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MP Election: जावद पर सकलेचा पिता-पुत्र का रहा कब्जा, इस बार चार बार के विधायक ओमप्रकाश को टक्कर देंगे समंदर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Sat, 21 Oct 2023 08:01 AM IST
सार
विधानसभा क्षेत्र जावद भाजपा और सकलेचा परिवार की पहचान बन गया है। पहले लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा यहां से विजयी होते रहे और उनके निधन के बाद में उनके पुत्र व मौजूदा मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने उनकी विरासत को संभाला।
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जावद विधानसभा पर इस बार ओमप्रकाश सकलेचा और समंदर पटेल में मुकाबला है।
- फोटो : अमर उजाला
प्रदेश का नीमच जिला देश में अपनी पहचान का मोहताज नहीं है। यह अफीम से जुड़े कार्यों की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक बल द्वारा की जाती है। नीमच होलकरों के शासन काल से ही अफीम का प्रमुख उत्पादन क्षेत्र रहा। इसी जिले का विधानसभा क्षेत्र जावद भाजपा और सकलेचा परिवार की पहचान बन गया है। पहले लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा यहां से विजयी होते रहे और उनके निधन के बाद में उनके पुत्र व मौजूदा मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने उनकी विरासत को संभाला। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी और कारोबारी समंदर पटेल से है। पटेल ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए थे, लेकिन उपेक्षा के चलते हाल ही में वे फिर कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
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जावद के समीकरण
- फोटो : अमर उजाला
उपमुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता, राज्यसभा सदस्य भी रहे वीरेंद्र
1930 में जन्मे वीरेंद्र कुमार सकलेचा आरंभ से ही जनसंघ के कार्यकर्ता रहे। 1962 से 72 तक वे विपक्ष के नेता रहे। 1971 में उनका चयन राज्यसभा के लिए हुआ। जुलाई 1967 से मार्च 1969 तक प्रदेश के उप मुख्यमंत्री भी रहे। 1977 में जनता पार्टी के शासन में आप प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए थे।
2003 से लगातार जीत रहे ओमप्रकाश सकलेचा
वर्ष 2003 से वीरेंद्र कुमार सकलेचा के पुत्र ओमप्रकाश सकलेचा को भाजपा का टिकट दिया गया और वे तब से लगातार विजयी होते आ रहे है। वर्तमान में शिवराज मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री हैं। जावद से उन्हें भाजपा ने फिर उम्मीदवार बनाया है। सकलेचा विजयी होते हैं तो वे अपने पिता के पांच बार विजय होने के करीब पहुंच जाएंगे। लगातार चार बार जावद से जीतने का रिकॉर्ड भी ओमप्रकाश सकलेचा के नाम है।
जावद विधानसभा क्षेत्र में अब तक के चुनावी नतीजे
14 चुनावों में से नौ बार सकलेचा पिता-पुत्र जीते
मध्य प्रदेश के 14 विधानसभा चुनावों में अभी तक नौ बार सकलेचा परिवार का एकाधिकार रहा है। जाहिर है जावद भाजपा का प्रमुख गढ़ है, जिसे कांग्रेस भेद नहीं पाई है। भाजपा की ओर से इस बार पूरणमल अहिरवार भी दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला है। वे असंतुष्ट हैं। जाहिर है ओमप्रकाश सकलेचा की राह इस बार आसान नहीं है। कांग्रेस की ओर से समंदर पटेल मैदान में हैं। मुकाबला जो भी हो पर रोचक रहेगा।
जावद सीट के रोचक तथ्य
1930 में जन्मे वीरेंद्र कुमार सकलेचा आरंभ से ही जनसंघ के कार्यकर्ता रहे। 1962 से 72 तक वे विपक्ष के नेता रहे। 1971 में उनका चयन राज्यसभा के लिए हुआ। जुलाई 1967 से मार्च 1969 तक प्रदेश के उप मुख्यमंत्री भी रहे। 1977 में जनता पार्टी के शासन में आप प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए थे।
2003 से लगातार जीत रहे ओमप्रकाश सकलेचा
वर्ष 2003 से वीरेंद्र कुमार सकलेचा के पुत्र ओमप्रकाश सकलेचा को भाजपा का टिकट दिया गया और वे तब से लगातार विजयी होते आ रहे है। वर्तमान में शिवराज मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री हैं। जावद से उन्हें भाजपा ने फिर उम्मीदवार बनाया है। सकलेचा विजयी होते हैं तो वे अपने पिता के पांच बार विजय होने के करीब पहुंच जाएंगे। लगातार चार बार जावद से जीतने का रिकॉर्ड भी ओमप्रकाश सकलेचा के नाम है।
जावद विधानसभा क्षेत्र में अब तक के चुनावी नतीजे
14 चुनावों में से नौ बार सकलेचा पिता-पुत्र जीते
मध्य प्रदेश के 14 विधानसभा चुनावों में अभी तक नौ बार सकलेचा परिवार का एकाधिकार रहा है। जाहिर है जावद भाजपा का प्रमुख गढ़ है, जिसे कांग्रेस भेद नहीं पाई है। भाजपा की ओर से इस बार पूरणमल अहिरवार भी दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला है। वे असंतुष्ट हैं। जाहिर है ओमप्रकाश सकलेचा की राह इस बार आसान नहीं है। कांग्रेस की ओर से समंदर पटेल मैदान में हैं। मुकाबला जो भी हो पर रोचक रहेगा।
जावद सीट के रोचक तथ्य
- एक बार जनसंघ और दो बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वीरेंद्र कुमार सकलेचा को पराजय देखना पड़ी थी।
- लगातार तीन बार पराजित होने का रिकॉर्ड कांग्रेस के राजकुमार रमेशचंद्र अहीर का है।
- कांग्रेस के घनश्याम पाटीदार दो बार विजयी रहे तो दो बार पराजित होना पड़ा।
- 2019 के लोकसभा में चुनाव में मंदसौर संसदीय क्षेत्र के जावद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के सुधीर गुप्ता को कांग्रेस की मीनाक्षी नटराजन से 44,067 मत अधिक प्राप्त हुए थे।

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