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लुधियाना में जाम से हाल बेहाल: पुराने शहर में लोग घंटों होते हैं परेशान, ई-रिक्शा और अतिक्रमण से बढ़ी समस्या
संवाद न्यूज एजेंसी, लुधियाना (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Mon, 17 Nov 2025 11:42 AM IST
सार
ट्रैफिक जाम का सबसे बड़ा कारण पुराने शहर में चलने वाले ई-रिक्शा और दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को बताया जा रहा है। नगर निगम की तरफ से रोजाना कार्रवाई भी की जा रही है मगर उसके बावजूद ट्रैफिक जाम से लोगों को निजात नहीं मिल रही है।
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लुधियाना ट्रैफिक
- फोटो : संवाद
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विस्तार
मेनचेस्टर ऑफ इंडिया कहीं जाने वाले महानगर लुधियाना की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही ट्रैफिक की सबसे बड़ी समस्या भी खड़ी हो गई है। हालांकि सरकार की तरफ से शहर की सड़कों की चौड़ाई काफी बढ़ा दी गई है मगर ट्रैफिक जाम की समस्या से अभी तक महानगर के लोगों को निजात नहीं मिल पाई है।
कमिश्नर रेट पुलिस की तरफ से ट्रैफिक जाम को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की प्लानिंग बनाई गई मगर वह अभी तक सफल होती नजर नहीं आ पा रही है। घंटाघर से लेकर रखी सिनेमा चौक तक की बात करें तो ट्रैफिक जाम से बुरा हाल है। यहां अगर एक बार जाम लग जाए तो उसे पार करने में 1 घंटे तक का समय भी लग जाता है जिस कारण से काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
ट्रैफिक जाम का सबसे बड़ा कारण पुराने शहर में चलने वाले ई-रिक्शा और दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को बताया जा रहा है। नगर निगम की तरफ से रोजाना कार्रवाई भी की जा रही है मगर उसके बावजूद ट्रैफिक जाम से लोगों को निजात नहीं मिल रही है। नगर निगम और कमिश्नर पुलिस रोजाना किसी न किसी एरिया में कार्रवाई करती है मगर कुछ समय बाद फिर वैसी स्थिति बन जाती है।
चौड़ा बाजार में सिस्टम पुलिस की तरफ से वन वे किया गया है मगर ई-रिक्शा इधर-उधर से घूमते हुए फिर नियम तोड़कर चले जाते हैं। चड्ढा ने नगर निगम और पुलिस से मांग की है कि ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए वह कोई कार्रवाई या फिर कोई ड्राइव चलाते हैं तो दुकानदार उनका साथ जरूर देंगे। शहर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलानी चाहिए ताकि शहर के बाहर से आने वाले लोगों को आकर ऐसा लगे कि वह एक अच्छे शहर में आए हैं।
उन्होंने कहा कि जिस ऑटो चालक का रूट नहीं भी होता वह भी गलत रूट पर अपनी ई रिक्शा लेकर चलता है। उनके नियम और रूट तय होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम को दुकानदार के लिए भी नियम और कानून बनाए ताकि वह अपना सामान निगम द्वारा तय की गई जगह से आगे ना ले जा सके और लोगों को ट्रैफिक से निजात मिल सके।
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कमिश्नर रेट पुलिस की तरफ से ट्रैफिक जाम को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की प्लानिंग बनाई गई मगर वह अभी तक सफल होती नजर नहीं आ पा रही है। घंटाघर से लेकर रखी सिनेमा चौक तक की बात करें तो ट्रैफिक जाम से बुरा हाल है। यहां अगर एक बार जाम लग जाए तो उसे पार करने में 1 घंटे तक का समय भी लग जाता है जिस कारण से काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
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ट्रैफिक जाम का सबसे बड़ा कारण पुराने शहर में चलने वाले ई-रिक्शा और दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को बताया जा रहा है। नगर निगम की तरफ से रोजाना कार्रवाई भी की जा रही है मगर उसके बावजूद ट्रैफिक जाम से लोगों को निजात नहीं मिल रही है। नगर निगम और कमिश्नर पुलिस रोजाना किसी न किसी एरिया में कार्रवाई करती है मगर कुछ समय बाद फिर वैसी स्थिति बन जाती है।
त्योहार वाले दिन ई रिक्शा की एंट्री हो बंद: चंद्रकांत चड्ढा
तिरपाल के कारोबारी चंद्रकांत चड्ढा ने बताया कि हर रविवार को जाम से काफी बुरा हाल हो जाता है। पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा ने इस रोड पर जाम की समस्या को दूर करने के लिए ऑटो की आवाजाही बंद करवा दी थी। जिससे दुकानदारों का काम अच्छा चलने लग गया था और साथ ही साथ लोगों को भी राहत मिलनी शुरू हो गई थी। जब से उनका तबादला हुआ तो उसके बाद फिर से वही हाल हो गया। इस समय इस एरिया में ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी समस्या ई-रिक्शा है, साथ ही साथ कुछ दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण भी है।चौड़ा बाजार में सिस्टम पुलिस की तरफ से वन वे किया गया है मगर ई-रिक्शा इधर-उधर से घूमते हुए फिर नियम तोड़कर चले जाते हैं। चड्ढा ने नगर निगम और पुलिस से मांग की है कि ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए वह कोई कार्रवाई या फिर कोई ड्राइव चलाते हैं तो दुकानदार उनका साथ जरूर देंगे। शहर को ट्रैफिक जाम से निजात दिलानी चाहिए ताकि शहर के बाहर से आने वाले लोगों को आकर ऐसा लगे कि वह एक अच्छे शहर में आए हैं।
ई रिक्शा चालकों के लिए बनने चाहिए नियम
रेखी सिनेमा चौक के पास दुकान चलाने वाले जॉनी मेहरा ने बताया कि इस एरिया में ई-रिक्शा काफी तादाद में है अगर 10 ई रिक्शा चल रही है तो सवारी एक या दो ई रिक्शा में ही बैठी होती है और बाकी के ई रिक्शा खाली चल रहे होते हैं उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस की तरफ से उसे समय पहले ई रिक्शा चालकों के लिए वर्दी तय की गई थी जिस पर नेम प्लेट भी लगे होनी चाहिए मगर कुछ समय बाद ही ई रिक्शा चालकों ने वर्दी पहनना तो दूर पुलिस द्वारा बनाए गए नियम भी तोड़ने शुरू कर दिए।उन्होंने कहा कि जिस ऑटो चालक का रूट नहीं भी होता वह भी गलत रूट पर अपनी ई रिक्शा लेकर चलता है। उनके नियम और रूट तय होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम को दुकानदार के लिए भी नियम और कानून बनाए ताकि वह अपना सामान निगम द्वारा तय की गई जगह से आगे ना ले जा सके और लोगों को ट्रैफिक से निजात मिल सके।