Ashadha Amavasya Par Kya Na Karein: आषाढ़ मास की शुरुआत हो चुकी है और अब से करीब 15 दिन बाद आषाढ़ महीने की अमावस्या आने वाली है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन को पितरों को समर्पित माना जाता है। मान्यता है कि इस तिथि पर किए गए स्नान, दान और पुण्य कार्यों से न केवल पितृ तृप्त होते हैं, बल्कि व्यक्ति को पापों से मुक्ति और पुण्य फल की प्राप्ति भी होती है।
Ashadh Amavasya 2025: आषाढ़ अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम, पितृ हो सकते हैं नाराज
Ashadha Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। आषाढ़ अमावस्या पर स्नान व दान करने से पितृ तृप्त होते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है।
आषाढ़ अमावस्या 2025 कब है?
आषाढ़ कृष्ण अमावस्या आरंभ: 24 जून 2025, सायं 6:59 पर
आषाढ़ कृष्ण अमावस्या समाप्त: 25 जून 2025, सायं 4:00 बजे पर
इस हिसाब से आषाढ़ अमावस्या की तिथि 25 जून 2025, बुधवार को है।
आषाढ़ अमावस्या शुभ मुहूर्त
इस आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त: 25 जून, प्रातः 4:05 बजे से प्रातः 4:45 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रातः 5:25 बजे से प्रातः 10:40 बजे तक
Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ मंदिर का महाप्रसाद क्यों है खास, जानें किसको लगता है पहला भोग
पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?
- आषाढ़ अमावस्या के दिन पितृ चालीसा, पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें। इसके बाद गरीब और जरूरतमंदों को दान भी करें।
- आषाढ़ अमावस्या के दिन गाय, कौवा, चींटियों और कुत्ता को भोजन कराएं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
आषाढ़ अमावस्या के दिन ये काम न करें
- आषाढ़ अमावस्या का दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
- इसके साथ ही इस दिन कुछ कामों से बचना चाहिए ताकि पितरों की प्रसन्नता बनी रहे और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो।
- अमावस्या के दिन शराब, मांसाहार जैसे तामसिक और अशुद्ध पदार्थों का सेवन पूरी तरह से बचें।
- इस दिन किसी से विवाद या झगड़ा न करें और किसी के प्रति नकारात्मक विचार मन में न रखें।
- अमावस्या के दिन झाड़ू खरीदना अशुभ माना जाता है क्योंकि इससे घर में नकारात्मकता बढ़ती है।
- इस दिन बाल काटना और नाखून छीलना भी उचित नहीं होता।
- अमावस्या के दिन कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि करने से बचें।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

कमेंट
कमेंट X