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Patiala: पंजाबी यूनिवर्सिटी में महान कोष को मिट्टी में दबाने की तैयारी, श्री अकाल तख्त ने बनाई जांच कमेटी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 29 Aug 2025 02:39 PM IST
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सार
सिख विद्वान भाई काहन सिंह नाभा ने 1930 में पंजाबी के करीब 80 हजार शब्दों के अर्थों वाला एक महान कोष तैयार किया था। जिसकी कुछ साल पहले ही पंजाबी यूनिवर्सिटी ने दोबारा छपाई कराई थी। लेकिन छपाई के दौरान काफी गलतियां हो गई थीं।

गड्ढे में डाली गई महान कोष की प्रतियां
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी में महान कोष की प्रतियों को मिट्टी में दबाकर नष्ट करने पर विरोध शुरू हो गया है। वीरवार को यूनिवर्सिटी में पांच-पांच फुट के गड्ढे खोद कर इनमें महान कोष की प्रतियां फेंकी देखकर विद्यार्थी गुस्से में आ गए और उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया।

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इस मामले में श्री अकाल तख्त की ओर से जांच कमेटी गठित कर दी गई है।
मौके पर मौजूद विद्यार्थी नेताओं यादविंदर सिंह यादू व अन्य ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से महान कोष को मिट्टी में दबाने की तैयारी की जा रही है। यह सीधे तौर पर बेअदबी है। मामला गंभीर होता देखकर यूनिवर्सिटी अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचे और उन्होंने विद्यार्थियों को समझा-बुझाकर माहौल शांत करने का प्रयास किया। लेकिन विद्यार्थी अड़े हुए हैं।
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गौरतलब है कि पंजाबी यूनिवर्सिटी की ओर से महान कोष के बारे में हाल ही में पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां के साथ बैठक हुई थी। महान कोष में त्रुटियां होने पर यूनिवर्सिटी ने इसे 15 दिनों के अंदर नष्ट करने का भरोसा दिलाया था।
बताने योग्य है कि सिख विद्वान भाई काहन सिंह नाभा ने 1930 में पंजाबी के करीब 80 हजार शब्दों के अर्थों वाला एक महान कोष तैयार किया था। जिसकी कुछ साल पहले ही पंजाबी यूनिवर्सिटी ने दोबारा छपाई कराई थी। लेकिन छपाई के दौरान काफी गलतियां हो गई थीं। जिसके बाद पंजाबी विद्वानों की ओर से महान कोष की इन प्रतियों को नष्ट करने का मुद्दा उठाया जा रहा था। विद्यार्थी नेताओं ने बताया कि इस महान कोष में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बाणी भी दर्ज है। इसलिए महान कोष की प्रतियों को नष्ट करने का यह तरीका सही नहीं है। इसलिए इसका डटकर विरोध किया जाएगा।