Indore: इंदौर में पचास करोड़ के बस स्टेशन तैयार, उपयोग नहीं होने पर हो रहे बेकार
पचास करोड़ रुपये सरकार ने दो बस स्टेशनों पर खर्च किए है, लेकिन उनका उपयोग नहीं हो रहा है। बसें अभी भी शहर के सघन इलाकों में वर्षों पहले बने बस स्टेशनों तक जा रही है। इससे ट्रैफिक भी प्रभावित हो रहा है।
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इंदौर में पचास करोड़ की लागत से दो बस स्टेशन तैयार है, लेकिन प्रशासन उनका उपयोग कराने में नाकाम साबित हो रहा है। एक बस स्टेशन में बस आपरेटर ही जाने के लिए तैयार नहीं हो पा रहे है तो प्रदेश के सबसे बड़े बस स्टेशनों से एक कुर्मेडी बस स्टेशन के संचालन के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण एजेंसी ही नहीं खोज पाया है। दोनो ही बस स्टेशनों की सामग्री भी चोरी होने लगी है।
पांच माह पहले जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने सख्ती दिखाते हुए नौलखा बस स्टैंड से बसों का संचालन पूरी तरह बंद करवा दिया था। परिवहन विभाग और पुलिस की टीम नौलखा बस स्टेशन की बसों को नायता मुंडला शिफ्ट कराया। कुछ दिनों तक व्यवस्था कायम रही, लेकिन फिर बसें अपने पुराने स्थानों से चलने लगी, क्योकि नए बस स्टेशन से शहर के मध्य हिस्से तक लाने ले जाने के लिए लोक परिवहन की व्यवस्था ही नहीं है।
यात्रियों को रिक्शा, सिटी बसों के इंतजार में खड़े रहना पड़ता है। बस आपरेटरों का कहना है कि पुराने सरवटे और गंगवाल बस स्टेशन यात्रियों की सुविधा के हिसाब से बनाए गए थे। इस कारण वे वर्षों बाद भी उपयोग में आ रहे है, जबकि नए बस स्टेशन शहर से दूर बनाए जा रहे है, इसलिए वे फ्लाॅप साबित हो रहे है। इंदौर विकास प्राधिकरण ने कुर्मेडी में पांच सौ बसों की पार्किंग की क्षमता वाला बस स्टेशन बनाय है। सिंहस्थ मेले के समय यह स्टेशन बहुत उपयोगी होगा,लेकिन फिलहाल यात्रियों को सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह स्टेशन सालभर पहले बन चुका है, लेकिन अभी तक संचालन शुरू नहीं हो पाया है।

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