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Magh Mela 2026 Dates: जानिए कब से शुरू होगा माघ मेला और स्नान की प्रमुख तिथियां

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: श्वेता सिंह Updated Wed, 03 Dec 2025 08:43 PM IST
सार

Magh Mela 2026: जानिए प्रयागराज में 3 जनवरी से 15 फरवरी तक होने वाले मेला की तिथियां, स्नान और धार्मिक महत्व।

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Magh Mela 2026 Prayagraj Tithi Snan Dates Religious Significance and Kalpavas
माघ मेला 2026 - फोटो : Amar Ujala

Magh Mela kab se hai: हिंदू धर्म में माघ मेला का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह मेला हर वर्ष माघ माह में प्रयागराज में लगता है और देश-विदेश से करोड़ों भक्त इसमें भाग लेने आते हैं। माघ मेला केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं बल्कि साधु-संतों, गृहस्थों और आम श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक समागम का अवसर भी है। इस दौरान लोग आस्था के साथ संगम तट पर पहुँचकर पवित्र स्नान करते हैं और भगवान के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं। मान्यता है कि गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति संभव हो जाती है।


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इस साल माघ मेला 2026 की शुरुआत 3 जनवरी से होगी और यह 15 फरवरी तक चलेगा। माघ मेला के दौरान छह प्रमुख स्नान तिथियां निर्धारित होती हैं, जिन पर श्रद्धालु विशेष आस्था और भक्ति के साथ संगम में स्नान करते हैं। यह समय धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मेला न केवल भक्तों को पुण्य लाभ देता है, बल्कि इसे भारतीय सनातनी परंपरा और संस्कृति का एक जीवंत उत्सव भी माना जाता है, जिसमें जीवन की आत्मिक शुद्धि और आशीर्वाद की अनुभूति होती है।
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Magh Mela 2026 Prayagraj Tithi Snan Dates Religious Significance and Kalpavas
माघ मेला का शुभारंभ - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

माघ मेला का शुभारंभ
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 2 जनवरी 2026 को शाम 6 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन 3 जनवरी 2026 को दोपहर 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। इस आधार पर, माघ मेला का पवित्र स्नान और मुख्य कार्यक्रम 3 जनवरी 2026, रविवार से शुरू होगा। यही दिन माघ मेला के उद्घाटन का प्रतीक माना जाता है, जब देश-विदेश से आए हुए श्रद्धालु संगम तट पर पहुँचकर अपनी आस्था के अनुसार स्नान और पूजा-अर्चना करते हैं। इस प्रकार, नए साल 2026 में माघ मेला का शुभारंभ 3 जनवरी से होने के कारण भक्तजन आध्यात्मिक रूप से इस पवित्र आयोजन का आनंद ले सकते हैं। यह समय विशेष रूप से पुण्य और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए अत्यंत अनुकूल माना जाता है, क्योंकि संगम स्नान से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति की मान्यता जुड़ी हुई है।

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Magh Mela 2026 Prayagraj Tithi Snan Dates Religious Significance and Kalpavas
माघ मेला का शुभारंभ - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

माघ मेला 2026 की स्नान तिथियां 
माघ मेला 2026 में श्रद्धालु संगम तट पर पवित्र स्नान के लिए छह प्रमुख तिथियों का पालन कर सकते हैं। यह तिथियां धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और पुण्यकारी मानी जाती हैं।

  • 3 जनवरी 2026, शनिवार – पौष पूर्णिमा: माघ मेला का शुभारंभ इसी दिन होगा और श्रद्धालु संगम में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे।
  • 15 जनवरी 2026, गुरुवार – मकर संक्रांति: सूर्य के उत्तरायण होने के दिन संगम स्नान का विशेष महत्व है और इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।
  • 18 जनवरी 2026, रविवार – मौनी अमावस्या: मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने से विशेष आध्यात्मिक लाभ और पापों का नाश होता है।
  • 23 जनवरी 2026, शुक्रवार – बसंत पंचमी: देवी सरस्वती को समर्पित यह दिन शिक्षा और विद्या में प्रगति के लिए उत्तम माना जाता है।
  • 1 फरवरी 2026, रविवार – माघी पूर्णिमा: माघ माह की यह पूर्णिमा स्नान और दान पुण्य करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
  • 15 फरवरी 2026, रविवार – महाशिवरात्रि: भगवान शिव को समर्पित इस दिन संगम में स्नान और उपासना का विशेष धार्मिक महत्व है।
Magh Mela 2026 Prayagraj Tithi Snan Dates Religious Significance and Kalpavas
माघ मेला का शुभारंभ - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

माघ महीने का महत्व
माघ माह हिन्दू धर्म में धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में दान और पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, माघ माह में संगम और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी कारण हर वर्ष मकर संक्रांति से लेकर पूरे माघ महीने तक लाखों श्रद्धालु प्रयागराज सहित अन्य पवित्र स्थानों पर आकर स्नान, पूजा और साधना करते हैं। यह समय आध्यात्मिक शुद्धि, आस्था और भगवान की भक्ति में लीन होने का सर्वोत्तम अवसर माना जाता है। माघ माह में किए गए धार्मिक कार्यों का पुण्य सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक होता है।



डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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