मालखाने के पैसों पर मुंशी की ऐश: खेल डाला डेढ़ करोड़ का सट्टा, ऐसे खुला राज; अब अपने ही थाने में बंद
जिला लुधियाना ग्रामीण पुलिस के एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता की अगुवाई में बनी एसआईटी ने गुरदास सिंह को सीआईए स्टाफ में दिनभर बैठाकर पूछताछ की। गुरदास ने गुनाह कबूल कर लिया है। गुरदास के घर और अन्य ठिकानों पर रेड की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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जिला लुधियाना ग्रामीण के थाना सिधवा बेट का मालखाना मुंशी गुरदास सिंह अपने ही थाने में जमा सरकारी रकम और ड्रग मनी पर महीनों ऐश करता रहा। मालखाने में रखी करोड़ों रुपये की रकम मुंशी गुरदास सिंह ने जुए के अड्डों और सट्टे पर उड़ा दी।
मालखाने की नियमित चेकिंग से खुलासा हुआ कि सवा करोड़ रुपये से ज्यादा की नगदी, सोने के गहने और अन्य कीमती सामान मालखाने से गायब हैं। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर हीरा सिंह को इसकी भनक तक नहीं लगी। गबन किए गए सवा करोड़ से अधिक रुपये में सबसे बड़ी रकम एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज 2024 के 270 चूरा पोस्त बोरियों वाले केस से जुड़ी थी।
चेकिंग के दौरान सामने आया कि गबन की रकम किसी एक केस से नहीं, बल्कि कई मामलों की रिकवरी थी। वर्ष 2024 में थाना सिधवां बेट के इलाके में सीआईए स्टाफ की पुलिस ने एक कंटेनर से 270 बोरियां चूरा पोस्त बरामद की थीं। इस दौरान पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिसमें हरजिंदर सिंह उर्फ रिड्ढी, निवासी गांव भैणी अरैया, जालंधर हाल निवासी निवासी मुल्लापुर, अवतार सिंह, निवासी गांव ढूंढीके जिला मोगा और एक अन्य आरोपी शामिल था।
इस केस में पुलिस ने करीब 1.25 करोड़ रुपये नगदी, दो रिवॉल्वर और पुलिस की पांच वर्दियां बरामद की थीं, जिन्हें थाना सिधवां बेट के मालखाने में जमा करवाया गया था। अब जांच में खुलासा हुआ है कि इस रकम के इलावा और कई केसों की रकम मुंशी गुरदास सिंह ने गायब कर दी।
पूछताछ में कबूला गुनाह, घरों पर रेड की तैयारी
जिला लुधियाना ग्रामीण पुलिस के एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता की अगुवाई में बनी एसआईटी ने गुरदास सिंह को सीआईए स्टाफ में दिनभर बैठाकर पूछताछ की। गुरदास ने गुनाह कबूल कर लिया है। गुरदास के घर और अन्य ठिकानों पर रेड की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पुलिस की कोशिश है कि गुरदास सिंह से कुछ रकम बरामद हो जाए ताकि केस में उसे सबूत के तौर पर पेश किया जा सके। एसएसपी के डॉ. अंकुर गुप्ता के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। कमेटी की अगुवाई एसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। यह कमेटी थाने के सभी केस रिकॉर्ड, जब्त सामान, नकदी और अमानतों की जांच करेगी।
पुलिस विभाग के भीतर यह सवाल उठ रहा है कि थाना सिधवां बेट के प्रभारी इंस्पेक्टर हीरा सिंह ने इतने लंबे समय तक मालखाने की जांच क्यों नहीं की। हालांकि हर 15 दिन बाद या एक महीने में थाना मुखी को जांच करके बकायदा रजिस्टर में लिखना होता है कि उसने जांच की और मालखाने का सारा समान ठीक ठाक पाया गया। इस पर थाना प्रभारी के बाकायदा हस्ताक्षर होते हैं।
जुए में उड़ाई सरकारी अमानत
मुंशी गुरदास सिंह ने मालखाने से निकाली गई रकम को जुए और सट्टे में लगा दिया। भारी भरकम रकम हारने के बाद वह घबरा गया और इसे पूरा करने के लिए मालखाने से रुपये निकालते चला गया और ये आंकड़ा सवा करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया। बताया जाता है कि जब हार की रकम बढ़ती गई, तो उसने कई केसों की रिकवरी रकमें मिलाकर मालखाने का पूरा हिसाब गड़बड़ा दिया।
मुंशी हिरासत में, विभाग में हड़कंप
पुलिस ने मुंशी गुरदास सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ गबन, भ्रष्टाचार और सरकारी अमानत में भ्रष्टाचार जैसी सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुंशी गुरदास सिंह काफी समय से मालखाने के माल पर ऐश कर रहा था और पूरे थाने को शक तक नहीं हुआ। अब जांच यह तय करेगी कि उसने कितने समय से और कितनी रकम मालखाने से उड़ाई। इस पूरे मामले के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।