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Working Women Rights: सुरक्षा से लेकर सम्मान तक, जानिए दफ्तर में क्या होते हैं महिलाओं के अधिकार

यूटिलिटी डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: श्रुति गौड़ Updated Wed, 17 Dec 2025 03:50 PM IST
सार

Working Women Rights: अगर आप भी वर्किंग महिला हैं तो आपको अपने अधिकारों के बारे में बखूबी जानकारी होनी चाहिए। अगर जानकारी नहीं है तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।

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Rights of women in the workplace full list in hindi
महिलाओं के ऑफिस में क्या अधिकार होते हैं? - फोटो : अमर उजाला
Working Women Rights: वर्किंग महिला होना समाज में अपनी जगह बनाने का तरीका सबसे सही है। लेकिन समाज में अपनी जगह बनाने के लिए सिर्फ नौकरी करना ही पर्याप्त नहीं है, इसके लिए अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी होना भी बहुत जरूरी है।


कई बार महिलाएं अपने ही अधिकारों के बारे में अनजान रहती हैं, जिससे उन्हें वर्कप्लेस पर कई असुविधाओं और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। दरअसल, हर वर्किंंग महिला के पास उनके दफ्तर में कुछ खास अधिकार होते हैं, जिनका इस्तेमाल वो जरूरत के समय कर सकती हैं।

यदि आप वर्किंग महिला हैं या बनना चाहती हैं, तो अपने अधिकारों को जानना और उनका समय पर इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। इस लेख में हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं कि कौन-कौन से अधिकार हर महिला को पता होने चाहिए, ताकि वो अपने करियर और जीवन में सुरक्षित और सशक्त महसूस कर सके।
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महिलाओं के ऑफिस में क्या अधिकार होते हैं? - फोटो : Adobe Stock
 समान वेतन का अधिकार

पुरुष और महिला कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन का अधिकार है। इसका मतलब है कि यदि किसी दफ्तर में पुरुष और महिला एक जैसी पोस्ट पर एक जैसा काम कर रहे हैं तो उनका वेतन भी समान होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो महिलाएं इसके लिए शिकायत कर सकती हैं। 

 
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महिलाओं के ऑफिस में क्या अधिकार होते हैं? - फोटो : Freepik.com
मातृत्व अवकाश 

ये अवकाश महिलाओं को डिलीवरी के समय मिलता है। मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत हर दफ्तर मे गर्भवती महिलाओं को न्यूनतम 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलता है। इस दौरान उन्हें वेतन का पूरा लाभ मिलता है। कोई भी कंपनी 26 हफ्ते यानि की पूरे 6 महीने से पहले किसी महिला को मातृत्व अवकाश खत्म करके दफ्तर आने के लिए बाध्य नहीं कर सकती। 

 
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महिलाओं के ऑफिस में क्या अधिकार होते हैं? - फोटो : अमर उजाला
सुरक्षा का अधिकार

कारखाना अधिनियम के तहत हर दफ्तर में महिलाओं के लिए अलग शौचालय, चेंजिंग रूम बनवाना अनिवार्य है। यदि आपके दफ्तर में ये सुविधा नहीं है तो आप इसके लिए आवाज उठा सकती हैं। इसके साथ-साथ यौन उत्पीड़न (POSH Act, 2013) के खिलाफ सुरक्षा और शिकायत निवारण तंत्र (Internal Complaints Committee) का अधिकार भी हर वर्किंग महिला को है। इसके लिए हर दफ्तर में POSH कमेटी भी बनाई जाती है, जो महिलाओं की दिक्कतों का निस्तारण करती है। 

 
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महिलाओं के ऑफिस में क्या अधिकार होते हैं? - फोटो : Adobe
भेदभाव और उत्पीड़न से सुरक्षा

महिला कर्मचारियों को हर प्रकार क भेदभाव से सुरक्षा का अधिकार है। अगर बात करें कानून की तो अनुच्छेद 14 के तहत किसी भी महिला के साथ बिना किसी उचित कारण के भेदभाव नहीं होना चाहिए। इसके अलावा अनुच्छेद 15 के तहत, किसी के साथ लिंग, जाति, धर्म, समुदाय और विकलांगता के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। अनुच्छेद 16 में वर्कप्लेस पर भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी को समान अवसर मिलने चाहिए। अगर आपके साथ भेदभाव हो रहा है तो बिना सोचे इसके खिलाफ आवाज उठाएं।

 
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