Paush Month 2025 Upay In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की शुरुआत 5 दिसंबर 2025 से होने वाली है। यह हिंदी वर्ष का दसवां महीना माना जाता है। इस अवधि में सूर्यदेव की विशेष पूजा का महत्व बताया गया है। पितरों की शांति के लिए इस महीने में पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है। पौष में सूर्य की गति मन्द पड़ने से खरमास भी लगता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। हालांकि इस दौरान कुछ विशेष उपाय करके आप सूर्यदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
Paush Month 2025 Upay: 5 दिसंबर से शुरू होगा पौष माह, भाग्य प्रबलता के लिए करें ये पांच उपाय
Paush Month Remedies: इस साल पौष माह 5 दिसंबर से आरंभ होकर 3 जनवरी 2025 को समाप्त होगा। यह महीना हेमंत ऋतु के अंतर्गत आता है, इसलिए ठंड अधिक रहती है। इस अवधि में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं, मगर मंगल कार्य, जैसे विवाह या नए शुभारंभ, इस समय नहीं किए जाते। आइए विस्तार से जानते हैं...
पौष माह के उपाय
सूर्यदेव की उपासना
पौष मास में प्रतिदिन स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना गया है। जल में लाल पुष्प, लाल चंदन और अक्षत डालकर सूर्यदेव को अर्पित करें और किसी भी सूर्य मंत्र का जप करें। माना जाता है कि इससे कार्य-सिद्धि, मान-सम्मान और पद में वृद्धि होती है।
गरम वस्त्रों का दान
जाड़े के मौसम में जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, कंबल, गुड़ आदि दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। ऐसा करने से सुख-शांति बढ़ती है और सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।
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खिचड़ी का भोग
इस माह सूर्यदेव को तिल और चावल से बनी खिचड़ी का भोग लगाना शुभ माना गया है। साथ ही लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करना भी उत्तम है, क्योंकि इन्हें सूर्य का प्रिय रंग माना जाता है। इससे भाग्य बलवान होने का विश्वास है।
रविवार व्रत और नमक का त्याग
पौष मास के हर रविवार व्रत रखकर सूर्यदेव की आराधना करें। व्रत के दौरान नमक का सेवन न करें और मिठाई या मीठा भोजन ग्रहण करें। इससे सूर्य का प्रभाव कुंडली में मजबूत होता है और सौभाग्य बढ़ता है।
नया कार्य आरंभ न करें
पौष और खरमास के समय कोई भी मांगलिक कार्य या नया शुभ आरंभ नहीं किया जाता। इसलिए नए कार्य को अगले माह तक स्थगित करना ही उचित माना गया है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।