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मालखाने से ड्रग मनी गायब करने का मामला: आरोपी मुंशी के घर में दबा रखे 13 लाख रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

संवाद न्यूज एजेंसी, जगरांव (पंजाब) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Tue, 18 Nov 2025 10:05 AM IST
सार

आरोपी गुरदास सिंह को लगभग तीन साल पहले मालखाने की जिम्मेदारी मिली थी। वर्ष 2023 में पुलिस ने एक बड़े नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जिसमें भारी मात्रा में ड्रग मनी बरामद हुई थी। आरोपी ने जुए की लत के कारण सवा करोड़ रुपये की ड्रग मनी गायब कर दी।

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Drug money missing from storehouse in jagraon ₹13 lakh buried in accused scribe house recovered
आरोपी गुरदास - फोटो : संवाद
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विस्तार
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सिधवां बेट के मालखाने से करोड़ों रुपये की ड्रग मनी गायब करने के आरोप में गिरफ्तार मुंशी गुरदास से पुलिस ने बड़ी बरामदगी की है। पुलिस रिमांड के दौरान गुरदास ने स्वीकार किया कि उसने लाखों रुपये अपने घर में छिपा रखे थे।
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सूत्रों के अनुसार, पुलिस आरोपी को लेकर उसके घर पहुंची, जहां उसने अपने वेहड़े में दबाकर रखे 10 लाख रुपये बाहर निकाले। इसके अलावा पुलिस ने अलमारी से 3 लाख रुपये और बरामद किए। पुलिस ने कुल 13 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। 
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गुरदास का चार दिन का पहला रिमांड पूरा होने पर पुलिस ने उसे फिर अदालत में पेश किया, जहां से चार दिन का अतिरिक्त रिमांड मंजूर किया गया है। इससे पहले शुक्रवार को एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता ने कानूनी कार्रवाई करते हुए आरोपी मुंशी गुरदास को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया था। वहीं एसएसपी द्वारा बनाई गई टीम मामले की गहराई से जांच करने में जुटी हुई है। ताकि मामले को लेकर मालखाने का रिकार्ड पूरा चेक किया जा सके। 

ये है पूरा मामला 

जानकारी के अनुसार, आरोपी गुरदास सिंह को लगभग तीन साल पहले मालखाने की जिम्मेदारी मिली थी। वर्ष 2023 में पुलिस ने एक बड़े नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जिसमें भारी मात्रा में ड्रग मनी बरामद हुई थी। यह रकम मालखाने में जमा की गई थी। आरोप है कि जुए की लत के कारण गुरदास सिंह की नीयत बदल गई और उसने धीरे-धीरे सवा करोड़ रुपये की ड्रग मनी गायब कर दी।

यह मामला तब उजागर हुआ जब नशा तस्करी के एक मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस को पूरा रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया। गुरदास सिंह अदालत में सीलबंद पैकेट लेकर पहुंचा, लेकिन जांच के दौरान वे पैकेट खाली पाए गए। इस खुलासे से पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए।

मामला सामने आने के बाद थाना सिधवां बेट की पुलिस ने तुरंत मालखाने को सील कर दिया। अब इसे केवल एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता द्वारा गठित विशेष टीम ही खोलकर जांच करेगी। पुलिस ने उन सभी मामलों की सूची तैयार कर ली है, जिनमें गुरदास सिंह के मुंशी रहते माल जमा हुआ था।

फौज में नौकरी से लेकर पुलिस तक का सफर

गुरदास सिंह करीब 15 साल फौज में नौकरी करने के बाद वर्ष 2011 में पंजाब पुलिस में भर्ती हुआ था। 2022 में उसे सिधवां बेट थाने में मालखाने का मुंशी बनाया गया। लेकिन रिटायरमेंट से महज कुछ ही दिन पहले उसने कथित तौर पर ड्रग मनी जुए में हार दी और अब खुद गंभीर कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहा है।

नशा तस्करी केस से जुड़ी थी रकम

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2023 में सीआईए स्टाफ पुलिस ने एक ऐसे नशा तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया था जो पुलिस वर्दी का दुरुपयोग करता था। ये आरोपी बॉर्डर पार करते समय पुलिस वर्दी पहनते और बाद में गाड़ी की नंबर प्लेट बदलकर नशे की खेप पहुंचाते थे। इस गिरोह के खिलाफ थाना सिधवां बेट में केस दर्ज किया गया था। 

आरोपियों की पहचान अवतार सिंह उर्फ तारी, निवासी गांव ढूडीके (मोगा),  हरजिंदर सिंह उर्फ रिंदी, निवासी रायपुर आरिया (जालंधर) हाल निवासी मुल्लापुर, कमलप्रीत सिंह, निवासी रूपा पत्ती रोडे (वाघापुराना, मोगा)  के ताैर पर हुई थी।

ये हुई थी बरामदगी

54 क्विंटल चूरापोस्त, 20 किलो की 270 बोरी, 4 पुलिस वर्दियां, 2 अवैध देसी पिस्तौल और कारतूस, 14 नंबर प्लेट, तथा सवा करोड़ रुपये की ड्रग मनी। यह पूरी बरामदगी थाना सिधवां बेट के मालखाने में सील कर रखी गई थी।

सील पिघलाकर निकालता था पैसे

पुलिस सूत्रों की माने तो जांच में खुलासा हुआ कि मुंशी गुरदास सिंह ने बेहद चालाकी से सील की गई रकम को मेल्ट (पिघलाकर) खोलना शुरू किया। पैसे निकालने के बाद वह सील को दोबारा उसी तरह बंद कर देता था ताकि किसी को शक न हो। यह क्रम कई महीनों तक चलता रहा और मालखाने से रकम धीरे-धीरे गायब होती रही।

खुलासा और गिरफ्तारी

जैसे ही अदालत में केस रिकॉर्ड पेश न होने की बात सामने आई, अधिकारियों ने पूरे मालखाने की जांच करवाई। तब यह घोटाला उजागर हुआ। पुलिस ने थाना सिधवां बेट में मामला दर्ज कर मुंशी गुरदास सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
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