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Damoh: रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में आया बाघ, बैल का शिकार करने के बाद हुई पुष्टि, पदचिन्ह खोज रहा वनअमला
अमर उजाला, न्यूज डेस्क, दमोह
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Wed, 31 Jan 2024 06:58 PM IST
सार
रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में किसी दूसरे टाइगर रिजर्व से एक बाघ यहां आ गया है। जब उसने एक बैल का शिकार किया उसके बाद वन विभाग को जानकारी लगी और उसके बाद पदचिन्ह मिले तो रिजर्व का अमला उसकी तलाश में जुट गया है।
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रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में नए बाघ को तलाशती टीम।
- फोटो : सोशल मीडिया
रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में किसी दूसरे टाइगर रिजर्व से एक बाघ यहां आ गया है। जब उसने एक बैल का शिकार किया उसके बाद वन विभाग को जानकारी लगी और उसके बाद पदचिन्ह मिले तो रिजर्व का अमला उसकी तलाश में जुट गया है। इसके पहले तीन साल पहले भी एक बाघ यहां पहुंचा था और यहीं का होकर रह गया। इस नए बाघ की एंट्री से बाघों की संख्या 20 हो चुकी है।
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रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व
- फोटो : सोशल मीडिया
शावकों के जन्म की बात आ रही सामने
टाइगर रिजर्व में वर्तमान समय में नन्हे शावकों की संख्या मिलाकर कुल 19 बाघ वर्तमान में यहां हैं। इनमें एक ही परिवार के 18 सदस्य हैं जबकि एक अन्य बाघ भी है जो दूसरे क्षेत्र से आया था और उसने अपना ठिकाना इसी टाइगर रिजर्व में बना लिया है और अब उसको रहते हुए लगभग तीन वर्ष बीत चुके हैं। इसलिए अब उसकी गणना टाइगर रिजर्व के बाघों में ही होने लगी है। वहीं सूत्र भी यह बता रहे हैं कि बाघिन राधा और उसकी दो बेटियां भी गर्भवती थीं। इसमें से एक ने तीन शावकों को कुछ महीने पहले जन्म दिया था और इनकी उम्र अभी एक वर्ष से काफ़ी कम है। उसी दौरान राधा भी गर्भवती थी इस हिसाब से ये जानकारी मिल रही है कि राधा ने भी शावकों को जन्म दिया है। अब कितने शावक को जन्म दिया है इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा। क्योंकि 6 नवंबर 2021 में राधा ने शावकों को जन्म दिया था उसके बाद अब फिर शावकों को जन्म देने की जानकारी मिली है, लेकिन यह कितनी सच है इसके बार में अधिकारी कुछ नहीं बता रहे।
बाघों ने बनाया अलग-अलग ठिकाना
नौरादेही अभयारण्य में सबसे पहले बाघिन राधा और उसके बाद बाघ किशन को लाया गया था। उसके बाद बाघों की सख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई और अब 16 बाघ तो व्यस्क हो चुके हैं जो खुद अब अपना शिकार करने लगे हैं, लेकिन इन बाघों में नर बाघों की संख्या कम है जबकि मादा ज्यादा हैं।
टाइगर रिजर्व में वर्तमान समय में नन्हे शावकों की संख्या मिलाकर कुल 19 बाघ वर्तमान में यहां हैं। इनमें एक ही परिवार के 18 सदस्य हैं जबकि एक अन्य बाघ भी है जो दूसरे क्षेत्र से आया था और उसने अपना ठिकाना इसी टाइगर रिजर्व में बना लिया है और अब उसको रहते हुए लगभग तीन वर्ष बीत चुके हैं। इसलिए अब उसकी गणना टाइगर रिजर्व के बाघों में ही होने लगी है। वहीं सूत्र भी यह बता रहे हैं कि बाघिन राधा और उसकी दो बेटियां भी गर्भवती थीं। इसमें से एक ने तीन शावकों को कुछ महीने पहले जन्म दिया था और इनकी उम्र अभी एक वर्ष से काफ़ी कम है। उसी दौरान राधा भी गर्भवती थी इस हिसाब से ये जानकारी मिल रही है कि राधा ने भी शावकों को जन्म दिया है। अब कितने शावक को जन्म दिया है इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा। क्योंकि 6 नवंबर 2021 में राधा ने शावकों को जन्म दिया था उसके बाद अब फिर शावकों को जन्म देने की जानकारी मिली है, लेकिन यह कितनी सच है इसके बार में अधिकारी कुछ नहीं बता रहे।
