Worst Places to Visit in July: जुलाई मानसून आने का महीना है। इस महीने में आए दिन बारिश होने की संभावना रहती है। बारिश के साथ ही जुलाई हरियाली और ठंडी हवाओं से भरा होता है। जहां कुछ जगहें इस मौसम में जन्नत लगती हैं, वहीं कुछ जगह ऐसी भी हैं जहां जाना खतरनाक, असुविधाजनक और खर्च की बर्बादी हो सकता है। अगर मानसून में यात्रा कर रहे हैं तो पहले मौसम विभाग की एडवाइजरी जरूर चेक कर लें। भारी बारिश वाले राज्यों में रोड ट्रिप से बचें। बीमा और बुकिंग कैंसिलेशन पाॅलिसी की जांच जरूर कर लें और मानसून में ऐसी जगहें चुनें जहां ड्रेनेज व परिवहन सुविधा बेहतर हो। हालांकि कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां मानसून में भूल से भी नहीं जाना चाहिए। अगर आप मानसून में ट्रैवल की योजना बना रहे हैं तो पहले इन जगहों के बारे में जरूर जान लें।
Places To Avoid In July: जुलाई में भूलकर भी न जाएं भारत की ये जगहें, पैसा और समय दोनों की बर्बादी
places not to visit in july कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां मानसून में भूल से भी नहीं जाना चाहिए। अगर आप मानसून में ट्रैवल की योजना बना रहे हैं तो पहले इन जगहों के बारे में जरूर जान लें।
उत्तराखंड में ट्रेकिंग वाले रास्ते
बारिश में भूस्खलन और ट्रेल्स फिसलन भरे हो जाते हैं। मानसून में पहाड़ी क्षेत्रों खासकर ट्रेकिंग रूट्स पर जाना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यहां पहाड़ टूटकर गिरने, रास्ते बंद होने जैसी समस्याएं आम होती हैं। इस कारण ही मानसून में उत्तराखंड में ट्रेकिंग बंद रहती है और अचानक मौसम बदलने से जान को खतरा हो सकता है। अगर आप रोमांच ट्रिप के लिए उत्तराखंड जा रहे हैं तो रूपकुंड, पिंडारी, ग्लेशियर, केदारकंठा जैसी जगहों पर जुलाई-अगस्त में भूल से भी न जाएं। ये ट्रेकिंग रूट्स हैं जिन्हें बरसात में बंद कर दिया जाता है।
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लेह-लद्दाख रोड ट्रिप्स
जून में लद्दाख जाना बेस्ट होता है, लेकिन जुलाई में बारिश के कारण ज़ोजिला पास और रोहतांग पास में मिट्टी धंसने की घटनाएं आम हो जाती हैं। यहां अधिक बरसात होने पर सड़कें बंद भी हो सकती हैं। इसलिए अगर सड़क मार्ग के जरिए लेह जा रहे हैं तो इस योजना से बचें। हो सकता है रास्ते बंद होने के कारण आपको वापसी करनी पड़ जाए और आपका समय व पैसा दोनों व्यर्थ चला जाए।
सुंदरबन, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण है लेकिन बारिश के दौरान यहां दलदली इलाकों में कीचड़, पानी भराव और मच्छरों की भरमार होती है। बोट सफारी भी प्रभावित हो सकती है। बरसात में सुंदरवन में नदियों का जल स्तर बढ़ जाता है। मच्छर और कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है। जलभराव की स्थिति आ जाती है, जिस कारण आप बाहर निकल नहीं पाते। जंगलों में प्रवेश में कठिनाई होने लगती है। इस मौसम में यहां जंगल सफारी और बोट राइडिंग से बचना चाहिए।
झारखंड और छत्तीसगढ़ के जलप्रपात स्थल
बरसात में जलप्रपात की धारा तेज हो जाती है। पानी का स्तर बढ़ जाता है लेकिन कुछ स्थानों की स्थिति खतरनाक हो सकती है, जैसे झारखंड और छत्तीसगढ़ के जलप्रपात क्षेत्र मानसून में काफी प्रभावित होते हैं। यहां बारिश में अचानक बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। झरनों के आस-पास फिसलन और सुरक्षा की कमी होती है। मानसून में राजरप्पा, हुंडरु, चित्रकोट वॉटरफॉल्स के सफर पर न जाएं।