Hartalika Teej 2025 Paran Time: इस साल हरतालिका तीज का पर्व 26 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह पर्व विवाहित स्त्रियों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन का प्रतीक माना जाता है। पुराणों में बताया गया है कि भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। उनकी भक्ति और संकल्प से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इसी तिथि पर उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया। तभी से अखंड सौभाग्य, दांपत्य सुख और समृद्धि के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाने लगा।
Hartalika Teej 2025: कब किया जाएगा हरतालिका तीज व्रत का पारण? यहां जानिए मुहूर्त और पूजा विधि
हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में गिना जाता है, क्योंकि इसमें पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है। व्रत का समापन (पारण) अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल हरतालिका तीज व्रत के पारण का शुभ समय क्या रहने वाला है।
हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में गिना जाता है, क्योंकि इसमें पूरे दिन निर्जला उपवास रखा जाता है। व्रत का समापन (पारण) अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल हरतालिका तीज व्रत के पारण का शुभ समय क्या रहने वाला है।
हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है और इसका पारण चतुर्थी तिथि पर किया जाता है। इस साल व्रत का पारण 27 अगस्त की सुबह किया जाएगा। इस दिन सूर्योदय प्रातः 05:57 बजे होगा। पारंपरिक नियमों के अनुसार महिलाएं इसी समय से व्रत का पारण कर सकती हैं।
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पारण में क्या खाएं?
व्रत का पारण करते समय मीठा खाने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि मीठे से ही पारण करना चाहिए। इससे जीवन में मधुरता और सकारात्मकता आती है। इसलिए व्रत खोलते समय खीर, हलवा, सेवई, लड्डू, मालपुआ या मिठाई जैसे प्रसाद का सेवन करना चाहिए।
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माना जाता है कि हरतालिका तीज की रात व्रती स्त्रियों को जागरण करना चाहिए। व्रत पूर्ण करने के बाद श्रृंगार का सामान, जैसे बिंदी, चूड़ी, साड़ी, सिंदूर या मेहंदी आदि का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। सुहागिन स्त्रियों को यह दान करने से विशेष फल मिलता है। ऐसा करने से माता पार्वती और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में वैवाहिक सुख बना रहता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।