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जालंधर में डीसी के आदेश: किसानों पर जबरन खरीद का दबाव न डालें, डीएपी के साथ अन्य सामग्री बेचने पर रोक
संवाद न्यूज एजेंसी, जालंधर (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 12 Nov 2025 02:49 PM IST
सार
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में उनके संज्ञान में यह बात आई है कि कुछ निजी विक्रेता और सहकारी समितियां किसानों पर नैनो यूरिया जैसी अतिरिक्त सामग्री खरीदने का दबाव बना रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर किसान को उसकी खेती की जरूरत के अनुसार ही डीएपी उपलब्ध कराई जाए।
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डीएपी खाद
- फोटो : social media
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विस्तार
डीसी जालंधर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने जिले के सभी निजी उर्वरक विक्रेताओं और सहकारी समितियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसानों को डीएपी उर्वरक के साथ कोई अन्य सामग्री खरीदने के लिए मजबूर न किया जाए और उनसे निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत न ली जाए।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में उनके संज्ञान में यह बात आई है कि कुछ निजी विक्रेता और सहकारी समितियां किसानों पर नैनो यूरिया जैसी अतिरिक्त सामग्री खरीदने का दबाव बना रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर किसान को उसकी खेती की जरूरत के अनुसार ही डीएपी उपलब्ध कराई जाए और एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13, 15:15:15, 16:16:16, सुपरफॉस्फेट (सिंगल), ट्रिपल फॉस्फेट जैसे विकल्पी उर्वरकों की बिक्री को भी प्राथमिकता दी जाए, ताकि समय पर गेहूं की बुवाई हो सके।
डीसी ने किसानों से अपील की कि यदि किसी भी विक्रेता द्वारा उनके साथ ज़बरदस्ती की जाती है या अधिक मूल्य वसूला जाता है, तो वे तुरंत किसान एक्शन हेल्पलाइन नंबर 9646-222-555 पर शिकायत दर्ज करवाएं। साथ ही डॉ. अग्रवाल ने कृषि विभाग के प्रखंड अधिकारियों और सहकारी समितियों के निरीक्षकों को सभी उर्वरक विक्रेताओं की जांच करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफसीओ 1985 के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 16 नवंबर तक उर्वरक वितरण संबंधी रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी जारी किए हैं।
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डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में उनके संज्ञान में यह बात आई है कि कुछ निजी विक्रेता और सहकारी समितियां किसानों पर नैनो यूरिया जैसी अतिरिक्त सामग्री खरीदने का दबाव बना रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर किसान को उसकी खेती की जरूरत के अनुसार ही डीएपी उपलब्ध कराई जाए और एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13, 15:15:15, 16:16:16, सुपरफॉस्फेट (सिंगल), ट्रिपल फॉस्फेट जैसे विकल्पी उर्वरकों की बिक्री को भी प्राथमिकता दी जाए, ताकि समय पर गेहूं की बुवाई हो सके।
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डीसी ने किसानों से अपील की कि यदि किसी भी विक्रेता द्वारा उनके साथ ज़बरदस्ती की जाती है या अधिक मूल्य वसूला जाता है, तो वे तुरंत किसान एक्शन हेल्पलाइन नंबर 9646-222-555 पर शिकायत दर्ज करवाएं। साथ ही डॉ. अग्रवाल ने कृषि विभाग के प्रखंड अधिकारियों और सहकारी समितियों के निरीक्षकों को सभी उर्वरक विक्रेताओं की जांच करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफसीओ 1985 के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 16 नवंबर तक उर्वरक वितरण संबंधी रिपोर्ट सौंपने के आदेश भी जारी किए हैं।