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श्री गुरु नानक देव जी का प्रकटोत्सव: गुरुद्वारों में उमड़ी संगत, पत्नी के साथ स्वर्ण मंदिर पहुंचे CM मान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 05 Nov 2025 01:27 PM IST
सार
प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर पूरे पंजाब में गुरुद्वारों में सुबह से ही संगत उमड़ पड़ी। इससे पहले मंगलवार को जगह जगह नगर कीर्तन का आयोजन किया गया।
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श्री हरमंदिर साहिब में पत्नी के साथ नतमस्तक हुए सीएम भगवंत मान
- फोटो : X @BhagwantMann
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विस्तार
प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर पूरे पंजाब में गुरुद्वारों में सुबह से ही संगत उमड़ पड़ी। इससे पहले मंगलवार को जगह जगह नगर कीर्तन का आयोजन किया गया।
सीएम भगवंत मान ने अपनी पत्नी के साथ श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका। सीएम ने कहा कि पहले पातशाह, जगत गुरु धन धन साहिब श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर, सचखंड श्री दरबार साहिब, श्री अमृतसर साहिब में नतमस्तक होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज के आगे शीश झुकाया। गुरबाणी कीर्तन का आनंद लिया और नानक नाम लेवा संगतों के दर्शन किए। गुरु साहिब के आगे पंजाब में सामाजिक सौहार्द, भाईचारा और एकता बनी रहने की प्रार्थना की।
इस दाैरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र को इसे खोलना चाहिए था। अगर वे इसे तभी खोलते हैं जब कोई उन्हें लिखेगा तो इसका क्या फायदा? उन्हें खुद ही इसे खोलना चाहिए था। अब तो उन्होंने उनके साथ क्रिकेट मैच भी खेलना शुरू कर दिया है। करतारपुर साहिब में माथा टेकने का कार्यक्रम सिर्फ 4-5 घंटे का होता है, उसके बाद संगत वापस लौट जाती है। इसलिए, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को इसे फिर से खोलना चाहिए था। गुजरात के जरिए उनके साथ व्यापार जारी है। उनके साथ मैच भी खेले जा रहे हैं। दोनों देशों के लोग शांति चाहते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या पंजाब के ज़रिए पाकिस्तान के साथ व्यापार फिर से शुरू होना चाहिए, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि हां इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए था। उन्होंने इसे रोक दिया है। लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, हमारा व्यापार और व्यवसाय बढ़ेगा। हम समय-समय पर मांग करते रहे हैं।
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सीएम भगवंत मान ने अपनी पत्नी के साथ श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका। सीएम ने कहा कि पहले पातशाह, जगत गुरु धन धन साहिब श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर, सचखंड श्री दरबार साहिब, श्री अमृतसर साहिब में नतमस्तक होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज के आगे शीश झुकाया। गुरबाणी कीर्तन का आनंद लिया और नानक नाम लेवा संगतों के दर्शन किए। गुरु साहिब के आगे पंजाब में सामाजिक सौहार्द, भाईचारा और एकता बनी रहने की प्रार्थना की।
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इस दाैरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र को इसे खोलना चाहिए था। अगर वे इसे तभी खोलते हैं जब कोई उन्हें लिखेगा तो इसका क्या फायदा? उन्हें खुद ही इसे खोलना चाहिए था। अब तो उन्होंने उनके साथ क्रिकेट मैच भी खेलना शुरू कर दिया है। करतारपुर साहिब में माथा टेकने का कार्यक्रम सिर्फ 4-5 घंटे का होता है, उसके बाद संगत वापस लौट जाती है। इसलिए, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को इसे फिर से खोलना चाहिए था। गुजरात के जरिए उनके साथ व्यापार जारी है। उनके साथ मैच भी खेले जा रहे हैं। दोनों देशों के लोग शांति चाहते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या पंजाब के ज़रिए पाकिस्तान के साथ व्यापार फिर से शुरू होना चाहिए, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि हां इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए था। उन्होंने इसे रोक दिया है। लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, हमारा व्यापार और व्यवसाय बढ़ेगा। हम समय-समय पर मांग करते रहे हैं।
मंडी गोबिंदगढ़ में श्री गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव पर धार्मिक आयोजन
औद्योगिक शहर मंडी गोबिंदगढ़ के ऐतिहासिक गुरुद्वारा पातशाही छठी में आज श्री गुरु नानक देव जी के आगमन पूर्व की खुशी में विशाल धार्मिक आयोजन किया गया जिसमें श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए। यह शहर सिख धर्म के छठे गुरु हरगोबिंद साहिब जी के वरदान से बसा हुआ शहर है, जिसमें करीब 35 से 40 गांव की संगत इस दिन भारी भीड़ में इकट्ठी होती है। श्री गुरु नानक देव जी के सिद्धांत और इलाही वाणी का कीर्तन करते हुए रागी सिंहो ने संगत को निहाल किया। संगत के लिए अटूट लंगर का आयोजन भी किया जाता है। यह आयोजन बाबा बुड्ढा जी सेवादल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संयुक्त प्रयासों से एवं संगत के सहयोग से किया जाता है।
औद्योगिक शहर मंडी गोबिंदगढ़ के ऐतिहासिक गुरुद्वारा पातशाही छठी में आज श्री गुरु नानक देव जी के आगमन पूर्व की खुशी में विशाल धार्मिक आयोजन किया गया जिसमें श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए। यह शहर सिख धर्म के छठे गुरु हरगोबिंद साहिब जी के वरदान से बसा हुआ शहर है, जिसमें करीब 35 से 40 गांव की संगत इस दिन भारी भीड़ में इकट्ठी होती है। श्री गुरु नानक देव जी के सिद्धांत और इलाही वाणी का कीर्तन करते हुए रागी सिंहो ने संगत को निहाल किया। संगत के लिए अटूट लंगर का आयोजन भी किया जाता है। यह आयोजन बाबा बुड्ढा जी सेवादल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संयुक्त प्रयासों से एवं संगत के सहयोग से किया जाता है।