Year Ender 2025: साल 2025 केंद्र सरकार की कई अहम योजनाओं के लिए याद किया जाएगा। रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए इस साल सरकार ने कई शानदार योजनाओं शुरू किया। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करना था, बल्कि निजी क्षेत्र में हायरिंग के लिए प्रोत्साहित भी करना था।
Year Ender 2025: साल 2025 में सरकार ने शुरू की ये योजनाएं, युवाओं और नौकरीपेशा लोगों को मिल रहा लाभ
Year Ender 2025: साल 2025 में भारत सरकार ने कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को शुरू किया। इन योजनाओं के जरिए सरकार रोजगार के नए अवसर प्रदान करना चाहती है।
Employement Linked Incentive Scheme
इम्पलॉय लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत सरकार ने इसी साल की है। इसके तहत पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को 2 चरणों में 15 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा कंपनी को भी स्कीम के अंतर्गत हर कर्मचारी के ज्वाइन करने पर पैसे दिए जाएंगे। अगर कर्मचारी की सैलरी 10 हजार रुपये है तो उसे 1 हजार रुपये मिलेंगे। अगर कर्मचारी की सैलरी 10 से 20 हजार रुपये की बीच है तो कंपनी को 2 हजार रुपये दिए जाएंगे।
अगर कर्मचारी की सैलरी 20 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये के बीच है तो इस स्थिति में कंपनी को 3 हजार रुपये मिलेंगे। पहली बार नौकरी करने वाला कोई भी युवा इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र है। ध्यान दें इस योजना का लाभ उन्हीं युवाओं को मिलेगा, जिनकी सैलरी 1 लाख रुपये से कम हैं और उनका ईपीएफओ से जुड़ना अनिवार्य है।
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना
भारत सरकार ने इस योजना की शुरुआत अगस्त महीने में की थी। इस योजना के जरिए सरकार अगले 2 वर्षों में देश के भीतर 3.5 करोड़ नौकरियां पैदा करना चाहती हैं। इस स्कीम के अंतर्गत सरकार कर्मचारियों के भविष्य निधि का खर्च खुद देगी।
G-RAM G
भारत सरकार ने ने मनरेगा का नाम बदलकर विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) कर दिया है। वहीं इस स्कीम के अंतर्गत 100 दिनों के रोजगार को बढ़ाकर 125 दिन कर दिया है। इसको लेकर संसद में प्रियंका गांधी ने सरकार से सवाल किया था कि इस योजना से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है।
एकीकृत पेंशन योजना
यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए है जो नई पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं। इसके अंतर्गत कर्मचारी को रिटायरमेंट के आखिरी के 12 महीने पहले के बेसिक पे का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। गौर करने वाली बात है कि इसके लिए 25 वर्ष की सेवा का होना जरूरी है। वहीं अगर कर्मचारी की दुर्भाग्यवश की मृत्यु हो जाती है तो इस स्थिति में आश्रितों को पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।