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MP: प्रमुख राजस्व आयुक्त और भू अभिलेख आयुक्त के पदों का विलय, नया पद "कमिश्नर लैंड रिसोर्स एंड मैनेजमेंट बनाया

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Tue, 03 Jun 2025 06:08 PM IST
सार

मध्यप्रदेश की पचमढ़ी में हुई मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। अब  तहसील कार्यालय में राजस्व कोर्ट और लॉ एंड ऑर्डर के लिए अलग-अलग अधिकारी नियुक्त होंगे। देश में नई पहल करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य बना। 

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MP News: New name of Pachmarhi Sanctuary after Raja Bhabhut Singh, many important decisions in Mohan governmen
पचमंढ़ी में कैबिनेट बैठक - फोटो : अमर उजाला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को पचमढ़ी में आयोजित कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। बैठक की शुरुआत पचमढ़ी के राजभवन में वंदे मातरम् के गायन के साथ हुई। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट ने आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय एवं प्रमुख राजस्व आयुक्त कार्यालय एवं उनके अधीनस्थ कार्यालयों के पुनर्गठन को स्वीकृति दी। इसमें प्रमुख राजस्व आयुक्त और अभिलेख आयुक्त के पदों को मिलाकर नया पद "कमिश्नर लैंड रिसोर्स एंड मैनेजमेंट" बनाया गया है। इसमें एक मुख्यालय एवं एक सहायक मुख्यालय होगा। 


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डॉ. मोहन यादव कैबिनेट बैठक - फोटो : अमर उजाला
इसके तहत नायब तहसीलदार और तहसीलदारों के मजिस्ट्रेटीयल अधिकारों में कार्य विभाजन होगा। अब एक तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार को प्रोटोकॉल, कानून-व्यवस्था (लॉ एंड आर्डर) जैसी प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी, जबकि शेष नायब तहसीलदार और तहसीलदार राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई पर केंद्रित रहेंगे। इस बदलाव का उद्देश्य राजस्व प्रकरणों की संख्या को कम करना और न्याय प्रक्रिया को गति देना है। 

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देश का पहला राज्य, 500 पद समाप्त
इस व्यवस्था को अपनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। वहीं, अब विभाग के 500 पदों को समाप्त कर 1200 नए पद सृजित किए जाएंगे। इन नए पदों में सूचना प्रौद्योगिकी के जानकारों को  प्राथमिकता दी जाएगी। इससे लोगों को तकनीक के उपयोग से समय पर और पारदर्शी तरीके से सेवा का लाभ मिल सकेगा। साथ ही राजसव प्रकरणों क निपटारे में तेजी आएगी।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव - फोटो : अमर उजाला
औद्योगिक हड़ताल की सूचना पहले देना अनिवार्य 
इसके अलावा बैठक में श्रम विभाग के संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसमें ठेका श्रम विनियमन और उत्पादन अधिनियम 1970 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इसमें वर्तमान में निर्धारित 20 ठेका श्रमिक सीमा को 50 तक बढ़ाया गया है। वहीं, कारखाना अधिनियम 1948 में 10 श्रमिक के स्थान पर 20 श्रमिक एवं बिना शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रियाचलाने वाले परिसरों में 20 श्रमिक के स्थान पर 40 श्रमि तक बढ़ाने को मंजूरी दी है। इसके अलावा, पूरे प्रदेश में औद्योगिक स्थापनाओं में हड़ताल से पहले सूचना देना अनिवार्य किया गया है।

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पचमंढ़ी में कैबिनेट बैठक - फोटो : अमर उजाला
इंदौर आईआईटी में एग्रीटेक हब
इंदौर में एग्रीटेक-हब/इनोवेशन हब फॉर एग्रीकल्चर की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। यह परियोजना IIT इंदौर और अन्य संस्थानों के सहयोग से संचालित होगी। इसमें आधुनिक तकनीकों से कृषि की गुणवत्ता सुधारने, स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और किसानों तक उन्नत तकनीक पहुंचाने पर जोर रहेगा। परियोजना की कुल लागत करीब 15 करोड़ रुपये है। यह संस्थान फसलों में नए और बेहतर लक्षणों के विकास को सक्षम करने के लिए जीनोमिक्स, फेनोमिक्स, सटीक कृषि, ड्रोन-आधारित इमेजिंग, बीज गुणवत्ता परीक्षण के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों, उच्च प्रदर्शन कम्प्यूटिंग आधारित बड़े डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग के

विकास को उत्प्रेरित करेगा।
विजय शाह तीसरी बार कैबिनेट से नदारद
जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए। यह लगातार तीसरी बैठक में है, जब वे बैठक से अनुपस्थित रहे। कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए बयान को लेकर चल रही जांच के बीच उनकी गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है।
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