बाघों ने बनाया अलग-अलग ठिकाना
नौरादेही अभयारण्य में सबसे पहले बाघिन राधा और उसके बाद बाघ किशन को लाया गया था। उसके बाद बाघों की सख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई और अब 16 बाघ तो व्यस्क हो चुके हैं जो खुद अब अपना शिकार करने लगे हैं, लेकिन इन बाघों में नर बाघों की संख्या कम है जबकि मादा ज्यादा हैं।
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जंगल मार्ग पर बाघ
- फोटो : अमर उजाला
अधिकारी बोले देखा गया था नया बाघ
टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर अब्दुल अंसारी ने बताया कि एक बाघ को कुछ दिन पहले वन अमले और ग्रामीणों ने देखा था। टाइगर रिजर्व में अभी 16 बाघ ऐसे हैं जिनकी उम्र एक वर्ष से ज्यादा है जानकारी लगते ही गश्ती बढ़ाई गई है। जो बाघ का परिवार है उसने भी अलग- अलग अलग रेंजों में ठिकाना बना लिया है और जिस नए बाघ के होने की जानकारी मिल रही है उसकी खोजबीन कराई जा रही है।
फिलहाल सुराग नहीं मिल रहा
अधिकारी यह कह रहे हैं कि इन सभी बाघों ने अपना अलग- अलग ठिकाना बना लिया है। कुछ बाघ सिंगपुर, कुछ मोहली तो कुछ नौरादेही में अपना अलग-अलग ठिकाना बनाए हुए हैं और वन अमला इनकी निगरानी में लगा रहता है। साथ ही इन सभी का रिकॉर्ड भी रखा गया है। जिस टाइगर ने डोंगरगांव की बीट हाड़ीकाट में बैल का शिकार किया है वह बाहरी है। इसकी तो पुष्टि हुई है, लेकिन अब वह कहां गया इसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। जबकि अमला उसकी खोजबीन करने में लगा हुआ है।
हाथीदल कर रहा खोजबीन
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की रेंज डोंगरगांव में बाघ होने की पुष्टि होने के बाद हाथी का दल डोगरगांव पहुंचा और वह उस बाघ की खोजबीन कर रहा है जिसने आठ से दस दिन पहले बैल का शिकार किया है। इस दल ने बाघ के पदचिन्ह खोजे हैं और ये पुष्टि हुई है कि जो 16 वयस्क बाघ टाइगर रिजर्व में हैं उनमें ये बाघ अलग है, लेकिन अभी हाथीदल को वह बाघ नहीं मिला है।
टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर अब्दुल अंसारी ने बताया कि एक बाघ को कुछ दिन पहले वन अमले और ग्रामीणों ने देखा था। टाइगर रिजर्व में अभी 16 बाघ ऐसे हैं जिनकी उम्र एक वर्ष से ज्यादा है जानकारी लगते ही गश्ती बढ़ाई गई है। जो बाघ का परिवार है उसने भी अलग- अलग अलग रेंजों में ठिकाना बना लिया है और जिस नए बाघ के होने की जानकारी मिल रही है उसकी खोजबीन कराई जा रही है।
फिलहाल सुराग नहीं मिल रहा
अधिकारी यह कह रहे हैं कि इन सभी बाघों ने अपना अलग- अलग ठिकाना बना लिया है। कुछ बाघ सिंगपुर, कुछ मोहली तो कुछ नौरादेही में अपना अलग-अलग ठिकाना बनाए हुए हैं और वन अमला इनकी निगरानी में लगा रहता है। साथ ही इन सभी का रिकॉर्ड भी रखा गया है। जिस टाइगर ने डोंगरगांव की बीट हाड़ीकाट में बैल का शिकार किया है वह बाहरी है। इसकी तो पुष्टि हुई है, लेकिन अब वह कहां गया इसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। जबकि अमला उसकी खोजबीन करने में लगा हुआ है।
हाथीदल कर रहा खोजबीन
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की रेंज डोंगरगांव में बाघ होने की पुष्टि होने के बाद हाथी का दल डोगरगांव पहुंचा और वह उस बाघ की खोजबीन कर रहा है जिसने आठ से दस दिन पहले बैल का शिकार किया है। इस दल ने बाघ के पदचिन्ह खोजे हैं और ये पुष्टि हुई है कि जो 16 वयस्क बाघ टाइगर रिजर्व में हैं उनमें ये बाघ अलग है, लेकिन अभी हाथीदल को वह बाघ नहीं मिला है।

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