पंजाब में मिलावट का खेल: दूध व उससे बने 47 फीसदी उत्पादों के सैंपल फेल, पनीर में हो रहा केमिकल का इस्तेमाल
पंजाब में तीन साल में पनीर और अन्य उत्पादों के 1915 सैंपल लिए गए जिनमें से 902 फेल पाए गए। वर्ष 2022-23 में 799 सैंपल लिए गए जिनमें से 417 फेल हुए और वर्ष 2023-24 में 585 सैंपल लिए जिनमें से 230 फेल पाए गए।
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खाने-पीने के लिए मशहूर पंजाब में अब दूध व उससे बने उत्पादों में धड़ल्ले से केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे लोग विभिन्न तरह की बीमाररों की चपेट में आ रहे हैं।
सूबे में बीते तीन साल में पनीर, दूध व इससे बने उत्पादों के 47 फीसदी सैंपल फेल हुए हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार तीन साल में पनीर और अन्य उत्पादों के 1915 सैंपल लिए गए जिनमें से 902 फेल पाए गए। वर्ष 2022-23 में 799 सैंपल लिए गए जिनमें से 417 फेल हुए और वर्ष 2023-24 में 585 सैंपल लिए जिनमें से 230 फेल पाए गए। 2024-25 में पनीर के साथ दूध के अन्य उत्पादों के 531 सैंपल टीमों ने लिए जिनमें से 255 में मिलावट सामने आई। एफएसएसएआई हर साल विशेष अभियान चलाकर यह सैंपल लेती है। इसमें सबसे ज्यादा फेल सैंपल पनीर के पाए गए।
रिपोर्ट के अनुसार दूध व उससे बने उत्पादों में अधिक मिलावट हो रही है। पंजाब में तो दूसरे राज्यों से तैयार घटिया पनीर व अन्य पदार्थों की आपूर्ति होती है। रिपोर्ट के अनुसार पनीर के मानक खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम 2011 के अनुसार निर्धारित हैं और इसमें आमतौर पर स्टार्च और सुक्रोज से मिलावट की जा रही है।
हरियाणा में भी बड़े स्तर चल रही मिलावट
हरियाणा में भी पनीर और दूध से बने बाकी उत्पादों में बड़े स्तर पर मिलावट चल रही है। हरियाणा में पिछले तीन साल में 1451 सैंपल लिए गए और इनमें से 529 जांच में खाने योग्य नहीं पाए गए। इसी तरह उत्तर प्रदेश में इस अवधि के दौरान 12,945 सैंपल लिए गए और इस दौरान 8299 फेल पाए गए।
भारी मात्रा में पकड़ा गया नकली पनीर
सेहत विभाग की फूड सेफ्टी टीम ने अप्रैल में 1378 किलो पनीर राजपुरा में पकड़ा था जिसे पटियाला में सप्लाई किया जाना था। यहीं से जुलाई में 1640 किलो पनीर की खेप पकड़ी थी जो जालंधर में सप्लाई होनी थी। विभाग की तरफ से फूड सेफ्टी ऑन व्हील पर नियमित रूप से जांच की जा रही है। इन टेस्टिंग वैन में दूध, पनीर, पानी और अन्य रोजाना के प्रयोग वाले खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच करने की सुविधा है। लोग खुद भी इनमें खाद्य पदार्थों की जांच करवा सकते हैं।