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जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव: शिअद का पंथक एजेंडे को धार दे गांवों में पैठ बढ़ाने पर जोर, ये हैं चुनौतियां

मोहित धुपड़, चंडीगढ़ Published by: अंकेश ठाकुर Updated Fri, 12 Dec 2025 06:18 AM IST
सार

पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के लिए 14 दिसंबर को मतदान होगा। 17 दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इन दिनों चुनाव के प्रचार और प्रसार के लिए दलों ने जोर लगाया है। 

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zila parishad and Panchayat Samiti Elections Shiromani Akali Dal focuses on increasing its reach in villages
सुखबीर बादल - फोटो : twitter @officeofssbadal
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विस्तार
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शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के लिए जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव अपने पंथक एजेंडे को धार देते हुए गांवों में पकड़ मजबूत बनाने का मौका है। शिअद के लिए इन चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पार्टी इस वक्त कई सियासी चुनौतियों से जूझ रही हैं। ऐसी स्थिति तब है जब पंजाब में विधानसभा चुनाव को सवा साल से भी कम समय बचा है। इसी के चलते पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल अपने प्रत्याशियों को जितवाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।

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पंजाब के ग्रामीण अंचलों में सियासत का परिदृश्य देखें तो पंथक एजेंडे के बूते शिअद की स्थिति अपेक्षाकृत मजबूत रही है। यही कारण है कि अकालियों ने लंबे समय तक पंजाब की सत्ता संभाली। करीब 22 साल का कार्यकाल तो पूर्व सीएम परकाश सिंह बादल का ही रहा। हालांकि कांग्रेस ने भी ग्रामीण इलाकों में अकालियाें के वोट बैंक में सेंध लगाई जबकि पिछले कुछ वर्षों में आम आदमी पार्टी ने भी विकास के साथ पंथक एजेंडे के सहारे गांवों में अपनी सियासी जमीन को मजबूत किया।
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मौजूदा समय में शिअद के लिए एक बड़ी चुनौती यह भी है कि एक बड़ा धड़ा पार्टी से अलग होकर शिअद (पुनर सुरजीत) के नाम से खड़ा हो गया है जबकि अकाली दल (वारिस पंजाब दे) का वोट बैंक भी कभी शिअद का ही कोर वोट बैंक रहा है। इसके बावजूद शिअद इन चुनाव में पूरी रणनीति के साथ विभिन्न मुद्दों को लेकर मैदान में उतरी हुई है। चुनाव प्रचार की कमान शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल व उपाध्यक्ष डॉ. दलजीत चीमा समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संभाल रखी है।

इन मुद्दों को लेकर मैदान में शिअद
पंजाब में शिअद ने 300 से अधिक जिला परिषद व 2500 से अधिक पंचायत समिति की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हुए हैं। शिअद के उपाध्यक्ष डॉ. दलजीत चीमा कहते हैं कई जगह उनके प्रत्याशियों को नामांकन भरने से रोका गया वरना यह आंकड़ा इससे अधिक होता। उनके अनुसार सभी नेता फील्ड में मतदाताओं के समक्ष शिअद और अन्य सरकारों के कार्यकाल में हुए कामों की तुलना पेश कर रहे हैं। इसके अलावा सरकार की वादाखिलाफी, प्रदेश में बढ़ता गैंगस्टरवाद, कानून-व्यवस्था, विकास की धीमी गति, भ्रष्टाचार, सूबे पर बढ़ता कर्ज, दिल्ली नेतृत्व का ज्यादा दखल, लचर शिक्षा प्रणाली और अब इन चुनावों में नामांकन भरने से रोकने का प्रयास इत्यादि मुद्दों को भी शिअद खूब उछाल रहा है।

बापू बादल के काम लोगों को बता रहे : सुखबीर
हम ग्रामीण मतदाताओं को बता रहे हैं कि बापू बादल (पूर्व सीएम परकाश सिंह बादल) ने अपने कार्यकाल में जो काम किए हैं, उन कामों को जनता आज भी याद करती है। इनके अलावा जो भी पंजाब के अन्य मुख्यमंत्री रहे हैं, वे बता दें कि उनके किस अच्छे काम की चर्चा आज भी मतदाताओं के बीच की जाती है। आज पंजाब के विकास के लिए फिर क्षेत्रीय दल शिअद को मजबूत करने की जरूरत है। सत्ता में आने के बाद हमारी सरकार गरीबों की स्थिति में सुधार लाने के लिए और अधिक योजनाएं लाएगी। हम बुढ़ापा पेंशन के तहत मिलने वाले लाभों को बढ़ाने के साथ-साथ सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए वचनबद्ध हैं। उद्योगों में पंजाबियों की नियुक्ति सुनिश्चित करवाएंगे। साथ ही बाहरी लोगों को राज्य की जमीन खरीदने पर प्रतिबंध लगाएंगे। - सुखबीर बादल, अध्यक्ष, शिरोमणि अकाली दल।

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