जैसे अनूठे नजारे इस यात्रा को यादगार बना देंगे।
इस यात्रा के दौरान बरोट की अनोखी विरासत के भी दीदार करें। बरोट में एक ऐसी पुरानी कोठी डाॅटर्स हाउस है जिसे कभी ब्रिटिश दौर में एक बेटी को उपहार में दिया गया था। आज यह एक आकर्षक टूरिस्ट होमस्टे में बदल चुकी है, जहां आप रुक सकते हैं।
बरोट घाटी से दिल्ली वापसी
बरोट यात्रा का कुल खर्च
दो दिन की ट्रिप में बरोट यात्रा का खर्च आपके बजट में होगा। दिल्ली से जोगिंदर नगर बस यात्रा 800 रुपये और जोगिंदर नगर से बरोट घाटी तक 80 रुपये किराया खर्च होगा।
यहां एक रात के लिए होम स्टे आपको आसानी से 600 से 800 रुपये में मिल जाएं। वहीं खाना और चाय नाश्ते में 300 से 500 रुपये प्रतिदिन खर्च हो सकते हैं। अन्य लोकल ट्रैवल पर 200 रुपये खर्च आ सकता है।
इस तरह के दो दिन का बरोट घाटी की सैर का कुल अनुमानित खर्च लगभग 2000 से 3000 रुपये प्रतिव्यक्ति हो सकता है।