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Mahakumbh 2025: क्या महाकुंभ में स्त्रियों के स्नान के लिए है कोई विशेष नियम? जानें क्या करें क्या नहीं
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: ज्योति मेहरा
Updated Tue, 11 Feb 2025 05:03 AM IST
सार
Mahakumbh 2025: धार्मिक मान्यता के अनुसार कुंभ में स्नान करने से जीवन के पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि मिलती है। इस पावन अवसर पर विशेष रूप से महिलाओं के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना शुभ माना जाता है।
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महिलाओं के लिए महाकुंभ स्नान के नियम
- फोटो : Amar Ujala
Mahakumbh 2025: हिंदू धर्म में महाकुंभ स्नान को अत्यंत पवित्र माना गया है। यह आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताया गया है। महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार कुंभ में स्नान करने से जीवन के पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि मिलती है। इस पावन अवसर पर विशेष रूप से महिलाओं के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना शुभ माना जाता है।
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महिलाओं के लिए महाकुंभ स्नान के नियम
- फोटो : Adobe Stock
महिलाओं के लिए महाकुंभ स्नान के नियम
- महाकुंभ के दौरान महिलाओं को संयमित और सात्विक जीवन जीने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्नान के समय और उसके पूर्व मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखना आवश्यक होता है।
- कुंभ में स्नान केवल शारीरिक शुद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और भक्ति का प्रतीक भी है। इसलिए स्नान के समय मन को भगवान की आराधना में लगाना चाहिए और ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।
- महाकुंभ के दौरान पति-पत्नी को शारीरिक संबंधों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। यह समय पूरी तरह से आध्यात्मिक चिंतन और आत्मिक उन्नति के लिए समर्पित होता है।
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महिलाओं के लिए महाकुंभ स्नान के नियम
- फोटो : Adobe Stock
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाओं को तीन बार संगम में डुबकी लगानी चाहिए। इसके पश्चात भगवान की पूजा-अर्चना करना, भजन-कीर्तन में भाग लेना और यज्ञ में सम्मिलित होना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- स्नान के बाद मंदिर जाकर दर्शन करना अनिवार्य माना गया है। ऐसा करने से पुण्य प्राप्ति होती है और धार्मिक यात्रा पूर्ण मानी जाती है।
- महाकुंभ में स्नान करने के दिन केवल सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। मांसाहार, तामसिक और अधिक मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए ताकि शरीर और मन दोनों शुद्ध रहें।
- इस पावन अवसर पर झूठ, क्रोध और अहंकार से बचना आवश्यक होता है। संयमित वाणी, शांत मन और पुण्य कर्मों का पालन करना चाहिए।
मासिक धर्म में विशेष सावधानी
- फोटो : Adobe Stock
मासिक धर्म में विशेष सावधानी
महाकुंभ के दौरान मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं को नदी में स्नान करने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर वे पवित्र जल को अपने ऊपर छिड़क सकती हैं और मानसिक रूप से भगवान का ध्यान कर सकती हैं। इस समय पूजा-पाठ और यज्ञ में भाग लेना वर्जित माना गया है।
महाकुंभ के दौरान मासिक धर्म से गुजर रही महिलाओं को नदी में स्नान करने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर वे पवित्र जल को अपने ऊपर छिड़क सकती हैं और मानसिक रूप से भगवान का ध्यान कर सकती हैं। इस समय पूजा-पाठ और यज्ञ में भाग लेना वर्जित माना गया है।
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विशेष मंदिरों के दर्शन
- फोटो : Adobe Stock
विशेष मंदिरों के दर्शन
विवाहित महिलाओं के लिए कुंभ स्नान के बाद बड़े हनुमान जी और नागवासुकी मंदिर के दर्शन करना अनिवार्य बताया गया है। ऐसा करने से धार्मिक यात्रा को पूर्णता मिलती है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
विवाहित महिलाओं के लिए कुंभ स्नान के बाद बड़े हनुमान जी और नागवासुकी मंदिर के दर्शन करना अनिवार्य बताया गया है। ऐसा करने से धार्मिक यात्रा को पूर्णता मिलती है।
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डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।