हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है। राज्य में जगह-जगह बादल फटने व भूस्खलन से अब 51 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। करीब 30 लोगों की मलबे में दबने होने की आशंका है। शिमला, सोलन, कांगड़ा में एक-एक और मंडी में दो जगह बादल फटे हैं। मंडी जिले में 18, राजधानी शिमला 14, सोलन 11, कांगड़ा-हमीरपुर 3-3, चंबा और सिरमौर में 1-1 लोगों की जान गई है। कई ऐसे इलाके हैं जहां कितना नुकसान हुआ है, कितने लोगों की जान चली गई इसकी जानकारी ही नहीं मिल पाई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य में 621सड़कें बंद हैं।
Himachal: हिमाचल में बादल फटने-भूस्खलन से 51 लोगों की मौत, कई लापता, देखें तस्वीरें
तीन दिन से जारी मूसलाधार बारिश सोमवार सुबह राजधानी में भारी तबाही लेकर आई। भूस्खलन और पेड़ ढहने से शहर में 13 लोगों की मौत हो गई जबकि पांच से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। समरहिल में मलबे में कई लोगों के लापता होने की आशंका है। इनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है राजधानी के समरहिल और फागली में दोनों जगह शिमला-कालका रेल लाइन पर हुए भूस्खलन के कारण निचली ओर बने शिवमंदिर और ढारे मलबे में दब गए। शहर के फागली में लाल कोठी के पास भी दिल दहलाने वाली घटना हुई। यहां भी सुबह के समय रेल लाइन के नीचे से भारी मात्रा में मलबा और पेड़ निचली ओर बने ढारों पर जा गिरे। इन ढारों में रह रहे लोग आठ लोग मलबे में दब गए। सुबह 10:00 बजे तक तीन घायल लोगों को मलबे से निकालकर आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाया गया। यहां मलबे में पांच लोगों की मौत हो गई है।
सोलन जिले में बारिश कहर बनकर बरपी है। जिले में आपदा में पांच बच्चों समेत दस लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक महिला गंभीर घायल हो गई है। पंचायत ममलीग के गांव जड़ौण में देर रात करीब 1:30 पर बादल फटने से एक परिवार के सात लोगों और अर्की के चलोग गांव में देर रात भवन की दीवार गिरने से एक युवती समेत बच्चे की दबकर मौत हो गई है। लौहारघाट पंचायत के बानली गांव में एक मकान ढहने से पत्नी-पति मलबे में दब गए। इसमें महिला की मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार पंचायत ममलीग के जड़ौण गांव में बादल फटने से एक परिवार के दो भवन चपेट में आ गए। इनमें कुल 13 लोग मौजूद थे। इनमें सात की मौत हो गई है। जबकि 6 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मृतकों में 38 वर्षीय हरनाम, कमल किशोर (35), हेमलता (34), राहुल (14), नेहा (12) , गोलू (8) और रक्षा (12) शामिल हैं। जबकि कांता देवी का अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं दूसरे हादसे में अर्की की बलेरा पंचायत के गांव चलोग में घर की दीवार गिरने से 21 वर्षीय तमन्ना पुत्री रणजीत निवासी बियुखंरी रामशहर नालागढ़ और 14 वर्षीय यादव पुत्र जगदीश गांव चलोग अर्की की दबकर मौत हो गई है। वहीं तीसरे हादसे में लौहारघाट पंचायत के गांव बानली में 65 वर्षीय महिला फूला देवी पत्नी सोहनू राम की भवन में दबकर मौत हो गई है।
मंडी जिले में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ के चलते बहुत अधिक नुकसान हुआ है। इसमें 18 लोगों की जान चली गई है जबकि यहां पर छह घायल है। इसके अलावा तीन लोग लापता हो गए है। द्रंग विधानसभा क्षेत्र के इलाका उत्तरशाल की ग्राम पंचायत सेगली के बंबोला में मलबा गिरने से एक रिहायशी मकान चपेट में आ गया। इस दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौके पर मौत हो गई है।, जबकि पांच लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए बताए जा रहे हैं ।