नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को भारत बंद का हिमाचल में मिलाजुला असर रहा। जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रही और जनजीवन आम दिनों की तरह दिखा। प्रदेशभर में शहरों से लेकर ग्रामीण कस्बों तक अधिकांश बाजार खुले रहे। एक-दो जिलों को छोड़कर अधिकांश में निजी व सरकारी बसें भी लोकल रूटों पर दौड़ती दिखीं। हालांकि, बाजारों में लोगों की आवाजाही और बसों में सवारियां बेहद कम रहीं। बाहरी राज्यों के लिए बस सेवा ठप रही।
Bharat Bandh In Himachal Pradesh: बंद का हिमाचल में मिलाजुला असर, तस्वीरों में देखें हाल
भारत बंद को लेकर शासन-प्रशासन और पुलिस की व्यवस्था चाक चौबंद रही। राजधानी शिमला में मुख्य शहर और उपनगरों के बाजार पूरी तरह से खुले रहे। बंद समर्थकों ने प्रदर्शन कर कृषि कानूनों पर कड़ा विरोध जताया। ठियोग में विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ और प्रदर्शनकारियों ने एनएच पर ढाई घंटे तक जाम लगाया। आनी में कांग्रेस और किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने एक घंटे तक जाम लगाया।
कांगड़ा जिले में भारत बंद बेअसर रहा। बाजार खुले रहे। बसें और टैक्सियां भी सड़कों पर दौड़ती रहीं। जिले में कुछ स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ही प्रदर्शन किया। पालमपुर में सीटू और किसान सभा के बैनर तले प्रदर्शन हुआ। सिरमौर में कांग्रेस के अलावा वामपंथी अन्य कई संगठन ने प्रदर्शन किया। पांवटा में एक बजे तक बाजार बंद रहा। कालाअंब और पांवटा साहिब में उद्योगों का माल लेकर जाने वाले ट्रक शाम तक जा नहीं पाए।
ऊना में आंशिक असर देखने को मिला है। निजी बसें और टैक्सियां नहीं चलीं। जिला मुख्यालय में कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया। सीटू, किसान सभा ने ऊना, टाहलीवाल और बंगाणा में प्रदर्शन किया। चंबा में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय में रैली निकाल धरना दिया। चंबा समेत डलहौजी, बनीखेत, खज्जियार, भरमौर, साहो, सलूणी, किहार में दुकानें खुली रहीं। हमीरपुर में भी कांग्रेसजनों और अन्य संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया।