रूबी शुक्ला
Shardiya Navratri 2024: विदेशों के इन मंदिरों में देवी मां करती हैं वास, इस शारदीय नवरात्रि जरूर करें दर्शन
मां वैष्णो देवी से लेकर मैहर की मां शारदा तक, देश में माता के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां हर साल हजारों की संख्या में भक्तगण पहुंचते हैं, लेकिन क्या आप विदेशों में स्थित माता के मंदिरों के बारे में जानते हैं।
श्रीलंका में स्थित इंद्राक्षी शक्तिपीठ
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में देवी मां का प्रसिद्ध इंद्राक्षी शक्तिपीठ है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां माता सती की पायल गिरी थी। पौराणिक मान्यता है कि, देवराज इंद्र ने और भगवान श्रीराम ने भी इस मंदिर में देवी मां की पूजा की थी।
पाकिस्तान में हिंगुला शक्तिपीठ
भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी माता का एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। ये है हिंगुला शक्तिपीठ, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है। यह देवी मां का बेहद प्राचीन मंदिर है, जिसे हिंगुला शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि यहां माता सती का सिर गिरा था। इस मंदिर को नानी के मंदिर या नानी के हज के नाम से भी जाना जाता है।
तिब्बत का मनसा शक्तिपीठ
भारत के करीब स्थित तिब्बत में भी हिंदुओं के कई धार्मिक स्थल हैं। इन्हीं में से एक मनसा शक्तिपीठ है। मानसरोवर नदी के किनारे स्थित मनसा देवी शक्तिपीठ अपनी चमत्कारी शक्तियों के लिए जानी जाती हैं। मान्यता है कि यहां माता सती की दाईं हथेली गिरी थी।
नेपाल में स्थित हैं तीन शक्तिपीठ
नेपाल में एक दो नहीं बल्कि माता के तीन शक्तिपीठ स्थित हैं। पहला आद्या शक्तिपीठ, जो नेपाल में गंडक नदी के किनारे स्थित है। इसे लेकर मान्यता है कि यहां माता सती का बायां गाल गिरा था। यहां माता के गंडकी रूप की पूजा होती है। दूसरा शक्तिपीठ है गुहेश्वरी शक्तिपीठ- यह पशुपतिनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर बागमती नदी के किनारे स्थित है। मान्यता है कि यहां माता सती के दोनों घुटने गिरे थे। तीसरा शक्तिपीठ दन्तकाली शक्तिपीठ है- ये शक्तिपीठ नेपाल के बिजयापुर गांव में स्थित है। कहते हैं कि यहां माता सती के दांत गिरे थे, जिसके चलते यहां माता के दंतकाली स्वरूप की पूजा होती है।