सेना के आत्मघाती ड्रोन: ड्रोन पावर से अब और घातक बनेगी खडगा कोर, इसी ने ही पाक सैनिकों का घुटनों पर लाया था...
खडगा कोर भारतीय सेना की एक महत्वपूर्ण स्ट्राइक कोर है और दुश्मन के खिलाफ कई बार विभिन्न युद्धों में निर्णायक भूमिका निभा चुकी है। साल 1971 में भी पूर्व पाकिस्तान (बांग्लादेश) को अलग करने व हजारों पाकिस्तानी सैनिकों के घुटने टिकवा उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने में इसी कोर ने अहम भूमिका निभाई थी।
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वेस्टर्न कमांड के अंतर्गत खडगा कोर अब ड्रोन पावर से और घातक बनेगी। कोर की एक यूनिट के कुशल जवानों व अफसरों ने विशेष कॉम्बैट ड्रोनों की खेप तैयार की है, जिससे इस कोर की युद्ध कुशलता और बढ़ेगी। इस उपलब्धि से अवगत होने के बाद खुद आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी कोर पहुंचे, जहां उन्होंने विभिन्न प्रकार के ड्रोनों का अवलोकन किया।
खडगा कोर भारतीय सेना की एक महत्वपूर्ण स्ट्राइक कोर है और दुश्मन के खिलाफ कई बार विभिन्न युद्धों में निर्णायक भूमिका निभा चुकी है। साल 1971 में भी पूर्व पाकिस्तान (बांग्लादेश) को अलग करने व हजारों पाकिस्तानी सैनिकों के घुटने टिकवा उन्हें आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने में इसी कोर ने अहम भूमिका निभाई थी। यह सेना की सबसे घातक कोर में से एक है मगर अब वर्तमान वॉरफेयर के मद्देनजर इस कोर ने खुद को तकनीकी अपग्रेडेशन के साथ और खतरनाक बनाने का काम शुरू कर दिया है।
इस कोर ने ऐसे कॉम्बैट ड्रोन तैयार किए हैं जो न केवल जासूसी बल्कि दुश्मन पर अटैक करने में भी सक्षम हैं। अब यह कोर एक आत्मघाती ड्रोन भी तैयार करने में जुटी है और काफी हद तक इसमें सफलता मिल गई है। कोर के अफसरों ने इस आत्मघाती ड्रोन का मॉडल आर्मी चीफ को दिखाया।
आर्मी चीफ ने की ऑपरेशन सिंदूर 2.0 की संभावनाओं पर चर्चा
खडगा कोर पहुंचे जरनल उपेंद्र द्विवेदी ने कोर की ऑपरेशनल तैयारियों का रिव्यू किया और जवानों व अफसरों से लड़ाई की तैयारी बढ़ाने व नई तकनीकों से जुड़ने को कहा। सूत्र बताते हैं कि वेस्टर्न कमांड के अफसरों संग बैठक के दौरान आर्मी चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर 2.0 की संभावनाओं पर चर्चा की। बैठक में कई महत्वपूर्ण सामरिक मसलों पर भी बातचीत हुई। आर्मी चीफ ने अफसरों से विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से समन्वय बढ़ाने पर भी जोर दिया। जनरल ने ड्रोन डिजाइन, ट्रेनिंग में इनोवेशन, लॉजिस्टिक्स और एडमिनिस्ट्रेशन में एडवांस्ड टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशंस इत्यादि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। स्थायी सुरक्षा कैसे बढ़े, इसके लिए अफसरों को सैन्य-नागरिक विलय पर भी जोर दिया।
सेना का इरादा - आतंकी और आकाओं को खत्म करना
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि देश की स्थायी सुरक्षा व हर तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है। हमारी युद्धक तैयारियां पूरी हैं। ऑपरेशन सिंदूर में भी हमने एलओसी पार सिर्फ आतंकी अड्डों को ही निशाना बनाया था। भारतीय सेना का इरादा बिल्कुल साफ था कि हमने आतंकवादियों को मार गिराना है और उनके आकाओं को खत्म करना है।