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Ganesh Chaturthi 2022: आज से गणेश उत्सव शुरू, गणेश चतुर्थी पर बना ग्रहों का शुभ संयोग

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Wed, 31 Aug 2022 07:50 AM IST
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Ganesh Chaturthi 2022 Auspisious Yog On Ganesh Utsav Pujan Vidhi Mantra And Ganesh Aarti
गणेश चतुर्थी पर बन रहे हैं खास संयोग - फोटो : अमर उजाला

Ganesh Chaturthi 2022 Auspisious Yog : आज से गणेशोत्सव का पर्व आरंभ हो गया है। आजी यानी बुधवार,31 अगस्त से 09 सितंबर 2022 तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और स्वाति नक्षत्र में दोपहर के समय भगवान गणपति का जन्म हुआ था। इस कारण से हर वर्ष गणेश जन्मोत्सव का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार गणेशोत्सव की शुरुआत बहुत ही शुभ और विशेष योग में हो रही है। बुधवार से गणेश उत्सव प्रारंभ है और बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए विशेष महत्व रखता है। बुधवार के देवता भगवान गणेश जी को माना गया है और इस दिन के ऊपर बुध ग्रह का स्वामित्व प्राप्त है। 

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Ganesh Chaturthi 2022 Auspisious Yog On Ganesh Utsav Pujan Vidhi Mantra And Ganesh Aarti
Ganesh Chaturthi - फोटो : iStock
बुधवार,31 अगस्त को ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी
इस बार गणेश उत्सव बुधवार और चित्रा नक्षत्र में शुरू होगा। इसके अलावा इस दिन बुध, चंद्रमा के साथ स्वराशि यानी कन्या में रहेंगे। कन्या राशि बुध की उच्च राशि मानी गई है। इसके अलावा सूर्य, शनि और गुरु जो सभी ग्रहों में काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं ये सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। सूर्य की स्वयं की राशि सिंह हैं, शनि की स्वराशि कुंभ और मकर है जबकि गुरु की स्वयं की राशि मीन है। वर्ष 2022 में गणेश उत्सव की शुरुआत चित्रा नक्षत्र के साथ हो रही है जबकि गणेश उत्सव के आखिरी दिन धनिष्ठा नक्षत्र का योग है। चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह हैं। 
 
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Ganesh Chaturthi 2022 Auspisious Yog On Ganesh Utsav Pujan Vidhi Mantra And Ganesh Aarti
Ganesh Chaturthi 2022 - फोटो : अमर उजाला

गणेश पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले की जाती है। भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता हैं। भगवान गणेशी पूजा-उपासना करने पर सभी तरह के शुभ कार्यों में आने वाली रुकावटें फौरन ही दूर हो जाती है। प्रतिदिन गणेश पूजा से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा किस तरीके से करें।

सबसे पहले भगवान गणेश का आवहन करते हुए  ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए चौकी पर रखी गणेश प्रतिमा के ऊपर जल छिड़के। भगवान गणेश की पूजा में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्रियों को बारी बारी से उन्हें अर्पित करें। भगवान गणेश की पूजा सामग्रियों में खास चीजें होती हैं ये चीजें- हल्दी, चावल, चंदन, गुलाल,सिंदूर,मौली, दूर्वा,जनेऊ, मिठाई,मोदक, फल,माला और फूल। इसके बाद भगवान गणेश का साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा करें। पूजा में धूप-दीप करते हुए सभी की आरती करें। आरती के बाद 21 लड्डओं का भोग लगाएं जिसमें से 5 लड्डू भगवान गणेश की मूर्ति के पास रखें और बाकी को ब्राह्राणों और आम जन को प्रसाद के रूप में वितरित कर दें। अंत में ब्राह्राणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लें।

Ganesh Chaturthi 2022 Auspisious Yog On Ganesh Utsav Pujan Vidhi Mantra And Ganesh Aarti
Ganesh Chaturthi 2022 - फोटो : अमर उजाला
गणेश मंत्र 
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥


अर्थ- घुमावदार सूंड वाले,विशालकाय शरीर,करोड़ों सूर्य के समान कीर्ति और तेज वाले, मेरे भगवान गणेश हमेशा मेरे सारे कार्य बिना बाधा के पूरे करें।

एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥


अर्थ- जिनके एक दांत और सुंदर मुख है, जो शरण में आए भक्तों की रक्षा और प्रणतजनों की पीड़ा को नाश करने वाले हैं, उन शुद्ध स्वरूप आप गणपित को कई बार प्रणाम है।

गजाननाय पूर्णाय साङ्ख्यरूपमयाय ते ।
विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः ॥


अर्थ- हे गणेश्वर ! आप गज के समान मुख धारण करने वाले, पूर्ण परमात्मा और ज्ञानस्वरूप हैं । आप निराकार रूप से सर्वत्र विद्यमान हैं, आपको बारम्बार नमस्कार है ।
 
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गणेश चतुर्थी पर करें ये आरती - फोटो : अमर उजाला
गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ॥
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