सीनियर नेशनल महिला रेसलिंग चैंपियनशिप में 62 किलो भारवर्ग में साक्षी मलिक के खिलाफ फाइनल जीतकर स्वर्ण पदक हासिल करने वाली सोनम मलिक को चैंपियनशिप का आयोजन करने वाली समिति को स्वर्ण पदक देने के लिए 25 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। मुकाबला समाप्त होने के बाद स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक देने की घोषणा की गई। काफी देर तक सोनम का नाम पुकारा जाता रहा। इसके बाद भी वह पदक लेने नहीं पहुंची। इस बीच साक्षी मलिक को रजत पदक दिया गया। इस पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने मंच से ही सोनम का स्वर्ण पदक समिति के पदाधिकारियों के पास रखने की घोषणा कर दी। लगभग 25 मिनट देर से सोनम जब पदक लेने पहुंची, तब तक दूसरी कुश्ती शुरू हो गई। अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने साफ कर दिया कि मंच पर सोनम के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति नहीं चढ़ेगा। तब कहीं जाकर सोनम को पदक दिया गया।
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ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक को हराने के बाद स्वर्ण पदक लेने 25 मिनट देर से पहुंची सोनम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आगरा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Sun, 31 Jan 2021 11:15 AM IST
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साक्षी मलिक को हराने के बाद पदक लेती सोनम मलिक
- फोटो : अमर उजाला

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लाल जर्सी में साक्षी मलिक और नीली में सोनम कुश्ती के दौरान
- फोटो : अमर उजाला
कोच की सिखाई बारीकियों का नतीजा है मेरी जीत : सोनम मलिक
सीनियर नेशनल महिला रेसलिंग चैंपियनशिप में 62 किलो भारवर्ग में साक्षी मलिक के खिलाफ फाइनल जीतकर स्वर्ण पदक हासिल करने वाली सोनम मलिक अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच अजमेर मलिक को देती हैं। सोनम का कहना है कि कोच की दी गई सीख को मैंने दंगल में ध्यान रखा। इसी का परिणाम है कि मैं स्वर्ण पदक जीत सकी।
सीनियर नेशनल महिला रेसलिंग चैंपियनशिप में 62 किलो भारवर्ग में साक्षी मलिक के खिलाफ फाइनल जीतकर स्वर्ण पदक हासिल करने वाली सोनम मलिक अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच अजमेर मलिक को देती हैं। सोनम का कहना है कि कोच की दी गई सीख को मैंने दंगल में ध्यान रखा। इसी का परिणाम है कि मैं स्वर्ण पदक जीत सकी।
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साक्षी मलिक (लाल जर्सी में) को पटखनी देती सोनम मलिक (नीली जर्सी में)
- फोटो : अमर उजाला
सोनम मलिक की पसंदीदा फिल्म दंगल है। दंगल फिल्म देखकर उनमें काफी जोश बढ़ जाता है। इस फिल्म ने उनके अंदर हमेशा से ही उत्साह का संचार किया है। कुश्ती के प्रति मेरे जुनून को मेरे पिता राजेंद्र ने हमेशा आगे बढ़ाया। कुश्ती की किसी भी प्रतियोगिता में जाने से पहले पिता उन्हें आशीर्वाद देते हैं। वह हर रोज पांच से छह घंटे प्रेक्टिस करती हैं।

कुश्ती के दौरान सोनम और साक्षी मलिक
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सोनम मलिक का सफर
19 साल पहले अखाड़े में उतरीं सोनम मलिक ने अपने पहलवान पिता राजेंद्र के अधूरे सपने को साकार करने की शपथ ली थी, उसके बाद सोनम ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। सोनम ने वर्ष 2018 में एशियन कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। इसके बाद वर्ष 2019 में एशियाई कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में सोनम उप विजेता रहीं। वर्ष 2019 में ही सोनम ने विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
19 साल पहले अखाड़े में उतरीं सोनम मलिक ने अपने पहलवान पिता राजेंद्र के अधूरे सपने को साकार करने की शपथ ली थी, उसके बाद सोनम ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। सोनम ने वर्ष 2018 में एशियन कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। इसके बाद वर्ष 2019 में एशियाई कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में सोनम उप विजेता रहीं। वर्ष 2019 में ही सोनम ने विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
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आगरा: अखाड़े में कुश्ती लड़तीं साक्षी मलिक और सोनम
- फोटो : अमर उजाला
बता दें कि ताजनगरी के लड़ामदा में आयोजित सीनियर नेशनल महिला रेसलिंग चैंपियनशिप में शनिवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक हरियाणा की सोनम मलिक से फाइनल के कड़े मुकाबले में 7:4 के अंतर से हार गई। जबकि इससे पूर्व तीन मुकाबलों में उनका प्रदर्शन शानदार रहा। हारने पर साक्षी की आंखों में आंसू छलक उठे। लड़ामदा में स्थित मनोरमा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में शुरू हुई दो दिवसीय सीनियर नेशनल महिला रेसलिंग चैंपियनशिप में देश की शीर्ष खिलाड़ियों ने दांव-पेच आजमाएं। इसमें सबकी नजर रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान साक्षी मलिक पर थी। उन्होंने रेलवे की तरफ से भाग लिया था। 62 किलो भार वर्ग में खेल रही साक्षी ने अपना पहला प्री-क्वार्टर मैच गुजरात की ज्योति भदौरिया के खिलाफ खेला। छह मिनट की अवधि वाले इस मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए ज्योति को हराया (बाई फाउल)। इसके बाद क्वार्टर फाइनल मैच में मध्य प्रदेश की पुष्पा को 4:0 से हराया। सेमीफाइनल में दिल्ली की अनीता को 10:0 के बड़े अंतर से हराया।