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Banswara News: सर्द हवाओं में खुले आसमां तले रात गुजारने को मजबूर गरीब परिवार, प्रशासन बेखबर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो Updated Sat, 22 Nov 2025 05:01 PM IST
सार

Banswara News: बांसवाड़ा में बढ़ती सर्दी के बीच बेघर और जरूरतमंद लोग खुले आसमान तले रात बिताने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन और नगर परिषद के दावों के बावजूद रैनबसेरों में व्यवस्था नदारद है। 

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Banswara News: Poor families forced to spend the night under open sky in cold winds, administration unaware
खुले में रात बिताने को मजबूर बेघर और जरूरतमंद (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : AI Image- Freepik
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विस्तार
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'जिन्हें नसीब नहीं छत, उनकी करें बात, सर्द हवाओं में खुले आसमां तले गुजर रही रात' किसी कवि की कविता की यह पंक्तियां बांसवाड़ा जिले में उन लोगों पर सटीक बैठ रही है, जो बेघर और जरूरतमंद हैं। सर्द हवाओं में जरूरतमंद ठिठुरने को मजबूर हैं, लेकिन जिला प्रशासन और नगर परिषद ने अभी तक ऐसे परिवारों को राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।

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मैदानी इलाकों में सर्द हवाओं का जोर बढ़ने का असर बांसवाड़ा में भी पड़ रहा है। जिले में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री के आसपास चल रहा है। दिन में धूप से राहत है, लेकिन शाम होते ही ठंडक बढ़ रही है। ऐसे में जिले में बढ़ती सर्दी के बीच बेघर और जरूरतमंद परिवारों की हालत बदतर होती जा रही है। जिला प्रशासन और नगर परिषद की लापरवाही के कारण मुख्य सड़कों, बस स्टैंड और सार्वजनिक स्थानों पर कई परिवार खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। तेज सर्द हवाओं के बीच छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्गों को ठिठुरते हुए देखा जा सकता है।
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एक चादर एक आसरा
सर्द हवाओं से राहत पाने के लिए जब पूरा शहर घरों की चारदीवारी में दुबका रहता है, तब शहर के नया बस स्टैंड, पुराना बस स्टैंड सहित प्रमुख मार्गों पर दुकानों के बाहर बेघर लोग महज एक चादर या पतले कंबल के आसरे ठंडी रात बिता रहे हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन की ओर से न तो रैनबसेरों में ठहराने की व्यवस्था की गई है और न ही जरूरतमंद परिवारों को किसी प्रकार की सहायता पहुंचाई गई है। हर वर्ष प्रशासन रैनबसेरा, कंबल वितरण और अन्य राहत उपायों की बात तो करता है, लेकिन धरातलीय स्थिति जस की तस है।

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दावे हकीकत से परे
बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर दो रैन बसेरे हैं। इसमें एक नया बस स्टैंड के पीछे टेलिफोन एक्सचेंज के पास और दूसरा प्राइवेट बस स्टैंड परिसर में है। दोनों की जिम्मेदारी नगर परिषद के पास है, लेकिन लापरवाही बरती जा रही है, जिस कारण बेघर लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं। नगर परिषद का दावा है कि दोनों रैन बसेरों पर जरूरतमंदों के लिए व्यवस्था कर रखी है, लेकिन स्थिति इससे जुदा है। अब जरूरत जिला प्रशासन और नगर परिषद से तुरंत प्रभावी कदम उठाने और जरूरतमंदों को मदद पहुंचाने की है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

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