Ram Mandir Flag Importance: 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी के अवसर पर अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भव्य ध्वजारोहण समारोह संपन्न हुआ। इस पावन दिन पर रामनगरी पूरी तरह से दुल्हन की तरह सज-धज कर तैयार थी, और भगवान श्रीराम एवं माता सीता की विवाह वर्षगांठ की खुशी हर तरफ झलक रही थी।
Ram Mandir Dhwajarohan: राम मंदिर पर पीएम मोदी ने फहरायी धर्म ध्वजा, जानें क्यों शिखर पर फहराया जाता है झंडा
Ram Mandir flag hosting ceremony: 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी पर अयोध्या राम मंदिर के शिखर पर भव्य ध्वजारोहण। पीएम मोदी और मोहन भागवत के साथ जानें समारोह का महत्व और झंडे की खासियत।
राम मंदिर ध्वजारोहण मुहूर्त
25 नवंबर 2025 को सुबह 11:58 से 12:30 बजे के शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज की स्थापना की। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार यह ध्वजारोहण मंदिर की पूर्णता और उसकी पवित्रता का प्रतीक है।
शास्त्रों के अनुसार मंदिर पर ध्वजा लगाने का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि मंदिर के शिखर पर फहराती ध्वजा से दैवीय ऊर्जा का संचार होता है। इससे मंदिर परिसर में हमेशा सकारात्मक और पवित्र वातावरण बना रहता है। मंदिर के शीर्ष पर ध्वजा लगाने का उद्देश्य यह दिखाना है कि मंदिर में विशिष्ट दैवीय शक्ति की उपस्थिति है, क्योंकि शिखर मंदिर का सर्वोच्च बिंदु होता है। यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा और मंदिर के गर्भगृह के बीच संपर्क सूत्र का काम करता है। ध्वजा यह भी दर्शाती है कि मंदिर अब पूरी तरह तैयार है और भक्तों के लिए दैवीय चेतना का केंद्र बन गया है।
ध्वजा दर्शन करने के लाभ
मंदिर में लगा झंडा उसकी दैवीय और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मंदिर में लहराते झंडे का दर्शन करना, मंदिर में स्थित देवी-देवताओं के दर्शन करने के बराबर पुण्य का कारण होता है।
राम मंदिर का ध्वज शास्त्रों और भगवान राम की सूर्यवंशी परंपरा के अनुरूप तैयार किया गया है।
रंग: केसरिया (भगवा)
प्रतीक: सूर्य देव का चिह्न
ऊंचाई: 191 फीट
मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज लगाना सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह मंदिर को न केवल भौतिक रूप से पूर्ण बनाता है, बल्कि इसकी दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा को भी दर्शाता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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