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Rights For Women Passengers: रेलवे में महिलाओं के लिए ही बने ये अधिकार, यात्रा से पहले जान लें
यूटिलिटी डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्रुति गौड़
Updated Wed, 17 Dec 2025 11:25 AM IST
सार
Indian Railway Special Rights For Women Passengers: भारतीय रेलवे ने महिला यात्रियों की सुविधाओं के लिए कुछ नियम बनाए हैं, जिनके बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।
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रेलवे में महिलाओं के लिए ही बने ये अधिकार
- फोटो : Adobe stock
Indian Railway Special Rights For Women Passengers: भारतीय रेलवे ने महिला यात्रियों की सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण नियम और सुविधाएं शुरू की हैं। इन सुविधाओं का उद्देश्य महिलाओं को यात्रा करते समय आरामदायक अनुभव प्रदान करना और साथ ही उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
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रेलवे में महिलाओं के लिए ही बने ये अधिकार
- फोटो : poni news
महिला सुरक्षा हेल्पलाइन
महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रेलवे ने 139 नंबर पर एक महिला सुरक्षा हेल्पलाइन शुरू की है, जिस पर महिलाएं किसी भी समस्या के लिए संपर्क कर सकती हैं। तो अगर आप कहीं यात्रा कर रही हैं और अपनी सीट पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं तो तत्काल 139 पर फोन करके मदद मांगे।
महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रेलवे ने 139 नंबर पर एक महिला सुरक्षा हेल्पलाइन शुरू की है, जिस पर महिलाएं किसी भी समस्या के लिए संपर्क कर सकती हैं। तो अगर आप कहीं यात्रा कर रही हैं और अपनी सीट पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं तो तत्काल 139 पर फोन करके मदद मांगे।
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रेलवे में महिलाओं के लिए ही बने ये अधिकार
- फोटो : अमर उजाला।
आरक्षित सीटें
भारतीय रेलवे महिलाओं के लिए विशेष रूप से आरक्षित सीटों का प्रबंध करता है, ताकि उन्हें यात्रा में कोई परेशानी न हो। इसके लिए आपको रिजर्वेशन करते समय सही जानकारी भरनी होती है। जैसे कि ये नियम है कि यदि महिलाओं की उम्र 45 वर्ष से अधिक है, या महिला गर्भवती या दिव्यांग हैं तो उनके लिए भी स्लीपर, 3एसी और 2एसी कोच में लोअर बर्थ भी प्राथमिकता के आधार पर आवंटित की जाती हैं।
भारतीय रेलवे महिलाओं के लिए विशेष रूप से आरक्षित सीटों का प्रबंध करता है, ताकि उन्हें यात्रा में कोई परेशानी न हो। इसके लिए आपको रिजर्वेशन करते समय सही जानकारी भरनी होती है। जैसे कि ये नियम है कि यदि महिलाओं की उम्र 45 वर्ष से अधिक है, या महिला गर्भवती या दिव्यांग हैं तो उनके लिए भी स्लीपर, 3एसी और 2एसी कोच में लोअर बर्थ भी प्राथमिकता के आधार पर आवंटित की जाती हैं।
रेलवे में महिलाओं के लिए ही बने ये अधिकार
- फोटो : Adobe stock
रात में बिना टिकट यात्रा के दौरान भी कोई आपको उतार नहीं सकता
ये नियम भी महिला सुरक्षा के मद्देनजर ही बनाया गया था। दरअसल, भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 139 को पढ़ने से आपको पता लगेगा कि अगर कोई महिला यात्री बिना टिकट रात को ट्रेन से यात्रा कर रही है तो कोई भी उसे ट्रेन से उतार नहीं सकता। अगले जिला मुख्यालय के स्टेशन तक उन्हें सफर करने दिया जाएगा। ऐसे में रेलवे का कोई अफसर उनसे बदसलूकी भी नहीं कर सकता।
ये नियम भी महिला सुरक्षा के मद्देनजर ही बनाया गया था। दरअसल, भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 139 को पढ़ने से आपको पता लगेगा कि अगर कोई महिला यात्री बिना टिकट रात को ट्रेन से यात्रा कर रही है तो कोई भी उसे ट्रेन से उतार नहीं सकता। अगले जिला मुख्यालय के स्टेशन तक उन्हें सफर करने दिया जाएगा। ऐसे में रेलवे का कोई अफसर उनसे बदसलूकी भी नहीं कर सकता।
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रेलवे में महिलाओं के लिए ही बने ये अधिकार
- फोटो : फ्रीपिक
सीट बदलने का हक
ये अधिकार भी महिलाओं को उनकी सुरक्षा के मद्देनजर दिया गया है, जिसके अंतर्गत अगर कोई महिला अपनी सीट पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है तो वो टीटीई से बात करके अपनी सीट बदलवा सकती है। इसमें टीटीई को महिला की मदद करनी ही होगी।
ये अधिकार भी महिलाओं को उनकी सुरक्षा के मद्देनजर दिया गया है, जिसके अंतर्गत अगर कोई महिला अपनी सीट पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है तो वो टीटीई से बात करके अपनी सीट बदलवा सकती है। इसमें टीटीई को महिला की मदद करनी ही होगी।